गुजरात में सालभर में 9 करोड़ के जाली नोट जब्त, यह देशभर में पकड़ी गई फेक करंसी का 32%
गांधीनगर.गुजरात नकली नोटों का गढ़ बन चुका है। 2017 में देशभर में जब्त फेक करंसी में से 32% अकेले गुजरात से पकड़े गए थे, जिनकी कीमत 9 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। देश की राजधानी दिल्ली इस मामले में दूसरे नंबर पर है। देश में 50% से ज्यादा नकली नोट इन्हीं दो राज्यों से जब्त हुए हैं। यह खुलासा नोटबंदी के बाद पहली बार नकली नोटों से जुड़ी रिपोर्ट में हुआ है। पिछले दिनों पुुलिस ने एक निर्माणाधीन मंदिर में छापा मारकर नोट छाप रहेगिरोह को पकड़ा था।
नोटबंदी के बाद नकली नोटों पर पहली रिपोर्ट
एनसीआरबी ने 2016 में पहली बार नकली नोटों से जुड़े मामलों को अपनी रिपोर्ट में शामिल करना शुरू किया था। नवंबर 2016 में देश में 500 और 1000 रु के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। नोटबंदी के बाद पहली रिपोर्ट में देशभर में जब्त हुए नकली नोटों को लेकर पूरे एक साल के आंकड़े शामिल किए गए हैं। इसके मुताबिक, 2017 में 28.1 करोड़ रुपए कीमत के नकली नोट जब्त किए गए, जो 2016 में जब्त आंकड़ों की तुलना में 76% ज्यादा हैं। तब 15.9 करोड़ रुपए कीमत के नकली नोट जब्त किए गए थे।
56% नकली नोट सिर्फ 2 राज्यों से जब्त हुए
2017 के दौरान देशभर से अलग-अलग मूल्यों के 3.56 लाख से ज्यादा नकली नोट जब्त किए गए। इनकी कुल कीमत 28 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। चौंकाने वाली बात यह है कि देशभर में जब्त नकली नोटों के 56% से ज्यादा सिर्फ दो राज्यों- गुजरात और दिल्ली से जब्त किए गए हैं।
राज्य | नकली नोटों की संख्या | मूल्य (रुपए में) |
गुजरात | 80,519 | 9 करोड़ |
दिल्ली | 1.08 लाख | 6.79 करोड़ |
उत्तर प्रदेश | 28,318 | 2.86 करोड़ |
पश्चिम बंगाल | 14,770 | 1.93 करोड़ |
केरल | 18,498 | 1.30 करोड़ |
आंध्र प्रदेश | 33,047 | 1.2 करोड़ |
जब्त नोटों में 53% से ज्यादा कीमत 2000 के नोटों की
वैसे तो 2017 में जब्त किए गए जाली नोटों की सबसे ज्यादा संख्या (1.02) अवैध घोषित हो चुके पांच सौ रुपए के नोटों की रही, लेकिन कुल मूल्य के मामले में दो हजार के नोटों की कीमत सबसे ज्यादा रही। साल भर के दौरान दो हजार रुपए के 74,878 नकली नोट जब्त किए गए, जिनकी कीमत करीब 14.97 करोड़ रुपए रही, जो नकली नोटों की कुल कीमत का 53% है। जब्त नोटों में दूसरी ज्यादा कीमत एक हजार रुपए के नोटों की 6.57 करोड़ रही।
नोट | संख्या |
2000 | 74,898 |
1000 | 65,731 |
500 (पुराने) | 1.02 लाख |
500 (नए) | 8,879 |
100 | 92,778 |
50 (पुराने) | 3,347 |
50 (नए) | 155 |
5 रुपए के नकली नोटों में 43 गुना की गिरावट रही है। 2016 में इसके 2001 नोट जब्त किए गए थे, जबकि 2017 में पांच रुपए कीमत के महज 46 नकली नोट जब्त हुए।
एक रुपए के 80% नकली नोट उत्तराखंड में मिले, दो रुपए का एक भी नकली नोट नहीं
रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा एक रुपए के नोट को लेकर हुआ है। एक रुपए के नोट को आम तौर पर पूजा-पाठ या किसी शुभ कार्य में शगुन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जालसाजों ने यहां भी अपना "हुनर' दिखा दिया। हालांकि एक रुपए के नकली नोटों से जुड़े मामले सिर्फ दो राज्यों- आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में मिले हैं। 2017 में एक रुपए के 5474 नकली नोट बरामद हुए। इनमें से 4,400 यानी 80% उत्तराखंड में जब्त हुए, जबकि बाकी 1074 नोट आंध्र प्रदेश में जब्त किए गए। दूसरी बड़ी बात यह है कि दो रुपए का एक भी नकली नोट नहीं मिला।
झारखंड, चंडीगढ़ समेत 10 राज्यों में एक भी नकली नोट नहीं
देश के 10 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां से नकली नोटों को लेकर राहत की खबर आई है। खास बात यह है कि इनमें से किसी में भी एक भी नकली नोट नहीं जब्त हुआ है। इनमें झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, त्रिपुरा प्रमुख राज्य हैं, जबकि केंद्रशासित प्रदेशों में सिर्फ दिल्ली और पुदुचेरी में ही नकली नोटों के मामले सामने आए हैं। खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर वे राज्य हैं, जिनके पास अंतरराष्ट्रीय सीमा है, क्योंकि नकली नोटों की ज्यादातर खेप पड़ोसी देशों से भारत में आने की चर्चा होती है।
एक साल में 978 एफआईआर, 1046 आरोपी
जाली नोटों के मामलों को भारतीय दंड संहिया यानी आईपीसी की धारा 489 के तहत दर्ज किया जाता है। इसके तहत जालसाजी या जाली दस्तावेज बनाना और कूटकरण को अपराध घोषित किया गया है। इसके तहत दोषियों के लिए भारी भरकम जुर्माने और कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। जाली नोटों का कब्जा, उत्पादन और उपयोग के दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की कठोर सजा भी हो सकती है।
आरबीआई भी जारी करता है नकली नोटों पर रिपोर्ट
रिजर्व बैंक इंडिया भी नकली नोटों के बारे में अपनी रिपोर्ट में जिक्र करता है। इसके अलावा आरबीआई ने नकली और असली नोटों की पहचान करने के लिए बैंकों और अन्य एजेंसीज़ को गाइडलाइंस भी जारी की हैं। हालांकि आरबीआई और एनसीआरबी के नकली नोटों के आंकड़े में फर्क होता है, क्योंकि एनसीआरबी पूरे साल के लिए यानी जनवरी से लेकर दिसंबर तक के आंकड़ों की रिपोर्ट जारी करता है, जबकि आरबीआई वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल से लेकर मार्च तक की। दूसरा बड़ा फर्क यह है कि आरबीआई के पास सिर्फ उसने खुद और बैंकों में पहचान किए गए नकली नोटों का आंकड़ा होता है, न कि पुलिस या अन्य एजेंसियों ने जब्त किए हुए नोटों का। ऐसे में दोनों के आंकड़ों में अंतर होता है।
(स्रोत- आरबीआई, एनसीआरबी)
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source https://www.bhaskar.com/db-originals/news/gujarat-became-a-stronghold-of-fake-notes-9-crore-fake-notes-seized-in-a-year-126139778.html
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