मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा उनपर गंभीर किस्म के आरोप हैं

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। जजसुरेश कैत ने 8 नवम्बर को चिदंबरम और ईडी के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस कैत ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोप गंभीर किस्म के हैं। उन पर आईएनएक्स मीडिया घोटाले में सक्रिय और मुख्य भूमिका निभाने का आरोप है। सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। अभी वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।

कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘ इसमें कोई शक नहीं है कि जमानत लेना उनका अधिकार है, लेकिन ऐसे मामले में अगर जमानत दीजाती है तो यह बड़े पैमाने पर लोगों के हितों के खिलाफ होगा।’’ चिदंबरम पर ईडी और सीबीआई अलग-अलग मामलों में जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को उन्हें सीबीआई वाले मामले में जमानत दे दी थी। ईडी केस में जमानत मिलने के बाद हीवे जेल से बाहर आ सकेंगे।

ईडी ने चिदंबरम की जमानत का विरोध किया था
कोर्ट ने हाल ही में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवम्बर तक बढा दी थी। कांग्रेस नेता ने कोर्ट से कहा था कि उनके देश छोड़ कर जाने, गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने जैसे कोई आरोप नहीं हैं। ऐसे में उन्हें नियमित जमानत दी जानी चाहिए। ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था। एजेंसी ने कोर्ट से कहा था कि चिदंबरम ने वित्त मंत्रालय कार्यालय का उपयोग अपने हित के लिए किया। अगर जमानत मिलती है, वे साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं।

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम।(फाइल फोटो)


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