प्रदर्शन के दौरान देश भर में रेलवे को 88 करोड़ का नुकसान, पश्चिम बंगाल और आसाम में क्षति सबसे अधिक

नई दिल्ली.नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे को 88 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। रेलवे ने शनिवार को बताया कि सबसे अधिक 72 करोड़ रुपए का नुकसान पूर्वी जोन में हुआ। दक्षिण पूर्व जोन में 13 करोड़ और उत्तर पूर्व फ्रंटियर जोन में 3 करोड़ रुपए की संपत्तियों की क्षति हुई है। रेलवे के यह तीनों जोन असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में हैं।

नागरिकता कानून पारित होने के बाद से ही देश के 18 राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं। असम और पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों पर की तोड़फोड़ की थी और कई खाली डिब्बों में आग लगा दी थी। इसके बाद रेलवे को कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी थी और रुट में बदलाव करना पड़ा था। इससे रेलवे को राजस्व घाटा भी हुआ था।

सुरेश अंगड़ी ने दिया था विवादास्पद बयान

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने रेलवे संपत्तियों को क्षति पहुंचाने परकड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि मैंने जिला प्रशासन औररेल अधिकारियों से कहा है कि कोई भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसे गोली मार दी जाए। मैंने एक केंद्रीय मंत्री की हैसियत से उन्हें यह निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जब रेलवे को उत्तर पूर्व और पश्चिम बंगाल में भारी नुकसान हो रहा है तब हिंसा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

नार्थ-ईस्ट के पांच राज्यों में हुआ था प्रदर्शन

नागरिकता कानून के विरोध में नॉर्थ-ईस्ट के पांच राज्यों और देश के कई अन्य हिस्सों में पिछले शनिवार को प्रदर्शन हुआ था। पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में प्रदर्शन हिंसक हो गया था। उपद्रवियों ने हावड़ा जिले में एक ट्रेन और रेलवे स्टेशन में आग लगा दी। कई जगहों पर सड़कों को जाम करते हुए 15 से ज्यादा बसों को आग के हवाले कर दिया।एक पुलिस वैन भी जला दिया था। सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की थी।



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पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी थी।


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