बबीता बोलीं, पिता जी हमें सजने-संवरने नहीं देते थे; आज पूरी हुई ख्वाहिश, बेटी बचाने को लिया 8वां फेरा
चरखी दादरी.झज्जर के गांव मातनहेड़ी निवासी जयसिंह सिहाग के बेटे भारत केसरी विवेक सिहाग और बलाली के द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट की दूसरे नंबर की बेटी पहलवान बबीता रविवार को परिणय सूत्र में बंध गए। फेरे लेने से पहले बबीता ने कहा- पिता जी हम बहनों को सजने-संवरने नहीं देते थे, आज ख्वाहिश पूरी हुई है।
बलाली में हुए सादे समारोह में सिर्फ 21 बाराती आए। विवेक के ताऊ राजपाल और चाचा ओमप्रकाश भी जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे। इधर, फौगाट फैमिली के सभी सदस्य समारोह में मौजूद रहे। बबीता-विवेक ने 8वां फेरा बेटी बचाने-बेटी पढ़ाने के साथ दहेज की बुराई को खत्म करने काे लिया। दोनों परिवारों ने बिना दहेज लिए-दिए शादी कर मिसाल भी पेश की है।
दुल्हन का जोड़ा पहनकर बहुत ज्यादा खुश हूं : बबीता
हम बहनों के साथ शादी समारोह में हम जाते थे, तो दूसरी लड़कियों को देखकर कई बार चूड़ियां व अंगूठी पहन लेते थे। लेकिन पिता जी मना करते थे। अक्सर कहते थे तुम्हारा लक्ष्य सिर्फ रेसलिंग होना चाहिए। जब लक्ष्य पा लो तो मेकअप भी कर लेना। आज वो दिन आ गया है। मैं दुल्हन का जोड़ा पहन कर बहुत ज्यादा खुश हूं।
दादरी से भाजपा प्रत्याशी थींबबीता
हरियाणाविधानसभा चुनाव में बबीता फोगाटदादरी से भाजपा प्रत्याशी थीं। इस सीट सेनिर्दलीय उम्मीदवार सोमबीर विजयी रहे थे।बबीता ने कहा किवह शादी जरूर कर रही हैं, लेकिन राजनीति नहीं छोड़ रहीं। वह दादरी से जुड़ी रहेंगी। सरकार के साथ मिलकर यहां के विकास को गति दिलाने के प्रयास करती रहूंगी। लोगों से उन्होंनेजो वादे किए थे, उनके लिए पूरा प्रयास करूंगी।
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