नितिन पटेल ने कहा- सचिवालय में गैर गुजराती आईएएस की नेमप्लेट देखकर दु:ख होता है

गांधीनगर. गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सचिवालय में गैर-गुजराती अधिकारियों की नेमप्लेट को लेकर दु:खी होने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं रोजाना सचिवालय जाता हूं तब सचिवों की नेम प्लेट देख कर दु:ख होता है कि सभी आईएएस, आईपीएस सहित अधिकांश आला अधिकारी गुजरात से बाहर के ही होते हैं। हम पढ़ लिखकर व्यापार-धंधे के लिए अमरीका समेत अन्य देशों में पहुंचे, लेकिन सचिवालय तक नहीं पहुंच पाए। पटेल शनिवार को गांधीनगर में चौधरी समाज के स्नेह मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

पटेल ने चौधरीसमाज के लोगों से अपील की कि सभी अपने बच्चों को इतना पढ़ाओ-लिखाओ कि वह उच्च स्तर तक पहुंच सके। पहले वक्त था कि सरकारी नौकरी में गुजरातियों को दिलचस्पी कम थी। भारत सरकार में रेलवे, पोर्ट, ओएनजीसी सहित अनेक ऐसी जगह हैं, जहां उच्च स्तर पर गुजराती अधिकारी कम हैं। हम इस ओर दिलचस्पी नहीं लेते थे सिर्फ व्यापार-धंधे में आगे बढ़ते रहे। खैर, अब विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे हर माता-पिता की चाहत है कि उनके बच्चे आईएएस-आईपीएस अधिकारी बनें। सरकार भी ऐसे प्रशिक्षण संस्थानों के लिए सहूलियत दे रही है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में आईएएस-आईपीएस सहित उच्च पदों पर ज्यादा से ज्यादा गुजराती स्थान प्राप्त करेंगे।

कुल 243 आईएएस

राज्य अधिकारी (प्रतिशत)
गुजराती 86 (35%)
उत्तर प्रदेश 25 (10%)
बिहारी 17 (7%)

कुल 170 आईपीएस

राज्य अधिकारी (प्रतिशत)
गुजराती 72 (42%)
बिहारी 20 (12%)
उत्तर प्रदेश 17 (10%)

कुल 91 आईएफएस

राज्य अधिकारी (प्रतिशत)
गुजराती 21 (23%)
उत्तर प्रदेश 12 (13%)
बिहारी 12 (13%)

‘ज्यादातर राज्यों में स्थानीय अधिकारी उच्च स्थान पर’
उप-मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गुजराती अधिकारी यहां के लोगों की भावनाओं, जरूरत और राज्य की जमीनी स्थिति को अच्छी तरह समझ सकता है। मौजूद आईएएस अधिकारी सरकार के दिशा-निर्देश पर अच्छा काम करते हैं लेकिन जिस लगाव से गुजराती काम कर सकते हैं वह शायद कम होता। भाषा का अवरोध भी एक समस्या होती है। छोटे गांव के व्यक्ति, किसान जब अधिकारी से गुजराती में बात करते हैं, तो ऐसी स्थिति में गुजराती अधिकारी ही समझ सकता है। अधिकांश राज्यों में आईएएस-आईपीएस स्थानीय अधिकारी उच्च पदों पर होते हैं। गुजरात में यह कसक रही है, जिसे पूरा करने का प्रयास सरकार कर रही है।

‘मैं किसी खेल का खिलाड़ी नहीं, सेवाभाव से आया हूं’
राजनीति के बारे में नितिन पटेल ने कहा, ‘‘मैं किसी खेल का खिलाड़ी नहीं हूं। मैं तो सेवाभाव से आया हूं। कई सालों से राजनीति में हूं।’’ उन्होंने स्वीकार किया, ‘‘दूसरे चुनाव में मैं घिर गया था, लेकिन अंतत: चौधरी समाज मेरे साथ खड़ा रहा। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में चौधरी समाज के 19 हजार वोट में से 18 हजार वोट मुझे मिले।’’ हाल ही में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि मैं 20-20 मैच की तरह क्रीज छोड़कर बैटिंग करने आया हूं।



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गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बच्चों को पढ़ा-लिखाने की अपील की। -फाइल


source /national/news/gujarat-deputy-cm-nitin-patel-non-gujarati-ias-officers-in-gujarat-secretariat-126442062.html

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