चिदंबरम को 3 महीने बाद जमानत, सुप्रीम कोर्ट का आदेश- न तो सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे और न मीडिया में बयान देंगे
नई दिल्ली.आईएनएक्स मीडिया के मनी लॉन्ड्रिंगकेस में आरोपी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (74) को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार कोसशर्त जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा है कि चिदंबरम किसी भी तरह से गवाहों और सबूतों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। वे इस मामले में मीडिया में कोई बयान औरइंटरव्यू भी नहीं दे सकते हैं। चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत नहीं देने के फैसले को चुनौती दी थी।
चिदंबरम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं, जबकि भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के करीब 2 महीने बादउन्हें बेल मिल गई थी। जस्टिस आर भानुमति की अगुआई वाली बेंच ने 28 नवंबर कोमनी लॉन्ड्रिंग केस में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने कहा था- चिदंबरम जेल से गवाहों को प्रभावित कर रहे
हाईकोर्ट में 15 नवंबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया था कि चिदंबरम जेल में रहने के बावजूद गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिदंबरम ने कहा था कि जांच एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनका करियर और प्रतिष्ठा बर्बाद नहीं कर सकती।इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि जमानत लेना उनका अधिकार है, लेकिन अगर ऐसे मामले में जमानत दी गई तो यह बड़े पैमाने पर लोगों के हितों के खिलाफ होगा, क्योंकि आरोप गंभीरप्रवृत्ति के हैं।
सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था
आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ का फायदा पहुंचाने के मामले में सीबीआई ने 10 साल बाद मई 2017 में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। फिर सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में उन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में करीब 2 महीने बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद 16 अक्टूबर को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
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