श्रीधरन ने कहा, मेट्रो हादसे के बाद प्रोजेक्ट छोड़ने का फैसला किया था, श्रीमद्भागवत गीता पढ़ने से हौसला मिला

नई दिल्ली. बात अप्रैल 2009 की है, जब मेरे जीवन में दिल्ली मेट्रो के निर्माण के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी हुई। लॉन्चिंग गर्डर्स (बीम) गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई। मैंने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए डीएमआरसी के एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से वह स्वीकार नहीं किया गया। इस दौर में गीता ने ही मुझे संभाला।

श्रीमद्भागवत गीतामें कहा गया है कि आपको सौंपे गए कार्यों को बिना लाभ या परिणाम की उम्मीद के पूरा करना है। सभी कर्तव्यों को ऐसे करिए, जैसे ईश्वर को समर्पित कर रहे हों।

इसी ने मेरे मन को बदल दिया। मैंने तय किया कि अपनी जिम्मेदारियों से भागूंगा नहीं, बल्कि तमाम विपरीत स्थितियों का सामना करूंगा। इसी संकल्प के साथ खामियों को दूर करने में जुट गया। आज मुझे सुकून है कि मैंने पद नहीं छोड़ा। अगर छोड़ देता तो मेट्रो आज जैसी स्थिति में कभी भी न पहुंच पाती।

घर में श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करते श्रीधरन।


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मेट्रोमैन ई श्रीधरन।


source /national/news/sreedharan-said-had-decided-to-leave-the-project-after-the-metro-accident-but-reading-the-srimad-bhagwat-geeta-was-encouraging-126240403.html

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