जेएनयू छात्र यूनियन ने कहा- यूनिवर्सिटी ने 1984 में दंगा प्रभावितों को शरण दी थी, अब भी दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के लिए खुला रहेगा
नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू(जेएनयू) प्रशासन की चेतावनी के बावजूद छात्र यूनियन (जेएनएसयू) ने दिल्ली हिंसा पीड़ितों को संस्थान में शरण देने की घोषणा की है। शनिवार को छात्र यूनियन ने ट्वीट किया कि यूनिवर्सिटी दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के लिए खुला रहेगा। यूनिवर्सिटी ने 1984 के दंगा पीड़ितों को शरण दी थी और अब यह दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के लिए भी खुला रहेगा। यह सरकारी दमन से प्रभावित लोगों की मदद करता रहेगा। इससे पहले शुक्रवार को जेनएयू प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करने से मना किया था।
शुक्रवार को जेनएयू प्रशासन छात्रों को नोटिस जारी किया था। इसे छात्रों से कहा गया था कि बाहरी लोगों से यूनिवर्सिटी परिसर में आकर रहने की अपील न करें। ऐसा करने वाले छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
हम हिंसा पीड़ितों की मदद के लिए तैयार:छात्र यूनियन
यूनियन ने कहा कि जेनएयू प्रशासन ने हमें दिल्ली हिंसा में सब कुछ खोने वाले लोगों की मदद करने पर कार्रवाई की धमकी दी है। हम दोहराते हैं कि जेनएयू हिंसा पीड़ितों के लिए सुरक्षित जगह है। मानवता संस्थान प्रशासन की धमकी से बढ़ कर है। हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे खुले रहेंगे। हम उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार हैं।
हालात खराब होने के जिम्मेदार छात्र होंगे: वीसी
जेएनयू वीसी जगदीश कुमार ने कहा कि लोगों को संस्थान में आकर रहने की अपील करने के बदले छात्र कैंपस से जरूरी सामान जुटाएं और उसे प्रभावित लोगों में बांटें, उनकी मदद करें। इसमें संस्थान भी पूरी मदद करेगा। फिलहाल किसी बाहरी व्यक्ति के कैंपस में न होने के कारण यहां माहौल शांतिपूर्ण है, इसे खराब न करें। उन्होंने कहा कि लोगों को संस्थान में आकर रहने की अपील करने वाले छात्र वही हैं जिन्होंने जनवरी में यहां पर बाहरी लोगों के कारण माहौल खराब होने का आरोप लगाया था। अब अगर ऐसा कुछ होता है तो इसके लिए छात्र जिम्मेदार होंगे।
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