भ्रष्ट और गैरकानूनी तरीके से राज्य की गर्दन पर बैठी सरकार 72 घंटे में विदा: ‘सामना’ में शिवसेना

मुंबई. महाराष्ट्र में मंगलवार कोमहाराष्ट्र में सियासी उठापठक के बीच देवेंद्र फडणवीस को तीन दिन में ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अबउद्धव ठाकरेनए मुख्यमंत्री होंगे। इस बदलाव से उत्साहित शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामनामें भाजपा पर निशाना साधा है। ‘उद्दंड शोरगुल थमा, अब शुभ होगा!’नाम से लिखेसंपादकीय में शिवसेना ने लिखा- जिन अजित पवार के समर्थन से फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा किया, उन्होंने पहले ही उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अजीत के साथ दो विधायक भी नहीं बचे। इसका विश्वास हो जाने पर देवेंद्र फडणवीस को भी जाना पड़ा। भ्रष्ट और गैरकानूनी तरीके से महाराष्ट्र की गर्दन पर बैठी सरकार सिर्फ 72 घंटों में विदा हो गई। यह भी लिखा कि एजेंट पैसों का बैग लेकर विधायकों के पीछे घूम रहे थे। बहुमत खरीदकर राज करने का प्रयास विफल हो गया।

सत्ताधारियों ने लगाया लोकतंत्र का बाजार
संपादकीय के मुताबिक,‘‘संविधान दिवस के दिन ही सर्वोच्च न्यायालय का ये फैसला आना और थैलीशाही-दमनशाही की राजनीति करने वालों को झटका लगना, इसे एक सुखद संयोग कहा जाएगा। सत्ताधारियों ने भले ही लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांत का बाजार लगाया था, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से वह ध्वस्त हो गया।’’

सामना में फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण और राजभवन की नीति पर सवाल खड़े किए गए। लिखा- ‘‘24 घंटेमें बहुमत साबित करने का आदेश दिया गया।फडणवीस की गैरकानूनी तरीके से बनाई गई सरकार गिरेगी, यहबताने के लिए किसी ज्योतिषी की आवश्यकता नहीं रह गई। बहुमत का आंकड़ा न होने के बावजूद फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह पहला अपराध था। जिसके समर्थन से शपथ ली, उन अजीत पवार के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के सारे आरोपों को 4 घंटे में ही रद्द कर दिया, यह दूसरा अपराध। इस अपराध के लिए जगह चुना गयामुंबई का राजभवन। यहां संविधान की रक्षा की जानी चाहिए, उन संविधान के संरक्षकों ने इस अपराध को कवच पहना दिया।’’

सत्ता की लाचारी भाजपापर भारी
सामना में आगे लिखा- ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए।भाजपा से हमारा व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है, लेकिन जाते-जाते फडणवीस ने हम पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिवसेना कोसत्ता के लिएलाचार होने की बात कही है। ये कहना वैसे ही है जैसे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। शिवसेना को लाचार कहने वाले पहले खुद पर जमी धूल को देख लें।अजीत पवार से उनकी‘नजदीकी’ चलती है, लेकिन शिवसेना के साथ जो बात तय हुई थी, उससे पलटी मारकर क्या मिला?तुमने झूठ बोला और शिवसेना को झूठा साबित करने का प्रयास किया। इसलिए महाराष्ट्र की स्थिरता और स्वाभिमान के लिए3 पार्टियों नेसाथ आने का फैसला लिया।’’

‘‘महाराष्ट्र में सत्ता के लिए भाजपाइतनी बेकरार क्यों थी? इतना अनैतिक और सिद्धांतविहीन आचरण दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के अनुयायियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे द्वारा 162 लोगों का आंकड़ा दिखाने के बावजूद उन्होंने हमें झूठा ठहराने का घृणित प्रयास किया। अब बहुमत परीक्षण के पहले ही फडणवीस की सरकार भाग निकली। महाराष्ट्र में अब तक किसी भी सरकार या राजनीतिक पार्टी की इतनी बदनामी नहीं हुई थी। अजीत पवार ने आखिरी क्षणों में अपना वस्त्रहरण रोक लिया लेकिन भाजपा पूरी तरह से नग्न हो गई। महाराष्ट्र का उद्दंड शोरगुल थम गया। अब सब शुभ होगा।’’

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उद्धव ठाकरे।- फाइल फोटो


source https://www.bhaskar.com/maharashtra/mumbai/news/shivsena-targeting-bjp-in-saamana-news-paper-says-government-illegally-seated-on-the-neck-of-the-state-down-126148523.html

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