आज भी आदम की बेटी हंटरों की जद में है, हर गिलहरी के बदन पर धारियां होंगी जरूर: कुमार विश्वास

भोपाल. दैनिक भास्कर के चेयरमैन स्व. रमेशचंद्र अग्रवाल के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर रवींद्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर शनिवार को ‘कविताओं की एक शाम’ कार्यक्रम हुआ। यहां सुनील जोगी, शकील आजमी, अमन अक्षर, मुमताज नसीम, हेमंत पांडे और मदन मोहन दानिश ने कविताओं से शाम रोशन की। कुमार विश्वास ने हैदराबाद की घटना पर राज गोपाल सिंह का शेर सुनाया।पढ़िए उन्हीं की जुबानी...


हम संधिकाल में पैदा हुए...

‘‘मैं हमेशा जिक्र करता हूं कि रमेश जी ने अपने जीवन का जो अंतिम कवि सम्मेलन देखा था, जिसमें वो बहुत प्रसन्न थे, लगभग पचास हजार लोगों की उपस्थिति में अल्बर्ट हॉल में हमने किया था। पहली बार अल्बर्ट हॉल में लाइटिंग हुई और पहली बार वहां रात में कोई कार्यक्रम हुआ था। हमसे मुमताज नसीम पूछ रहीं थीं कि मां के पैर के नीचे जन्नत होती है, बाप के पैर के नीचे क्या होता है..? मैंने कहा जूता होता है... वो ही देखा था हमने। हम ऐसे संधिकाल में पैदा हुए जिसमें न हमें राहुल गांधी जैसा बचपन मिला और न ही अनूप जलोटा जैसा बुढ़ापा मिलने की संभावना है...।’’


कुमार विश्वास ने बताया, ‘‘तीन साल पहले मेरा एक दोस्त न्यूयॉर्क से भारत आया। जिस दिन आया उस दिन शादियां बहुत थीं। उसने मुझसे कहा- तुम लोग शादी में इतना शोर क्यों करते हो? मैंने कहा हम इस आदमी को मौका नहीं देना चाहते कि ये सोचे कि हो क्या हो रहा है, आगे क्या होगा। इतना शोर करते हैं कि उसे लगे कि सब कुछ अच्छा-अच्छा हो रहा है। मतलब ऐसा माहौल बना देते हैं कि देवेंद्र फडणवीस की शपथ के लिए सबने बधाई दे दी, कि होगी ही होगी। पता ही नहीं लगा कि जिस अजीत पवार के चक्कर में हैं, उनका चाचा बहुत ऊंची रकम है। पहली बार भाजपा को पता चला कि हर चाचा शिवपाल नहीं होता...।’’


इसके बाद उन्होंने कवि हेमंत पांडे को आमंत्रित किया।हेमंत ने पढ़ा- मोदी ने सफाई अभियान छेड़ रखा है। मैं उप्र से हूं। हमारे यहां पौधरोपण कार्यक्रम हुआ। विधायक जी नेपौधा लगाया, जिसे आधे घंटे में बकरा खा गया। शाम को विधायक जी ने बकरे को खा लिया।

‘लोग आप पर भरोसा कब करेंगे’
कुमार विश्वास ने हैदराबाद में हाल ही में घटी घटना का जिक्र करते हुए कहा- ‘‘जानवरों का इलाज जिस बच्ची ने सीखा था, वो मनुष्य के अंदर के जानवर को पहचानने में नाकाम रही। दुर्भाग्य है कि वहां के गृहमंत्री कह रहे हैं कि उसने हमें फोन क्यों नहीं किया। यहां प्रशासन के लोग भी बैठे हैं, ये तो हुजूर आप खुद से पूछिए, थाने खुद से पूछें, पुलिस अधिकारी खुद से पूछें, वो दिन इस देश में कब आएगा, जब इस देश के लोग अपने परिवार से ज्यादा आप पर भरोसा करना सीख जाएंगे। मुझे राज गोपाल सिंह का शेर याद आ रहा है - मौन ओढ़े है सभी, दुश्वारिया होंगी जरूर, राख के नीचे दबी चिंगारियां होगी जरूर, और आज भी आदम की बेटी हंटरों की जद में है, हर गिलहरी के बदन पर धारियां होंगी जरूर।’’


