जयपुर का युवक देश का सबसे कम उम्र का जज बनेगा, पहले प्रयास में न्यायिक सेवा परीक्षा टॉप की थी

जयपुर. राजस्थान के 21 साल के मंयक प्रताप सिंह देश के सबसे कम उम्र के जज बनेंगे। उन्होंने राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) 2018 की परीक्षा में 197 अंकों के साथ टॉप किया। मयंक ने महज 21 साल 10 महीने 9 दिन की उम्र में यह परीक्षा पास की। यह उनका पहला प्रयास था। परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम उम्र 23 साल थी। इसी साल इसे घटाकर 21 किया गया।


न्यायिक सेवा की आरजेएस मुख्य परीक्षा 2018 का परिणाम मंगलवार को घोषित किया गया। टॉप-10 अभ्यर्थियों में पहले और 10वें स्थान को छोड़कर बाकी 8 पर लड़कियों ने कब्जा किया है। मयंक पहले (197 अंक) और दूसरे पर तन्वी माथुर (187.5 अंक) रहीं। तन्वी महिला वर्ग में पूरे प्रदेश में अव्वल रही हैं। इंटरव्यू में शामिल हुए 499 अभ्यर्थियों में से 197 सफल घोषित किए गए।

मयंक ने कहा- टॉप करूंगा, सोचा नहीं था

  • मयंक ने 2014 में राजस्थान विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। इसी साल उन्होंने 5 साल का एलएलबी कोर्स पूरा किया है। मयंक का कहना है सिलेक्शनतो तय था, लेकिन टॉप करूंगा...सोचा नहीं था। मयंक के पिता राजकुमार सिंह और माता डॉ. मंजू सिंह अध्यापक हैं।
  • मयंक के लिए यह उपलब्धि इसलिए भी खास है कि उनके परिवार में लीगल फील्ड में जाने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। वे कहते हैं, "ज्यूडीशियलसर्विस के प्रति मेरा रुझान न्यायाधीशों की कमी के कारण हमेशा रहा।" मयंक ने रोजाना 5 से 7 घंटे की पढ़ाई की। उन्हें फ्री टाइम में नॉवल पढ़ने का भी शौक है।

परिवार की वजह से सफलता मिली

मयंक ने बताया कि परीक्षा में 23 की जगह 21 साल की उम्र तय होने से मुझे जल्द करियर शुरू करने को मौका मिला और मैं सबसे कम उम्र में इस सेवा में आ सका। मयंक कई एनजीओ से जुड़े हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय परिवार, शिक्षकों और सहयोगियों को देते हैं।

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मयंक प्रताप सिंह।


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