हेमंत सोरेन ने कहा- सत्ता में आने पर झामुमो ने दादागीरी नहीं की, पुरानी सरकार की अच्छी योजनाएं जारी रहेंगी
रांची. 2019 के आखिरी महीने में झारखंड ने बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखा। विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन को अप्रत्याशित जीत मिली और शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने। जल-जंगल-जमीन के संरक्षण, कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ता जैसे बड़े वादों को पूरा करने के अलावा सोरेन सरकार के सामने बड़ी चुनौती सरकारी खजाना है, जो अभी खाली है। भास्कर के झारखंड एडिटर मोहन बागवान ने साल की आखिरी शाम को हेमंत सोरेन से नई सरकार के लक्ष्यों और चुनौतियों पर सवाल किए।
सवाल: शहरी लोगों में डर है कि झामुमो दादागीरी करेगी, चंदा वसूली करेगी?
जवाब: हमें बदनाम करने के लिए विपक्षी दल ऐसी अफवाह उड़ाते हैं। कोई बता दे कि झारझंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कभी दादागीरी की हो, कभी सत्ता का दुरूपयोग किया हो? ऐसा कभी नहीं हुआ। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जी के गृह क्षेत्र में क्या स्थिति रही है, यह किसी से छुपा नहीं है। उनके विधायक ढुल्लो महतो हों या दूसरे लोग... ये क्या करते हैं, सभी को पता है।
सवाल: पिछली सरकार ने मर्जर के नाम पर कई स्कूल बंद कर दिए। आपने इसका विरोध किया था। क्या स्कूल दोबारा खोले जाएंगे?
जवाब: उन सभी स्कूलों को खोला जाएगा, इसमें कोई दोराय नहीं है। इन्हें बेहतर तरीके से कैसे चलाया जाए, यह देखेंगे। जिस वजह से राइट टू एजुकेशन लाया गया था, उसका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन कैसे किया जाए, इस पर काम किया जाएगा।
सवाल: चुनाव कैंपेन में आपका नारा "बदलो सरकार-पाओ अधिकार' था। लोगों को क्या अधिकार देने वाले हैं?
जवाब: अधिकार के मायने बहुत बड़े हैं। गरीब को अनाज, बच्चों को छात्रवृत्ति, नौजवानों को रोजगार, किसानों को फसल का उचित दाम, महिलाओं का सशक्तिकरण, आम लोगों को इलाज और शिक्षा के बेहतर इंतजाम हमारा लक्ष्य है।
सवाल: जल-जंगल-जमीन के संरक्षण के सिद्धांत पर काम करते हुए आप सत्ता में आए। इसकी सुरक्षा और औद्योगिक विकास दोनों साथ-साथ करना मुश्किल होता है। ऐसे में राज्य को कैसे आगे ले जा पाएंगे?
जवाब: इसमें कोई मुश्किल नहीं, बशर्ते औद्योगिक घराने भी इसमें सहयोग करें। जल्द आप देखेंगे कि किस तरीके से इस क्षेत्र में बदलाव लाए। राज्य बनने के 19 साल में पहली बार लोगों को लग रहा है कि यह उनकी सरकार है। हम हंसते, खेलते हुए रास्ते निकालेंगे। जमीन मालिकों का सहयोग लेंगे, व्यापारी-उद्योगपतियों की भूमिका रहेगी और सरकार दोनों को पूरा-पूरा संरक्षण देगी।
सवाल: राजधानी रांची की ट्रैफिक समस्या से हर कोई परेशान है। इसका समाधान कैसे करेंगे?
जवाब: इसका समाधान होगा। समस्याएं कहीं न कहीं सरकार की रीति-नीति और निर्णय की वजह से ही होती हैं। इतनी सारी इमारतें बनाकर लोगों को बसा दिया गया। सुनियोजित तरीके से काम नहीं किया गया और समस्या इसीलिए खड़ी हुई।
सवाल: नक्सलवाद से निपटने के लिए भाजपा सरकार ने बंदूक का सहारा लिया? आप कैसे इसे काबू में करेंगे?
जवाब: आपके जरिए हम ऐसे लोगों और समूहों से कहना चाहते हैं कि अपना एजेंडा बताइए। आप सरकार से बात कीजिए। हमारी कोशिश होगी कि आपकी हर समस्या का समाधान हो। हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि आपके साथ अन्याय न हो। निश्चित तौर पर राज्य में नक्सलवाद खत्म करेंगे।
सवाल: आपने तीन महीने में पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव केंद्र को भेजने की बात कही थी?
जवाब: हम इस बात पर कायम हैं। तीन महीने में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजेंगे।
सवाल: पांच साल तक रघुवर सरकार का विरोध किया। क्या रघुवर सरकार की योजनाएं बंद करेंगे?
जवाब: जो अच्छी योजनाएं हैं, उन्हें हम क्यों बदलेंगे? अच्छे कामों की न सिर्फ सराहना होनी चाहिए, बल्कि उन्हें आगे भी बढ़ाया जाना चाहिए। हम ऐसा ही करेंगे। अनावश्यक योजनाओं को जरूर बंद किया जाएगा।
सवाल: सरकार की आर्थिक स्थिति खराब है। किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाओं कैसे पूरा करेंगे?
जवाब: हम यह काम करेंगे। अभी तो काम शुरू किया है। पुरानी सरकार ने बट्ठा बैठा दिया। उन्होंने जो किया सो किया। अब हम इसके लिए जल्द ही श्वेतपत्र जारी करेंगे। हम बताएंगे कि किस हाल में हमें राज्य मिला है। हमने चुनौती को स्वीकार किया है और उसका सामना भी करेंगे।
सवाल: मंत्रिमंडल में फिलहाल तीन ही मंत्री है, विस्तार कब तक करने वाले हैं?
जवाब: 8 जनवरी के बाद विस्तार भी करेंगे।
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source https://www.bhaskar.com/jharkhand/ranchi/news/hemant-soren-said-jmm-did-not-give-up-on-coming-to-power-good-plans-of-old-government-will-continue-126409798.html
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