राजस्थान में झोलाछापों ने गर्भ गिराने को जो दवा और इंजेक्शन दिए, उन्हें देख एक्सपर्ट्स बोले- ये तो जानलेवा हैं

जयपुर (आनंद चौधरी).राजस्थान में 50 हजार से ज्यादा झोलाछाप ‘डॉक्टर’ अपनी दुकानों पर मरीजों का मनमाना इलाज कर उन्हें जानलेवा दवाएं और इंजेक्शन दे रहे हैं। भ्रूण हत्याएं तो इन दुकानों की कमाई का मूल जरिया हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, हर साल प्रदेश में इन झोलाछापों के इलाज के कारण 8 हजार लोगों को जान गंवानी पड़ती है। इनमें महिलाएं और बच्चे ज्यादा हैं। इसी सच को उजागर करने के लिए दैनिक भास्कर ने प्रदेश के 5 जिलों में 82 झोलाछापों का स्टिंग किया।

इस दौरान भास्कर ने देखा कि झोलाछाप हर बीमार को एक जैसी ही दवाएं दिए जा रहे हैं। हर आने वाले को सबसे पहले लिटाकर ड्रिप चढ़ाई जाती है। बुखार-जुकाम की एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। स्टेरॉयड के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इसके बाद भास्कर रिपोर्टर्स ने खुद मरीज बनकर एक माह तक इन झोलाछापों से दवाइयां खरीदी। जब इन दवाओं का प्रदेश के बड़े दवा विशेषज्ञों व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पैनल से अध्ययन करवाया तो विशेषज्ञ भी हैरान रह गए। उन्होंनेे बताया कि झोलाछाप एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड व गर्भ गिराने की जो दवा बेच रहे हैं, ये मरीजों के लिए बेहद खतरनाक और जानलेवा हैं।

सिर में गांठ थी, जहरीले दूध का इंजेक्शन लगा दिया, मौत
बांसवाड़ा के चिड़ियावासा थाना इलाके के धनपुरा गांव के कालू पुत्र मंगला को बोरवट कस्बे के एक झाेलाछाप ने जहरीले झाड़ के दूध से भरा इंजेक्शन लगा दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। थाने में दर्ज मामले के अनुसार कालू के सिर पर गांठ थी। वह बोरवट नई बस्ती के झोलाछाप बारजी पुत्र गोबरिया के पास गया। देशी इलाज के नाम पर बारजी ने कालू के सिर में जहरीले झाड़ का दूध निकालकर इंजेक्शन लगा दिया। इंफेक्शन के कारण थोड़ी देर बाद ही कालू की मौत हो गई।

बुखार होने पर 3 साल की बच्ची को लगा दिया इंजेक्शन, मौत
उदयपुर के जोरिया के कानाराम गमेती की 3 साल की बेटी भाग्यवंती को बुखार था। पत्नी मीरा एक अक्टूबर को उसे कोटड़ा के देवला गांव में झोलाछाप बंगाली डॉक्टर के पास लेकर आई थी। झोलाछाप ने बिना जांच के ही भाग्यवंती को स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगाया। बच्ची तड़पने लगी। परिजन उदयपुर अस्पताल लेकर आए, जहां उसने दम तोड़ दिया।

भास्कर स्टिंग के बाद दूसरे दिन 71 झोलाछाप और गिरफ्तार

राजस्थान में झाेलाछापाें के खिलाफ भास्कर के स्टिंग के बीच पुलिस ने रविवार काे भी कार्रवाई की। 71 झोलाछाप गिरफ्तार किए गए। इससे एक दिन पहले शनिवार को 231 झोलाछाप गिरफ्तार किए गए थे। अब तक प्रदेश में 302 झाेलाछाप पकड़े जा चुके हैं। उधर, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में एक भी झोलाछाप नहीं रहेगा। सरकार के पास प्रदेशभर में स्वास्थ्य को लेकर बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है, ऐसे में किसी भी मरीज को झोलाछाप डाक्टर के पास जाने की जरूरत ही नहीं है। इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। इसके बावजूद भी यदि कोई झोलाछाप डाॅक्टर पकड़ा गया तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

