तमिलनाडु: विलाचरी गांव के हर हाथ भगवान राम को गढ़कर सध गए, इनके मिट्टी के ईसा मसीह और सांता दुनियाभर में जाते हैं
मनीषा भल्ला | रामेश्वरम .तमिलनाडु में मदुरई से 10 किमी दूर कन्याकुमारी हाई-वे पर विलाचरी गांव है, जो मिट्टी से सोना उगलता है। 1400 की आबादी वाले इस गांव में वेलालर जाति के लोग रहते हैं और यहां का हर परिवार का पेशा मिट्टी के खिलौने और मूर्तियां बनाना है। वे यह काम सौ सालों से कर रहे हैं। इस गांव के हर हाथ भगवान राम से लेकर गणपति को गढ़ते हुए सध गए हैं। यहां के लोगों को न तो किसी सरकारी मदद की दरकार है और न ही किसी सरकारी खरीद की। नेताओं के नाम पर तो ये नाक-भौं चढ़ाते हैं। गांव के टी वासवन बताते हैं ‘तुगां नगरम कहा जाता है इस गांव को... इसका मतलब बिना सोए।
यानी गांव दिन-रात काम करता है। हर घर की चौखट पर धूप में सूख रहे तरह-तरह के रंग-बिरंगे खिलौने मिल जाएंगे। संपन्नता का आलम यह है कि गांव का हर घर 10 लाख रुपए तक सालाना कमा लेता है। मिट्टी की कलाकृतियों और मिट्टी के इकोफ्रेंडली खिलौने बनाने के लिए मशहूर इस गांव के कारीगरों का बनाया सामान देश-विदेश में बिकता है। 78 वर्षीय सांबशिवम कहते हैं- नवरात्रि, गणेश चतुर्थी और दिवाली पर केरल, कर्नाटक, बेंगलुरू की बड़ी एजेंसियां हमारा सामान ले जाती हैं। वे इसकी अच्छी पैकिंग करके दूसरे देशों मेंे बेचती हैं। सांबशिवम के दोनों बेटे भी यही काम करते हैं। 35 वर्षीय टी विजय कुमार ने बताया- रामनवमी पर राम की मूर्तियों की इतनी मांग आती है कि सालभर पहले हमारे पास आॅर्डर आ जाते हैं।
बुकिंग के पैसे एडवांस मिल जाते हैं। खास बात यह है कि ये लोग रामायण में दर्ज प्रसंगों पर मूर्तियां यानी संग्रह बनाते हंै। इन मूर्तियों के माध्यम से ही उस काल का दृश्य सामने आ जाता है। भगवान राम से जुड़े प्रसंगों की मूर्तियां काठमांडू, दुबई समेत कई देशों में भी एक्सपोर्ट होती हैं। इन लोगों को केवल साल के ठेके के पैसे दे दिए जाते हैं। जैसे 10 या 20 लाख या 30 लाख रुपए। आगे यह मूर्तियां किस कीमत में बिकती हैं, इन लोगों को नहीं पता है। बीते साल विजय के परिवार ने 30 लाख रुपए लगाए थे। सारा खर्च निकालने के बाद 15 लाख रुपए मुनाफा कमाया। विजय के मुताबिक हमारे परिवार में ज्यादा सदस्य होने के कारण हमारा प्रोडक्शन भी ज्यादा होता है।
खिलौनों से 15 लाख रु. तक कमा लेते हैं सालभर में
विलाचरी के टी रमेश ने बताया कि हम सालभर में खिलौने बनाकर 10 से 15 लाख रुपए तक कमा लेते हैं। हर त्योहार के मद्देनजर हमें मूर्तियां बनाने का ऑर्डर मिलता है। हम खिलौने रिटेल में नहीं बेचतेे। एजेंसियों के जरिए बेचते हंै। क्रिसमस पर ईसा मसीह और सांता क्लाॅज की एक लाख मूर्तियों की मांग रहती है। भारत में 250 रुपए में बिकने वाला खिलौना दूसरे देशों में 2,000 रुपए तक बिकता है।
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source /national/news/every-hand-of-villachri-village-was-built-by-forging-lord-ram-01683923.html
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