‘जो मैंने किया, वो तुम्हें नहीं करने दूंगा’
पद्मश्री कवि सुनील जोगी ने सुनाया- एक लड़की की विदाई पर छोटा भाई पिता से बोला- पापा दीदी रो रही है और जीजा जी नहीं रो रहे। पिता ने समझाया बेटा दीदी तो केवल गेट तक रोएगी, जीजा जिंदगी भर रोएगा। सियासत से जो़ड़ते हुए उन्होंने कहा- उप्र में योगी जी ने एंटी रोमियो स्क्वाड लागू किया। मैंने पूछा क्यों ? उनका जवाब था- चाहत के समंदर में उतरने नहीं दूंगा, महबूब की गलियों से गुजरने नहीं दूंगा, इक रोमियों से योगी जी ने बात यह कही, जो मैंने न किया वो तुम्हें करने नहीं दूंगा। हैदराबाद पर हुई घटना पर उन्होंने सुनाया - कभी दामिनी, कभी प्रियंका... कभी निर्भया, गली-गली रावण की लंका... उठो बेटियों खड़ग उठा लो, बन दुर्गा अवतारी...।


‘मां नहीं होती तो घर पूरा नहीं होता’
गीतकार और शायर शकील आजमी ने सुनाया- मरके मिट्‌टी में मिलूंगा खाद हो जाऊंगा मैं, फिर खिलूंगा शाख पर आबाद हो जाऊंगा मैं...। बार बार मैं आऊंगा तेरी नजर के सामने, फिर एक रोज तेरी याद हो जाऊंगा मैं..। तेरे सीने में चुपके से उतर आऊंगा..। इसके बाद उन्होंने सुनाया- गुजरता है मेरा हर दिन, मगर पूरा नहीं होता, मैं चलता जा रहा हूं और सफर पूरा नहीं होता...। वो चोटी की बनावट हो, कि टोपी की सजावट हो, इसी क्रम में उन्होंने बिना इंसानियत के कोई सर पूरा नहीं होता। खुदा भी खूब है, भगवान की मूरत भी सुंदर है, मगर जब मां नहीं होती तो घर पूरा नहीं होता।


दानिश, मुमताज और अमन अक्षर ने भी पेश की रचनाएं
कविताओं की इस शाम में मदन मोहन दानिश और मुमताज नसीम ने भी अपने कलाम पढ़े। मदन मोहन दानिश ने पढ़ा- तुम अपने आप पर एहसान क्यों नहीं करते, किया है इश्क तो एलान क्यों नहीं करते...। मुमताज नसीम के एक शेर ने बहुत तालिया बटोरीं। उन्होंने पढ़ा -आज इकरार कर लिया हमने, खुद को बीमार कर लिया हमने… अब तो लगता है जान जाएगी, तुमसे जो प्यार कर लिया हमने...। कवि अमन अक्षर ने भगवान राम की पीड़ा बताई- जग की सब पहेलियों को देके कैसा हल गए, लोक के जो प्रश्न थे वो शोक में बदल गए...।



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Even today, Adam's daughter is in the JD of hunters, there will be stripes on the body of every squirrel: Kumar Vishwas
उत्तर प्रदेश के कवि सुनील जोगी ने भी कवितापाठ किया।
गीतकार और शायर शकील आजमी ने भी शेर कहे।
भोपाल के रवींद्र भवन में शनिवार को ‘कविताओं की एक शाम’ कार्यक्रम हुआ।
Even today, Adam's daughter is in the JD of hunters, there will be stripes on the body of every squirrel: Kumar Vishwas
Even today, Adam's daughter is in the JD of hunters, there will be stripes on the body of every squirrel: Kumar Vishwas


source /mp/bhopal/news/dainik-bhaskar-prerna-utsav-126176163.html

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