मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक बोले- कुलपति अच्छा काम कर रहें हैं और लोग अच्छा काम करनेवालों की आलोचना करते ही हैं

नई दिल्ली.जेएनयू के छात्रों द्वारा कुलपति एम जगदीश कुमार को पद से हटाए जाने की मांग के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा, “वह अच्छा काम कर रहे हैं और लोग अच्छे काम करने वालों की आलोचना करते ही हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों की जानी चाहिए? किस लिए? मुझे बताओ?”

5 जनवरी की घटना के लिए कुलपति द्वारा अनुमति दिए जाने के छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “यूनिवर्सिटी में हिंसा की घटनाएं दो छात्र समूहों द्वारा की गई है। इसमें एक पढ़ने वाले हैं और दूसरे नहीं पढ़ने वाले हैं।” उन्होंने जेएनयू प्रशासन और छात्रों के बीच संपर्क की कमी होने से भी इनकार किया। निशंक नेकहा कि जेएनयू छात्रों द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जाना उचित नहीं हैं क्योंकि हॉस्टल फीस बढ़ाए जाने का मामला सुलझ चुका है। उन्होंने कहा, “छात्रों के साथ बातचीत के बाद यह तय किया गया कि यूटिलिटी और सर्विस चार्ज उनपर नहीं लगाया जाएगा और इसका वहन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा किया जाएगा।” सभी छात्र पूरी तरह फीस बढ़ोतरी की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

जेएनयू छात्रों और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद फीस बढ़ोतरी संबंधी मुद्दे को सुलझा लिया गया है। मंत्रालय ने मुद्दे को सुलझाने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। निशंक ने कहा, “विंटर सेशन के लिए छात्रों को सर्विस और यूटिलिटी चार्ज नहीं देने के लिए कहा गया है। यह उनकी मूल मांग थी। यूनिवर्सिटी को राजनीतिक क्षेत्र में नहीं बदलना चाहिए और छात्रों को अपना प्रदर्शन वापस लेना चाहिए। अगले सेमेस्टर के लिए 8500 छात्रों में से 5000 छात्र रजिस्टर करवा चुके हैं।”

हमें वर्तमान कुलपति पर भरोसा नहीं है: जेएनयू छात्र संघ

मंत्री ने कहा, “10-11 दिसंबर 2019 को जेएनयू के छात्र, शिक्षक और प्रशासन के प्रतिनिधियों के बीच मानव संसाधन सचिव के साथ कई बैठकें हुईं। इसके बाद एक समझौते पर सहमति बनी। समझौते के मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे के छात्रों के लिए हॉस्टल फीस में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। जेएनयू छात्र संघ ने मंत्री के बयान पर कहा कि उन्हें कुलपति पर कोई भरोसा नहीं है। जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डी के लोबियाल ने कहा, “हम कैंपस में सुरक्षित महसूस नहीं करते। इस माहौल में शैक्षणिक गतिविधियां नहीं चलाई जा सकती। हिंसा के कारण छात्र कैंपस छोड़ चुके हैं। ऐसे में हम कक्षाएं कैसे प्रारंभ कर सकते हैं?”



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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से आंदोलन वापस लेने की मांग की।- फाइल फोटो


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