जस्टिस मुरलीधर का आधी रात ट्रांसफर्र पर पूर्व सीजेआई बालाकृष्णन ने कहा- सरकार को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए थी
नई दिल्ली. देश के पूर्व चीफ जस्टिस (सीजेआई) केजी बालाकृष्णन ने हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर को ट्रांसफर्र ऑर्डर आधी रात जारी करने पर सरकार को नसीहत दी है। उन्होंने शनिवार को कहा कि जब देश में स्थिति नाजुक हो। मीडिया और दूसरे लोग सक्रिय हों तो सरकार को ऐसे आधी रात में ट्रांसफर्र ऑर्डर जारी करने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे में इस बात की संभावना होती है कि लोग इसपर दूसरे ढंग से सोचें।
जस्टिस मुरलीधर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों के मामले में सुनवाई करने वाली दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच में शामिल थे। उन्होंने भड़काऊ भाषणों पर कार्रवाई न होने को लेकर पुलिस और सरकार को फटकार लगाई थी। इसी दिन आधी रात को उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया था। इसके बाद सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न उठे थे। सरकार ने बाद में इस पर सफाई भी दी थी।
‘आदेश सुनवाई वाले दिन आना महज एक संयोग’
जस्टिस मुरलीधर ने हालांकि न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने माना कि जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर्र का दिल्ली हिंसा के मामले में सुनवाई से कोई लेना-देना नहीं है। आदेश सुनवाई वाले दिन आना महज एक संयोग था। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इस पर एक सप्ताह पहले ही निर्णय ले लिया था। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि कॉलेजियम के पास जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर्र का मामला कब आया था।
कांग्रेस ने जज के तबादले पर केंद्र सरकार को घेरा था
कांग्रेस ने जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह भाजपा सरकार के हिट एंड रन और नाइंसाफी का बेहतर उदाहरण है। यह बदले की राजनीति है। सरकार ने भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं को बचाने के लिए जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर किया है। ऐसा लगता है कि जो न्याय के लिए आवाज उठाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। वहीं, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ईमानदार न्यायपालिका का मुंह बंद करने से देश के करोड़ों लोगों का विश्वास टूटा है। रातोंरात जज का ट्रांसफर कर देना शर्मनाक है।
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