केंद्र सरकार का ध्यान अब रोहिंग्याओं को निकालने पर, वे नागरिकता कानून के तहत मान्य नहीं: केंद्रीय मंत्री

श्रीनगर. केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार का ध्यान अब रोहिंग्या शरणार्थियों को देश से निकालने पर है। वे देश में लागू हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत मान्य नहीं हैं। यह बात सिंह ने एक कार्यक्रम मेंकही। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती रोहिंग्याओं की जनसंख्या पर भी चिंता जताई।जिस दिन संसद में सीएए पास हुआ, उसी दिन से यह जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गया।

सिंह ने कहा- हाल ही में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों से कितने रोहिंग्या यहां आए, इसकी जांच होनी चाहिए।

रोहिंग्याओं को लेकर केंद्र सरकार भी चिंतित
जितेंद्र सिंह ने कहा- रोहिंग्याओं को देश से निकालने के लिए केंद्र सरकार भी चिंतित है। इसके लिए केंद्र योजनाओं पर चर्चा कर रही है। जरूरत के हिसाब से एक लिस्ट तैयार की जाएगी। लोगों को बायोमैट्रिक कार्ड दिए जाएंगे, ताकि रोहिंग्या शरणार्थी या घुसपैठिए नागरिकता कानून का फायदा न ले सकें।

जम्मू और सांबा जिले में 14000 विदेशी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के जम्मू और सांबा जिले में करीब 14,000 से ज्यादा विदेशी रहते हैं। इनमें रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की आबादी ज्यादा है। 2008 और 2016 के बीच यहां इन विदेशियों की आबादी में 6000 से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई।



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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- नागरिकता कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू है।


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