सरकारी बैंकों को और पूंजी मिलने की संभावना नहीं, इसके बजाय कर्ज वसूली पर जोर रहने के आसार

नई दिल्ली. सरकार आगामी बजट में संभवत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और पूंजी डालने की घोषणा नहीं करेगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार बैंकों को डूबे कर्ज की वसूली तेज करने और बाजार से फंड जुटाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

शेयर बेच कर भी फंड जुटा सकते हैं बैंक

सूत्रों ने बताया कि बैंक अपने कोर बिजनेस से अलग कारोबार को बेच कर या विनिवेश कर धन जुटा सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश कर सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक इस कैलेंडर साल में बैंक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और गैर एनसीएलटी दोनों तरह से निपटान के जरिए डूबा कर्ज वसूल कर सकते हैं। बैंक कई कंपनियों में अपने शेयर बेचकर भी फंड जुटा सकते हैं।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रावधान कवरेज अनुपात (प्रोविजन कवरेज रेशियो) इस समय सात साल के उच्च स्तर 76.6 प्रतिशत पर है।

70000 करोड़ रु. में से 68855 करोड़ मिल चुके
सरकार ने अगस्त 2019 में बैंकों के मेगा मर्जर की घोषणा की थी। उसको देखते हुए सरकार ने पहले ही वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए घोषित 70,000 करोड़ रुपए में से 68,855 करोड़ रुपए बैंकों को दे चुकी है। मर्जर प्लान में शामिल इलाहाबाद बैंक को 2,153 करोड़ रु., यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,666 करोड़ और आंध्रा बैंक को 200 करोड़ दिए जा चुके हैं। एलआईसी नियंत्रित आईडीबीआई बैंक भी पिछले महीने संसद द्वारा अप्रूव्ड 4,557 करोड़ रुपए की एडीशनल पूंजी प्राप्त कर चुका है।

5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए बड़ा निवेश जरूरी
भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह लक्ष्य कब हासिल होगा इसकी समय-सीमा बताना मुश्किल है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कह बात कही। सरकार ने 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। रजनीश कुमार ने कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए बड़े पैमाने पर निजी निवेश होना जरूरी है। बुनियादी संरचना क्षेत्र में भारी निवेश की जरूरत है ताकि इसके परिणामस्वरूप जीडीपी को गति मिल सके।



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चालू वित्त वर्ष में बैंकों को सरकार से 68855 करोड़ रुपए मिल चुके।


source /business/news/govt-unlikely-to-announce-capital-infusion-for-psu-banks-in-budget-126448774.html

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