शाहीन बाग में कोई मौत नहीं हो रही, लोग बीमार तक नहीं पड़ रहे, जबकि बंगाल में आत्महत्याएं हो रहीं: दिलीप घोष

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता सशोंधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर विवादास्पद बयान दिया। दिलीप ने मंगलवार को कहा कि शाहीन बाग में महिलाओं और बच्चों समेत कई प्रदर्शनकारी खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी में बैठे हैं। इसके बावजूद कोई बीमार नहीं पड़ रहा। किसी एक की भी मौत नहीं हुई। जबकि पश्चिम बंगाल में सीएए और एनआरसी से घबराए लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दिलीप घोष ने कहा, ‘‘नोटबंदी के दौरान काफी कहा गया कि लोग लाइनों में मर रहे थे। जबकि शाहीन बाग में महिलाएं अपने बच्चों के साथ 4 से 5 डिग्री तापमान में बैठी हैं। अब कोई नहीं मर रहा। क्या उन्होंने अमृत पी लिया है?’’

‘घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाएंगे’

यह पहली बार नहीं है जब घोष ने सीएए-एनआरसी का विरोध करने वाली पार्टियों के लिए ऐसा बयान दिया। इससे पहले दिलीप ने 19 जनवरी को कहा था, “पहले तो मुस्लिम घुसपैठियों की पहचान कर उनके नाम वोटर लिस्ट से बाहर किए जाएंगे। इसके बाद ‘दीदी’ (ममता बनर्जी) किसी की खुशामद नहीं कर पाएंगी। घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटने की वजह से 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के मतदाता कम होंगे। इसके चलते हमें चुनाव में 200 सीटें मिलेंगी और उन्हें (ममता बनर्जी) 50 सीटें भी नहीं मिलेंगी।

‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को गोली मार देंगे’

12 जनवरी को दिलीप ने कहा था किपश्चिम बंगाल में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को हम गोली मार देंगे। उत्तर प्रदेश सरकार का उदाहरण देते हुए घोष ने कहा था कि वहां उपद्रवियों पर कुत्तों की तरह गोलियां बरसाई गईं। साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया था कि वे उपद्रवियों पर कार्रवाई नहीं कर रहीं, क्योंकि वे सब उन्हीं के वोटर्स हैं। घोष ने कहा था कि ऐसे लोगों को भी नहीं छोड़ा जाएगा।



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पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष। -फाइल


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