झोलाछाप की हर दवा खतरनाक

जन स्वास्थ्य अभियान की छाया पंचोली ने कहा कि केपीएमजी के सर्वे के अनुसार 20% झोलाछाप ही 12वीं तक पढ़े हैं। वे गर्भ गिराने की दवा दे कैसे सकते हैं? स्त्रीरोग विशेषज्ञ भी ऐसी दवा देना देने से पहले 100 बार सोचते हैं। झोलाछाप मरीजों को बिना लक्षण देखे स्टेरॉयड के इंजेक्शन दे रहा है, एंटीबायोटिक दे रहा है। इससे ज्यादा खतरनाक और क्या होगा?

उफ! खांसी-जुकाम में स्टेरॉयड एंटीबायटिक्स

मेडिसिन के डॉ. अंजय बंसल का कहना है-झोलाछाप ने जो दवाएं दी हैं, वे लगातार लेने से बीमार हमेशा के लिए मरीज बन जाएगा। खांसी, जुकाम, फ्लू, ब्रॉन्काइटिस, गले में संक्रमण और वायरल में एंटीबायोटिक दी हैं। इनके अधिक इस्तेमाल से किडनी, लिवर फेल भी हो सकते हैं। बीमारी के लक्षण जाने बिना स्टेरॉयड इंजेक्शन व एंटीबायोटिक देना मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है।

इस दवा से 20 दिन से ज्यादा का गर्भ गिराना जानलेवा

वरिष्ठ गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. नीलम बापना का कहना है-गर्भ गिराने की कोई भी दवा 15-20 दिन से ज्यादा समय का गर्भ होने पर कारगर नहीं। एक माह से ज्यादा का गर्भ गिराने के लिए यह दवा दी तो आधा गर्भ रह सकता है। बच्चेदानी खराब हो सकती है। ज्यादा ब्लीडिंग से जान जा सकती है। गायनाकोलॉजिस्ट सोनोग्राफी के बाद तय करते हैं कि क्या करना है। डीएनसी या अन्य निर्णय डॉक्टर के सुपरविजन में होता है। झोलाछाप यदि बिना किसी तरह की जांच और सुपरविजन के ऐसी दवा दे रहे हैं तो यह निश्चित रूप से यह महिला की जान के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

ये तो मर्ज बढ़ाने वाले इंजेक्शन हैं

पूर्व उपनिदेशक आयुर्वेद डॉ. अशोक बी शर्मा ने बताया-दैनिक भास्कर ने झोलाछाप से जो दवाइयां खरीदी हैं उनमें से ज्यादातर को तो डॉक्टर भी देने से कतराते हैं। सामान्य पेट दर्द, उल्टी और बुखार बताने पर ही झोलाछाप ने स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक और दर्द के जो इंजेक्शन दिए हैं, वे मरीज की बीमारी को खत्म करने की बजाय उसे और ज्यादा बढ़ाने वाले हैं।

झोलाछापों ने दवा में बीमारी दी

आयुर्वेदचिकित्साधिकारी डॉ. शोभालाल औदिच ने बताया कि झोलाछापों ने भास्कर टीम को जो दवाएं दी हैं, उनमें ज्यादातर एंटीबायोटिक्स व स्टेरॉयड हैं। स्टेरॉयड से मांसपेशियां और लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं जिससे काेलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। ब्लड वेसल्स की दीवारों पर कोलेस्ट्राॅल जमा होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्टेरॉयड से पीलिया, खून की गांठें बनने जैसी दिक्कत हो जाती हैं। कम उम्र में स्टेरॉयड हड्डियों कमजोर करता है।



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झोलाझापों की ओर से दी गईं दवाओं की जांच करती विशेषज्ञों की टीम।


source https://www.bhaskar.com/rajasthan/jaipur/news/bhaskar-sting-expert-doctors-check-medicines-126404427.html

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