दूसरे दल छोड़कर आए बड़े नेताओं को इस बार सम्मान देने की तैयारी में भाजपा, कांग्रेस और आप

दिल्ली.2015 के विधानसभा चुनाव के बाद अब होने जा रहे चुनाव के बीच अब तक दिल्ली की तीनों मुख्य पार्टियों से कई बड़े नेता एक-दूसरे में शामिल हुए। भाजपा में आप के 4 पूर्व विधायक सहित कई नेता शामिल हुए तो कांग्रेस में आप की चांदनी चौक से पूर्व विधायक शामिल हुईंं। इसी तरह से आप में कांग्रेस के पूर्व विधायक सहित कई निगम पार्षद शामिल हुए हैं। अभी टिकट बंटने की शुरुआत या उससे पहले भी कई नेताओं का इधर-उधर होना तय माना जा रहा है। इस चुनाव में सवाल यह है कि इन नेताओं की मौजूदा पार्टियां क्या उन्हें टिकट देंगी। तीनों दलों से भास्कर ने इन नेताओं का वर्तमान चुनाव में भविष्य जानने की कोशिश की। तीनों दलों में आए बाहरी को मौका मिलने की उम्मीद है।

आने वाले सेटल होंगे, सीट बदल सकती है, कुछ सीट खाली रखी जा सकती हैं
कांग्रेस में आम आदमी पार्टी से आई चांदनी चौक से पूर्व विधायक अलका लांबा चर्चा में सबसे हॉट है। ये चांदनी चौक सीट इसलिए चर्चा में है क्योंकि इस सीट पर अलका लांबा के साथ दूसरी दावेदारी चांदनी चाैक संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद और उसी सीट से पिछला चुनाव दमखम के साथ लड़ने वाले जेपी अग्रवाल बेटे मुदित अग्रवाल के लिए कर रहे हैं। लांबा ने सीधे तौर पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सदस्यता ली है। ऐसे में लांबा का टिकट काटने की चर्चा भी कोई नहीं कर रहा है। भास्कर ने दूसरी पार्टी से आकर ‘हाथ’ थामने वालों को मौका दिए जाने पर पार्टी के बड़े नेताओं से बात की। सामने आया कि चांदनी चौक सीट पर लांबा और मुदित अग्रवाल के बीच मामला फंसा हुआ है। जेपी अग्रवाल के करीबी बताते हैं कि उनका परिवार चांदनी चौक सीट से 15 चुनाव लड़ चुका है, इसलिए उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। चांदनी चौक सीट कांग्रेस के लिए मजबूत सीट भी मानी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि लांबा को भाजपा के शासनकाल में सीएम प्रत्याशी मदनलाल खुराना की सीट मोती नगर पर उतारने की तरह ही इस बार नई दिल्ली सीट या किसी अन्य सीट पर भी उतारा जा सकता है।

भाजपा में शामिल सब सुरक्षित, ज्यादातर को चुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद

भाजपा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस छोड़कर आए नेता सुरक्षित पाले में नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक बने और फिर 2019 में पद से हटाए गए कपिल मिश्रा, अनिल कुमार बाजपेयी के अलावा सांसद का चुनाव लड़ चुके गुग्गन सिंह, कांग्रेस से आए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान सहित पार्टी में आए कुछ अन्य मेहमानों की टिकट दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। करावल नगर, गांधी नगर, बवाना, मंगोलपुरी के टिकट को लेकर ये चर्चा है कि ये बाहरी बाजी मार सकते हैं। हालांकि देवेंद्र सहरावत को लेकर थोड़ी ये चर्चा जरूर है कि पार्टी अभी विजेताओं का आंकलन कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान को मंगोलपुरी और लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर-पश्चिम सीट से आप प्रत्याशी रहे गुग्गन सिंह को बवाना सीट पर उतारा जाना करीब-करीब तय है। 2013 में वह भाजपा के टिकट पर इसी सीट से विधायक बने थे। पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ट को लेकर करावल नगर में कपिल मिश्रा के मामले में पार्टी में थोड़ी चर्चा जरूर है लेकिन आप के खिलाफ झंडा उठाने वाले कपिल को संभावित युवा दावेदार के सामने मजबूत माना जा रहा है।

आप: कांग्रेस से आप में आए प्रह्लाद साहनी चांदनी चौक से मजबूत दावेदार

चार बार विधायक रहे और पूर्व मुख्यमंत्री के विधानसभा सचिव रहे प्रह्लाद साहनी आम आदमी पार्टी (आप) के चांदनी चौक से मजबूत दावेदार माने जा रहे है। उनकी मजबूत दावेदारी का कारण लंबे समय तक विधायक रहने और मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पैठ को माना जा रहा है। इसके अलावा चांदनी चौक से आप के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पंकज गुप्ता के चुनाव लड़ने की भी अटकलें है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके चुनाव लड़ने की चर्चा को गलत बता रहे है। हालांकि, आलाकमान के निर्देश पर उनके चुनाव लड़ने की बातों से भी इनकार नहीं कर रहे है।

कांग्रेस से चार बार विधायक रहे प्रह्लाद साहनी को अक्टूबर 2019 में उनके समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सदस्यता दिलाईथी। बुधवार को आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर राज्यसभा सदस्य संजय सिंह व एनडी गुप्ता सहित अन्य नेता मौजूद थे। आप के वरिष्ठ नेता ने सभी को पार्टी की टोपी और पटका पहनाकर स्वागत किया।



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2015 के विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक दिल्ली की तीनों मुख्य पार्टियों से कई बड़े नेता एक-दूसरे में शामिल हुए।


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