केंद्र वन्यजीव अधिनियम का संशोधन मसौदा वापस लेगी, उल्लंघनकर्ता को गोली मारने पर भी अधिकारियों के लिए सजा का प्रावधान नहीं था

नई दिल्ली.केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को वन्यजीव अधिनियम में संशोधन का प्रस्तावित मसौदा वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने पिछले 5 साल में हमेशा वनवासियों और जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए काम किया। उनके साथ किसी प्रकार की ज्यादती नहीं हो इसलिए हमने भारतीय वन्यजीव अधिनियम,1927 में संसोधन के लिए तैयारमसौदा वापस लेने का निर्णय लिया है।’’

सरकार ने यह मसौदा इस साल मार्चमें सभी राज्य सरकारों को भेजकर राय मांगी थी। सरकार का दावा था कि कानून में संशोधन से वन संपदाओं की रक्षा बेहतर ढंग से की जा सकेगी। मिजोरम एवं कुछ अन्य राज्यों ने इस मसौदे को लागू करने पर असहमति जताई थी।वन्यजीव कानून में केंद्र सरकार के प्रस्तावित संशोधन का जनजातीय और वनवासी समुदाय के लोगों विरोध कर रहे थे।

जनजातीय समुदाय संसाधन छीनने का आरोपलगा रहे थे

जनजातीय समुदाय के लोगों और उनके अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार इस प्रस्तावित संसोधन से हमेशा से उनके कब्जे में रही वन संपदाओं को छीनने की कोशिश कर रही है। प्रस्तावित मसौदे में वन अधिकारियों को जंगल की संपदाओं को प्रबंधित करने का ज्यादा अधिकार दिया गया था।उल्लंघनकर्ताओं को गोली मारने पर वन अधिकारियों को सजा नहीं होने का प्रावधान इस मसौदे में शामिल था।

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर।(फाइल फोटो)


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