पुलिस ने कहा- 82 लोग गोली लगने से जख्मी, स्थानीय अपराधियों ने बेरोजगार युवाओं को हथियार बांटे और हिंसा के लिए उकसाया

नई दिल्ली. दिल्ली में तीन दिनों में हुई हिंसा में 82 लोग गोली लगने से जख्मी हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने यह जानकारी दी है। अखबार ने बताया कि इनमें 21 लोगों मौत हो गई, जिनमें हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी शामिल थे। उनकी मौत सोमवारशाम हुईथी।पुलिस ने अब तक मृतकों और घायलों समेत लगभग 250 पीड़ितों की एक सूची तैयार की है। यह आंकड़ा बताता है कि हर तीन पीड़ितों में से एक गोली लगने से घायल हुए हैं। इस संख्या से पुलिस यह जांच करने के लिए तत्पर हुई है कि कितने दंगाइयों के पास बंदूकें थीं।

मृतकों की संख्या गुरुवार को 38 हो गई, जिनमें अस्पताल के अधिकारियों ने 29 शवों की पहचान की है। गोली लगने से घायल हुए लोगों के अलावा, पीड़ितों की सूची से पता चलता है कि आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। जबकि कई अन्य पर एसिड अटैक, चाकूबाजी भी हुई है। कइयों को आंसू गैस के गोले से चोटें आईं हैं।

वरिष्ठ अफसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस को हिंसा स्थल से 350 से ज्यादा इस्तेमाल किए हुए कारतूस मिले। जांच के दौरान हमें 0.32 मिमी, 0.9 मिमी और 0.315 मिमी कैलिबर के कारतूस मिले।मौके से खिलौने वाले बंदूक के भी कारतूस मिले हैं।

छापेमारी के दौरान तलवार और पेट्रोल बम भी मिले

शुरुआती जांच से पता चलता है कि जिले के छोटे अपराधियों ने देश में बने पिस्तौल और गोलियों का स्टॉक किया था और उन्हें बेरोजगार युवाओं और मजदूरों को बांट दिया। साथ ही उन्हें हिंसा में शामिल होने के लिए उकसाया। छापेमारी के दौरान पुलिस को बड़ी संख्या में तलवार और पेट्रोल बम भी मिले।

हिंसा में स्थानीय अपराधी के शामिल होने की आशंका

जांच में शामिल एक पुलिस अफसर ने अखबार को बताया, ‘‘पुलिस को इसके पर्याप्त सबूत मिले हैं कि स्थानीय अपराधी जो पूर्व में डकैती, स्नैचिंग, लूटपाल जैसी घटनाओं में शामिल थे और गिरफ्तार किए गए थे, वे हथियारों और गोला-बारूद की खरीद और वितरण में शामिल थे। पुलिस उनके घरों और अन्य जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी है। उनमें से कई फरार हो गए हैं।’’



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नई दिल्ली के खजौरी खास में हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात पुलिसकर्मी।


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