मां ने दिया था जुड़वा बेटों को जन्म; एक की आईसीयू में दो दिन बाद मौत, दूसरा डेढ़ महीने में चल बसा

कोटा. शहर के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में 35 दिनों में 110 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें एक परिवार ऐसा भी है, जिसके दो जुड़वाबच्चे जन्मके महज डेढ़ महीने में चल बसे। एक मासूम बच्चे ने जन्म के दो दिन बाद और दूसरे ने जन्म के डेढ़ महीने के भीतर जेके लोन अस्पताल केएनआईसीयू में दम तोड़ दिया। इससे घर में कोहराम मच गया, मां बेसुध हो गई।सरकारी तंत्र की अनदेखी और लापरवाही की वजह से नन्हीं अंगुलियां बेजान होती चली गईं। अब भी माता-पिता गम से नहीं उबर सके हैं। पूरे परिवार में मातम है।

बच्चों के जन्म लेते ही रखा नाम, नहीं आई कोई दुआ काम
परिवार कोटा शहर कीउड़िया बस्ती में रहता है। पिता आदिल मजदूरी और हाथ ठेला चलाते हैं।आदिल की पत्नी शानू ने 13 नवंबर को जेके लोन हॉस्पिटल में दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। घर में पहली बार खुशियां आई थी। इसलिए परिजनने बच्चों का नामकरण भी कर दिया। एक बच्चे का नाम राहिल और दूसरे का नाम आहिल रखा। खुशियां ज्यादा लंबी नहीं चल सकीं और जन्म के दो दिन बाद ही 15 नवंबर को एक नवजात बच्चे ने अस्पताल केएनआईसीयू में दम तोड़ दिया। वहीं, दूसरा बच्चा भी एनआईसीयू में भर्ती रहा। कुछ दिन बाद उसे भी अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई। आदिल का कहना है कि पिछले दिनों 20 दिसंबर को अस्पताल के डॉक्टरों ने फोन करके जिंदा बच्चे को दोबारा अस्पताल में बुलाया। उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती कर दिया। 22 दिसंबर को दूसरे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया।

एनआईसीयू में मशीन पर टपकता रहा गंदा पानी, सबने अनदेखा किया

आदिल,पत्नी शानू और परिजनका आरोप है कि जेके लोन अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं के चलते उनके दोनों मासूम बच्चों की जिंदगी खत्म हो गई। परिजनका यह भी कहना है कि बच्चे के भर्ती होने के वक्त उसकी ताई वार्ड में मौजूद थी। तब भी एनआईसीयू में मशीन के ऊपर लगातारगंदा पानी टपक रहा था। उन्होंने इसके बारे में वार्ड में मौजूद स्टॉफ को बताया तो सुधार करने के बजाए सबने अनदेखा किया। बार-बार शिकायत की तोस्टॉफ ने यह तक कह दिया ज्यादा समस्या है तो निजी अस्पताल में ले जाओ।

दादा अमानत ने रुंधे गले से बताया कि अस्पताल में स्टाफ काफी देरी से आता है। उन्हें बुलाने के लिए तीन से चार बार जाना पड़ता है। वे कभी चाय पीने तो कभी खाना खाने की बात कहकर टालमटोल करते रहते है।


दादी बोलीं- अब किसी मां की कोख ना उजड़े, व्यवस्था ऐसी हो
दादी खैरुन बानो ने बताया कि हमने बच्चों के नाम भी रख दिए थे।एक बच्चे की मौत होने परखुदा से दूसरे बच्चे की लंबी जिंदगी की दुआ मांगते हुए उसका नाम बदलकर अजहर रख दिया।22 दिसंबर को वह भी दुनियासे अलविदा हो गया।दो बच्चों की मौत से जैसेएक मां की गोद उजड़ गई,वैसे अब किसी और मां की न उजड़े। अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारी जाएं। नई मशीनें और उपकरण खरीदें। बड़े डॉक्टर बुलाएं। स्टाफ पूरा हो, ताकिकिसी और घर का चिराग नबुझे।



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13 नवंबर को जेके लोन हॉस्पिटल में दो जुड़वा लड़के पैदा हुए थे।
मृतक जुड़वा बच्चों की मां शानू।
बच्चों के दादा अमानत और पिता आदिल।


source https://www.bhaskar.com/rajasthan/kota/news/kota-jk-lon-hospital-victim-news-updates-woman-gave-birth-to-twins-one-died-in-icu-126450282.html

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