अमेरिकी श्रम विभाग ने उन कंपनियों का खुलासा किया, जो एच-1बी वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकते

नई दिल्ली/वॉशिंगटन.अमेरिकी श्रम विभाग ने हाल ही में उन कंपनियों का खुलासा किया है, जिन्हें एच-1 बी वीजा के लिए आवेदन करने से अयोग्य ठहराया गया है।रिपोर्ट के अनुसार, वीजा रद्द करने की दर 2015 में जहां 6% थी। वर्तमान वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में यह दर 24% पर पहुंच गई है।

रिपोर्ट के अनुसारएजीमेटरी इंक, बुलमेन कंसल्टेंट ग्रुप इंक, बिजनेस रिपोर्टिंग मैनेजमेंट सर्विस इंक, एनईटीएजीई इंक, केविन चैंबर्स, ई-एस्पायर समेत कई आईटी कंपनियांएच-1बी वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकती हैं।यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) से प्राप्त आंकड़ा एच-1बी वीजा आवेदनों पर ट्रम्प प्रशासन की सख्त नीति की ओर इशारा करता है।

भारतीय कंपनियोें के सबसे ज्यादा आवेदन रद्द

एच-1 बी वीजा गैर-आव्रजक वीजा है। यह वीजा अमेरिकी कंपनियां द्वारा उन विदेशी कर्मचारियों को जारी किया जाता है, जिन्हें विशिष्ट योग्यता वाले कर्मचारी की आवश्यकता होती है। तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से लाखों कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इस पर निर्भर होती हैं। अध्ययन में सामने आया कि ट्रम्प प्रशासन ने भारतीय कंपनियों को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया और यहां की कंपनियों का एच-1बी वीजा आवेदन सबसे ज्यादा रद्द किए गए।

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H1B Visa: H1B Visa News Updates On Indian IT H1B Visa Banned Companies


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