निजी झगड़े के बाद पुलिस के खिलाफ भड़की भीड़ ने घेरा था गुरुद्वारा, सिख विरोधी नारे भी लगाए थे
ननकाना साहिब. पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर शुक्रवार को भीड़ ने पथराव किया था। इस मामले को लेकर गुरुद्वाराके हेड ग्रंथी दया सिंह ने दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंने बताया कि पूरा हंगामा एक निजी झगड़े से शुरू हुआ था। फिर इसने उपद्रव का रूप ले लिया। भीड़ ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए गुरुद्वारा घेर लिया और सिख विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए थे।हेडग्रंथी दया सिंह ने दैनिक भास्कर के रिपोर्टरबलराज सिंह को बताया...
निजी झगड़े को सिख वर्ग से जोड़ने की साजिश
'ननकाना साहिब में बेवजह निजी झगड़े को हमारे वर्ग से जोड़ने की साजिश की गई। विवाद की वजह गुरुद्वारे के कोने पर चल रही दूध-दही की एक दुकान है। शुक्रवार को यहां किसी ने दही ली। इसमें मक्खी गिरी होने की शिकायत की और पैसे नहीं देने पर विवाद हो गया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तो हंगामा कर रहे लोगों ने पथराव कर दिया, जिससे पुलिस की गाड़ी का शीशा टूट गया।'
भीड़ ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए गुरुद्वारा घेर लिया
'इसके बाद जब पुलिस ने अहसान के परिवार के दो लोगों को हिरासत में ले लिया तो एकाएक भीड़ जमा होने लगी। अहसान वही है, जिसने अगस्त 2019 में सिख लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन करा उससे शादी कर ली थी। अहसान का चाचा इस दुकान को चलाता है। पुलिस की हिरासत में लिए गए दो लोगों की रिहाई के लिए बहुसंख्यक लोगों की भीड़ ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए गुरुद्वारा घेर लिया और सिख विरोधी नारे भी लगाए थे।'
हंगामेके दौरान औरतों और बच्चों समेत 20 के करीब लोग मौजूद थे
'मैं गुरु गोविंद सिंहजी के आगमन पर्व की तैयारियों को लेकर संगत के साथ गुरुद्वारा करतारपुर साहिब गया था। शाम करीब 7 बजे जैसे ही ननकाना साहिब में गुरुद्वारेके बाहर प्रदर्शन का पता चला, मैं तुरंत वापस लौटा। करीब 9 बजे जब यहां पहुंचा तो माहौल शांत था। गाड़ी से उतरकर सीधे अंदर पहुंचा और लोगों से बात की। जितना मुझे पता चला है, हंगामे के दौरान गुरुघर के अंदर औरतों और बच्चों समेत करीब 20 लोग मौजूद थे। उनकी सुरक्षा का सवाल बड़ी बात थी, क्योंकि बाहर 400 के करीब भीड़ थी और भीड़ का न कोई चेहरा होता है तो न कोई विवेक।'
गुरुद्वारे के पास सिख समुदाय के करीब 250 परिवार रहते हैं
'गुरुद्वारे के आसपास सिख समुदाय के करीब 250 परिवार रहते हैं। हंगामे के दौरान ज्यादातर लोग घरों में दुबके रहे। उन्हें हर पल डर सता रहा था कि दंगाई भीड़ कहीं घरों पर हमला न कर दें। गुरुद्वारे में भी श्रद्धालुओं की जान अटकी रही। कोई कमरे में, कोई बाथरूम में तो कोई गैराज में छिपा था। इनमें से कुछ श्रद्धालु भारत और कनाडा के भी थे। उधर, सिख कॉलोनी में भी कुछ ऐसे ही हालात थे।'
पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ दिया
'मसला कुछ भी नहीं था, लेकिन यहां बहुसंख्यक लोगों ने इसे जबरन अल्पसंख्यक वर्ग से जोड़ने की कोशिश करते हुए गुरुघर को घेर लिया था। बाद में पाकिस्तान की पुलिस ने गुरुद्वारे के अंदर मौजूद श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर हिरासत में लिए गए दोनों लोगों को छोड़ दिया तो प्रदर्शनकारी शांत हो गए।'
गुरुद्वारे के गेट को नुकसान पहुंचाए जाने की बात अफवाह
'गुरुद्वारे में मौजूद किसी भी व्यक्ति को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। साथ ही, गुरुद्वारे के गेट को नुकसान पहुंचाए जाने की बात भी अफवाह है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है यहां।गुरुद्वारा ननकाना साहिब को बिना वजह निशाना बनाया गया है, जो एक साजिश का हिस्सा है। अब पूरी तरह से सुरक्षा है और स्थिति शांत है।'
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source https://www.bhaskar.com/punjab/jalandhar/news/pakistan-nankana-sahib-gurdwara-granthi-speaks-talks-to-dainik-bhaskar-126442033.html
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