मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, संसद में दूसरी बार पेश किया जाएगा

नई दिल्ली.केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी। इसके तहत देश में शरण लेने वालेगैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। सरकार शीतकालीन सत्र में ही विधेयकको संसद में पेश कर सकती है। मोदीसरकार ने पिछले कार्यकाल (जनवरी में) इसे लोकसभा में पास करा लिया था। लेकिनविपक्षी दलों के विरोध के कारण राज्यसभा में अटक गया था।

दरअसल, विपक्षी दलों ने धार्मिक आधार पर भेदभाव के रूप में नागरिकता विधेयककी आलोचना कर चुके हैं। बिल को लेकर असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों ने आपत्ति जताई थी और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

विधायिका मेंआरक्षण बढ़ाए जाने का बिल भी इसी सत्र में

इसके अलावा कैबिनेट ने बुधवार कोलोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातिके लिए आरक्षण को 10 साल बढ़ाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी। यह आरक्षण 25 जनवरी 2020 को खत्महो रहा था। सूत्रों ने बताया कि सरकार आरक्षण को बढ़ाए जाने के लिए इसी सत्र में बिलपेश करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एससी/एसटी को विधायिका में आरक्षण देना संवैधानिक संशोधन के दायरे में आता है, जबकि इस संवर्गके लिए नौकरियों में समान आरक्षण राज्य सरकारों द्वारा तय किया जाता है।

6 साल भारत में गुजारने वालों को भी नागरिकता मिलेगी
नागरिकता बिल के जरिए 1955 के कानून को संशोधित किया जाएगा। इसमें नागरिकों को 12 साल की बजाय सिर्फ छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत खत्म हो जाएगी। इस बिल के माध्यम से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि असम समझौते के अनुसार 1971 से पहले आए लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान था।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
SC ST Citizenship Bill | Parliamentary Committee Approves SC ST Reservation, Citizenship Amendment Bill


source /national/news/parliamentary-committee-approves-sc-st-reservation-citizenship-amendment-bill-126206885.html

0 Comments