सायरस मिस्त्री मामले में ट्रिब्यूनल के फैसले को टाटा सन्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

नई दिल्ली. सायरस मिस्त्री के मामले में टाटा सन्स ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को मिस्त्री के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन नियुक्त करने का आदेश दिया था। हालांकि, टाटा सन्स को अपील के लिए 4 हफ्ते का वक्त मिला था। टाटा सन्स ने 24 अक्टूबर 2016 को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। मिस्त्री ने फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चुनौती दी थी, लेकिन हार गए। बाद में एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे।

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की याचिका पर अपीलेट ट्रिब्यूनल शुक्रवार को सुनवाई करेगा
अपीलेट ट्रिब्यूनल ने टाटा सन्स-मिस्त्री मामले में फैसला देते हुए कहा था कि टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने की मंजूरी देने का फैसला गैर-कानूनी था। आरओसी ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि कानून के मुताबिक ही मंजूरी दी गई थी। आरओसी ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले से गैर-कानूनी शब्द हटाने की अपील की है। ट्रिब्यूनल इस पर सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी।

मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के18.4% शेयर

सितंबर 2017 में टाटा सन्स को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए शेयरधारकों ने मंजूरी दी थी। उसके बाद आरओसी ने टाटा सन्स को प्राइवेट कंपनी के तौर पर दर्ज किया था। सायरस मिस्त्री परिवार इसके खिलाफ था। मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर हैं।



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सायरस मिस्त्री (बाएं) और रतन टाटा।


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