संसद में गुस्सा दिखा रहे दलों ने चुनाव में 88 ऐसे प्रत्याशी उतारे, जिन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के केस; इनमें से 19 लोकसभा में

नई दिल्ली. हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मुद्दे पर संसद में नेताओं ने घंटों बहस की। निर्भया मामले के 7 साल बीत जाने के बाद भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त कानून की कमी बताई और कहा कि सब साथ आएं तो और कठोर कानून बनाने को तैयार हैं। लेकिन इसी साल हुए लोकसभा चुनाव के वक्त सबका रुख एक जैसा था। पार्टियों ने 88 ऐसे उम्मीदवार उतारे, जिन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध केमुकदमे चल रहे थे। भाजपा इसमें भी अव्वल रही। उसने ऐसे 15 उम्मीदवारों को टिकट दिया, इनमें से 10 जीतकर संसद में ही बैठे हैं। दूसरे पायदान पर कांग्रेस थी, जिसने 9 ऐसे नेताओं को टिकट दिया, उनमें से 5 जीत गए। महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोपी 88 उम्मीदवारों में से 19 अभी लोकसभा में हैं। इनमें से तीन पर दुष्कर्म के आरोप हैं। 38 निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी ऐसे मामले थे, लेकिन सब के सब चुनाव हार गए। ये आंकड़े 7928 उम्मीदवारों के शपथपत्रों के आधार पर तैयार हुई एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक हैं।

31 विधानसभा चुनाव में भी 443 उम्मीदवारों पर महिलाओं से अपराध के मामले थे
पिछले पांच सालों में 29 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव हुए। कुल 40,690 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें443 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले थे। ऐसे सबसे ज्यादा 49 उम्मीदवार भाजपा के थे। कांग्रेस के ऐसे 41 प्रत्याशी थे। इन 443 उम्मीदवारों में से 63 विधायक बने। इनमें भाजपा के 13 और कांग्रेस के 14 विधायक हैं।

पार्टी

महिलाओं पर अत्याचार के आरोपी उम्मीदवार

कितने उम्मीदवार जीतकर विधायक बने

भाजपा

49

13

कांग्रेस

41

14

बसपा

22

0

माकपा

16

1

शिवसेना

11

2

सपा

9

0

आप

7

0

वाईएसआरसीपी

7

5

तृणमूल कांग्रेस

5

5

बीजद

6

6

(सोर्स : लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के शपथपत्रों के एनालिसिस पर आधारित एडीआर रिपोर्ट। नोट- इसमें विधानसभा उपचुनावों का डेटा शामिल नहीं है।)



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MPs and MLAs who have cases of crime against women


source https://www.bhaskar.com/db-originals/news/mps-and-mlas-who-have-cases-of-crime-against-women-126209908.html

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