बक्सर की सेंट्रल जेल में तैयार किए जा रहे फांसी के 10 फंदे, देश में सिर्फ यहीं फंदा बनाने का प्रावधान

बक्सर. देशभर में दुष्कर्मियों को फांसी दिए जाने कीचर्चाओं के बीच बक्सर सेंट्रल जेल में फांसी के 10 फंदे तैयार किए जा रहे हैं। सेंट्रल जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि जेल निदेशालय से इस हफ्ते तक दस फंदेतैयार करने काआदेश दिया गया है। जेल कीनिर्माणशाला में6 कैदी फांसी देने वाली खास तरहकी ‘हैंगिग रोप’तैयारकर रहे हैं। देश में जब भीफांसीका फरमान जारी होता है, तब केंद्रीय कारागार बक्सर के कैदी ही फांसी का फंदा तैयार करते आ रहेहैं।

देश में एकमात्र जगह बक्सर सेंट्रल जेल में ही फांसीका फंदा तैयार होता है।बक्सर केंद्रीय कारागार को छोड़कर भारतीय फैक्ट्री लॉ में इस क्वालिटी की रस्सी के निर्माण पर पूरे देश में प्रतिबंधहै। वहीं, वरिष्ठप्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, केवल सरकारी आदेश को छोड़कर इस विशेष प्रकार के रस्सी के इस्तेमाल पर देश में पूरी तरह से प्रतिबंध है।अब तक राज्य सरकारों की विशेष मांग पर बक्सर की सेंट्रल जेल नेसन् 1995 में केंद्रीय कारागार भागलपुर, 1981 में महाराष्ट्र, 1990 में पश्चिम बंगाल, 2003 में आंध्र प्रदेश, 2004 में पश्चिम बंगाल, 2012 में मुंबई और 2013 में दिल्ली को यह रस्सी दी है।

7200 धागों से रस्सी तैयार, 184 किलो वजन उठाने की क्षमता
फांसी के फंदे वाली रस्सी आज भी पंजाब में उत्पादित होने वाली जे-34 गुणवत्ता वाली रुई केसूत से तैयार की जाती है।इसमें चार बंच होते हैं। एक में 900 धागेहोतेहैं। कुल 7200धागों से रस्सी तैयार की जाती है। रस्सी निर्माण के बाद जेल में ही बनीविशेष रॉड में 100 किलो वजन का सामान बांधा जाता है औरझटके से गिराकर इसकापरीक्षण किया जाता है। यह देखा जाता है किनिर्धारित वजन रस्सी उठा पा रहीहै या नहीं। इसका वजन 3 किलो 950 ग्राम और लंबाई 60 फीट होती है। इस रस्सी की क्षमता 184 किलो वजन उठाने की होती है।

रस्सी कीकीमत 1725रुपए, इस बार बढ़ने के आसार
जेल अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल इस रस्सी की कीमत 1725 रुपए है,लेकिनकच्चे धागे की कीमतों में वृद्धि और उसके इस्तेमाल किए जाने वाले पीतल के खास बुश का भी रेट ज्यादा होने से कीमत में इजाफा किया जाएगा। रस्सीतैयारहोने के बाद इसे सील पैक कर भेज दिया जाता है। इस्तेमाल होने से पहले इसमें पका केला रगड़कर मस्टर्ड ऑयल में डुबाया जाता है,जिससे यह रस्सी बहुत मुलायम हो जाती है।

फिलीपींस की राजधानी मनीला से आती थी रस्सी
1844 में अंग्रेज शासकों द्वारा केंद्रीय कारागार बक्सर में फांसीका फंदा तैयार करने की फैक्ट्री लगाई गई थी। तब इसके निर्माण के लिए फिलीपींस की राजधानी मनीला से रुई मंगाई जाती थी। इस विशेष रस्सी का नाम ‘मनीला रस्सी’था। यहां तैयार किए गए फांसीके फंदे से पहली बार सन्1884 में एक भारतीय नागरिक को फांसी पर लटकाया गया था।

निर्भयाकांड के चार दोषियों को फांसी दिए जाने की चर्चा

अटकलें लगाई जा रही हैंकि निर्भयाकांड केचार दोषियों को इस महीने के अंत में फांसी दी जा सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इन आरोपियों की दया याचिका की फाइल अंतिम निर्णय के लिए राष्ट्रपति को भेज दी है। वहीं, दो दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि दोषी की सजा किसी भी सूरत में माफ किए जाने योग्य नहीं है।16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में एक चलती बस में निर्भया के साथ दरिदंगी की गई थी।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
सेंट्रल जेल में तैयार किया जा रहा फांसी का फंदा।


source /bihar/patna/news/ten-traps-are-being-prepared-in-the-central-jail-the-jail-directorate-has-ordered-the-central-jail-126248315.html

0 Comments