आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेताओं को टिकट देने से रोकने के लिए आयोग फैसला करे: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आदेश पारित करे, ताकि तीन महीने के अंदर राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमिवाले नेताओं को टिकट देने से रोका जा सके। सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिसबीआर गवई की बेंच ने सोमवार को भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकारकरते हुए यह आदेश दिया।
- उपाध्याय ने याचिका में चुनाव आयोग को ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था, जिससे राजनीतिक दलों को आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने से रोका जा सके। कोर्ट ने आदेश में कहा, ''चुनाव आयोग को निर्देश देते हैं कि इस याचिका पर तीन महीने में विचार करें और इस संबंध में विस्तृत आदेश पारित करें।''
- सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की एक अन्य जनहित याचिका का 21 जनवरी को निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग में अर्जी दायरकरने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने आयोग से भी कहा था कि इस बारे में उचित कदम उठाने के लिए याचिका को ही प्रतिवेदन माना जाए। उपाध्याय का आरोप था कि चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की और इसी वजह से उन्हें नई याचिका दायर करनी पड़ी।
1,158 प्रत्याशियों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी:याचिकाकर्ता
उपाध्याय ने याचिका में चुनाव आयोग से मांग की थी कि वह राजनीतिक दलों को गंभीर अपराधों में संलिप्त लोगों को उम्मीदवार बनाने से रोके। याचिका में कहा गया है कि एडीआरकी ओर से प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत में राजनीति के अपराधीकरण में बढ़ोतरी हुई है और 24% सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में 7,810 प्रत्याशियों का विश्लेषण करने पर पता चला कि इनमें से 1,158 या 15% ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी। इन प्रत्याशियों में से 610 या 8%के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज थे। इसी तरह, 2014 में 8,163 प्रत्याशियों में से 1398 ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी और इसमें से 889 के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले लंबित थे।
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source https://www.bhaskar.com/delhi/delhi-ncr/news/ec-decides-to-give-tickets-to-leaders-with-criminal-records-court-126134649.html
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