सोनिया-राहुल समेत भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के लिए हाईकोर्ट में 4 याचिकाएं, केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल-प्रियंका समेत भड़काऊ भाषण देने वाले राजनेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार, गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किए। जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरि शंकर की बेंच ने इस मामले में दायर 4 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। एक अन्य याचिका में दिल्ली हिंसा में शामिल लोगों पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए एक्ट) के तहत मामला कायम करने की मांग की गई। अदालत ने इस पर दिल्ली सरकार के साथ गृह मंत्रालय से जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट में शुक्रवार को दिल्ली हिंसा के लिए भड़काऊ भाषणों को जिम्मेदार बताने वाली जिन4 याचिकाओं की सुनवाई हुई, उनमें से 3 याचिकाओं में सोनिया-राहुल-प्रियंका के साथ दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप विधायक अमानतुल्ला खान, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन और अकबरुद्दीन ओवैसी, उनकी पार्टी के पूर्व विधायक वारिस पठान के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है। वहीं, चौथी याचिका में भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई है।

हाईकोर्ट में दायर 5 याचिकाएं...

  • पहली याचिका: लॉयर्स वॉइस नाम की संस्था की तरफ से दाखिल याचिका में भड़काऊ भाषण देने वालेसभी नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के साथ उनके भाषणों की जांच के लिए एसआईटी बनाने की मांग की गई है।
  • दूसरी याचिका: हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता की याचिका में कहा गया कि एआईएमआईएम नेताओं के भड़काऊ बयानों की वजह से ही दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा फैली। इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
  • तीसरी याचिका: संजीव कुमार ने अपनी याचिका में कहा कि दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को देखते हुए अमानतुल्ला खान, स्वरा भास्कर और हर्ष मंदर के भड़काऊ भाषणों और बयानोंके कारणों की जांच एनआईए कराई जानी चाहिए।
  • चौथी याचिका: पूर्व नौकरशाह हर्ष मंदर ने अपनी याचिका में भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मंदर ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के बाद शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी की मांग भी की है। हिंदू सेना और संजीव कुमार ने मंदर के साथ ही एप्लीकेशन दाखिल की और मामले में उन्हें भी याचिकाकर्ता बनाने की मांग की।
  • पांचवीं याचिका: इसमें दिल्ली हिंसा में शामिल रहे और इसे पीछे से हवा देने वाले लोगों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए एक्ट) के तहत मामला चलाने की मांग की गई है। इस पर अदालत ने गृह मंत्रालय, केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।

अदालत ने 30 अप्रैल को अगली सुनवाई का आदेश दिया

मंदर के साथ दायर दोनों याचिकाओं पर अदालत ने गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है। मंदर ने जहां भाजपा के 3 नेताओं के कथित भड़काऊ भाषणों पर कार्रवाई की मांग की, तो इससे संबंधित दोनों याचिकाओं में एआईएएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत उनकी पार्टी के अकबरुद्दीन और वारिस खान पर कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही अभिनेत्री स्वरा भास्कर रेडियो जॉकी सायेमा के खिलाफ भी भड़काऊ भाषण के मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। अदालत ने सभी मामलों में जवाब फाइल करने के निर्देश के साथ केस की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को करने की बात कही है।



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5 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार, गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किए।


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