पहला सीडीएस मिलना ऐतिहासिक पल, जनरल रावत प्रधानमंत्री की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सैन्य सलाहकार भी होंगे
नई दिल्ली से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी.देश को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के रूप में मिला है।बतौर सीडीएस उनका दर्जा 4 स्टार जनरल का होगा। वे सभी समकक्षों में प्रथम होंगे। जनरल रावत प्रधानमंत्री की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सैन्य सलाहकार भी होंगे। पहले सीडीएस की नियुक्ति पररिटायर्ड लेफ्टिनेंटजनरलसंजय कुलकर्णी ने दैनिक भास्कर के लिए विशेष लेख लिखा।
एक सचिव के तौर पर जनरल रावत सैन्य मामलों के विभागाध्यक्ष होंगे, जिसके तहत तीनों सेनाओं के मुख्यालय, प्रादेशिक सेना और राजस्व प्रबंधन एकीकृत तौर पर काम करेंगे। सीडीएस की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी।यह आवश्यक भी था। सुब्रमण्यम कमेटी, नरेश चंद्र कमेटी और शेकटकर कमेटी... सभी ने इस बात की अनुशंसा की थी कि सिंगल प्वाइंट कॉन्टैक्ट की आवश्यकता है ताकि अनावश्यक व्यय से बचा जा सके। ऐसा करने से मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिपेयर फैसिलिटी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके और सीमित संसाधनों में अधिकतम परिणाम हासिल किया जा सके।
सीडीएस तीनों सेनाओं के एकीकरण को सुनिश्चित करेगा
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सशस्त्र सेना के आधुनिकीकरण और मौजूदा उपकरणों के संचालन के लिए देश की जीडीपी के 2.5% से ज्यादा हिस्से की जरूरत है। रक्षा मंत्रालय के समन्वय और तीनों सेनाओं के एकीकरण को निश्चित कर सीडीएस पूंजी भी प्राथमिकता से हासिल कर सकते हैं।साथ ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मौजूदा सैन्य संसाधन समन्वित रूप से काम करें ताकि परमाणु क्षमता से लैस भारतीय सेनाएं जरूरी सामरिक बढ़त हासिल कर सके। सीडीएस के तौर पर जनरल रावत प्रधानमंत्री की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सैन्य सलाहकार भी होंगे।
कथित अविश्वास को दूर करेंगे सीडीएस
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सीडीएस की जिम्मेदारियां इस तरह से तय की है कि तीनों सेनाओं की ऑपरेशनल कमांड सेनाध्यक्षों के पास ही रहेगी और यह तीनों प्रमुख रक्षा मंत्री के सलाहकार के तौर पर काम करते रहेंगे। तीनों सेनाओं के मामले में सीडीएस रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार के तौर पर काम करेंगे। सीडीएस पहले देश और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता की नीति पर काम करेंगे। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि तीनों सेनाएं एकसाथ काम करें।उनमें समन्यवय बना रहे। इसके साथ ही वे भरोसेमंद लीडरशिप मुहैया कराकर एक मजबूत नींव डालेंगे। वे नौकरशाहों और सेनाओं के बीच में एक सेतु की तरह काम करेंगे ताकि कथित अविश्वास की धारणा दूर हो सके।
सैन्य सुधार लगातार चलने वाली प्रक्रिया
रक्षा मामलों से जुड़े विभाग में सिविलियंस और मिलिट्री अफसरों की मौजूदगी वह जरूरी आत्मविश्वास देगी, जिससे राष्ट्र सुरक्षा और सैन्य मामलों पर पूरा ध्यान दिया जा सकेगा। सैन्य सुधार लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और सीडीएस का जोर सेनाओं चुस्त-दुरुस्त करने पर रहेगा, जिससे भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए स्पेस, साइबर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्पेशल फोर्सेस को एकीकृत किया जा सके। सीडीएस के तौर पर उनके लिए सभी को एकीकृत करना और थिएटर कमांड की स्थापना करना बड़ी चुनौती रहेगा।
देश ने सही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का चयन किया है। जनरल रावतनेशनल डिफेंस अकादमी के गोल्ड मेडलिस्ट और यूएस वार कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। वे ऐसे लीडर हैं, जो तेजी से बदलते माहौल में तीनों सेनाओं को एकसाथ रखकर आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। रक्षा मंत्री इस बात के लिए आश्वस्त हो सकतेहैं कि सिंगल प्वाइंट कॉन्टैक्ट के रूप में सीडीएस पूरी तरह विश्वसनीय हैं।
(लेखक सैन्यविशेषज्ञ हैं। सियाचिन पर कदम रखने वाले पहले अफसर हैं)
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source https://www.bhaskar.com/national/news/historical-moment-for-the-country-to-get-the-first-chief-of-defense-staff-general-rawat-can-face-the-challenges-better-by-taking-the-three-forces-together-126408488.html
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