हार्ले डेविडसन पर टैरिफ से लेकर अफगानिस्तान में लाइब्रेरी बनवाने वाले मुद्दों पर मोदी का मजाक उड़ा चुके हैं ट्रम्प

अहमदाबाद. रियलिटी टीवी स्टार, अरबपति बिजनसमैन, रियल स्टेट मुगलऔर राजनीतिक रूप से कई बार गलत रहे ट्रम्पवास्तव में एक अप्रत्याशित शख्स हैं, जो कहीं भी कुछ भी बोल सकते हैं। ट्रम्प और कंट्रोवर्सी हमेशा से साथ-साथ चलते आए हैं। जलवायु परिवर्तन से लेकर ईरान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौतों से अमेरिका को अलगकरने वाले ट्रम्प राजनीति की यथास्थिति के लिए हमेशा से चुनौती ही रहे हैं। नवंबर 2016 में उनकी जीत ने पूरी दुनिया को चौंकाया था। तब से लेकर आज तक वे अपने बयानों और फैसलों से सभी को चौंकाते रहे हैं। कई मौकों पर भारत के खिलाफ भी वे बयान देते रहे हैं।अब जब वे भारत दौरे पर आ रहे हैं तो फिर ऐसी आशंका है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी की मौजूदगी में कश्मीर पर कोई अजीबोगरीब बयान दे सकते हैं।

फरवरी 2018 : हार्ले डेविडसन पर आयात शुल्क घटाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का मजाक बनाया
ट्रम्प ने फरवरी 2018 में अमेरिकी मोटरसाइकल हार्ले डेविडसन पर ज्यादा आयात शुल्क वसूलने के कारण दूसरी बार भारत पर तल्ख बयान दिया था। इसमें उन्होंने पीएम मोदी को भी घेरा था। ट्रम्प का यह बयान मोदी से टेलीफोन पर हुई बातचीत के कुछ दिन बाद आया था। उन्होंने कहा था, ‘‘अब, भारत के प्रधानमंत्री, जिन्हें मैं एक बेहद शानदार इंसान समझता हूं, वे मुझे फोन लगाकर कहते हैं कि हमने आयात शुल्क घटाकर 50% कर दिया है। मैंने उनसे कहा- ठीक है लेकिन फिर भी हमें कुछ नहीं मिल रहा।हमें वाकई कुछ नहीं मिल रहा। उन्हें 50% मिल रहा है और वे हम पर एहसान जता रहे हैं। ये कोई एहसान नहीं है।’’

ट्रम्प यहीं नहीं रूके। उन्होंने मोदी का मजाक भी उड़ाया। वे मोदी की मिमिक्री करते हुए बोले, ‘‡मुझे यकीन नहीं हो रहा था। मोदी ने बहुत ही खूबसूरत तरीके से यह बात बोली। वह बहुत ही शानदार इंसान हैं। उन्होंने कहा- ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि पहले हमनेआयात शुल्क घटाकर 75% किया और अब इसे और कम करते हुए 50% कर दिया है।और मैंने उनसे कहा-मुझे और क्या कहना चाहिए? क्या मुझे रोमांचित होना चाहिए था?’’

ओसाका में जून 2019 में मोदी से मुलाकात के पहले सीबीएस न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में भी ट्रम्प ने इस मुद्दे पर यह कहा था कि उनके नेतृत्व में अमेरिका को कोई मूर्ख नहीं बना सकता। ट्रम्प ने कहा था, ‘‘हम एक मूर्ख देश नहीं हैं। आप इंडिया को देखें। मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। आप जरा देखें कि वे क्या करते हैं, वे मोटरसाइकल पर 100% आयात शुल्क लगाते हैं। और हम उनसे कोई शुल्क नहीं वसूलते।’’

ट्रम्प ने इसके बाद भी 2-4 बार इस मुद्दे को लेकर बयान दिए। लेकिन अब जब भारत इस महंगी मोटरसाइकल पर टैरिफ और घटाने पर विचार कर रहा है तो यह उम्मीद की जा सकती है कि ट्रम्प के इस दौरे पर यह मुद्दा टेबल पर नहीं आएगा।

जनवरी 2019 : ट्रम्प ने अफगानिस्तान को दी जा रही सहायता राशि पर भारत का मजाक बनाया
ट्रम्प ने 2019 के पहले हफ्ते में ही एक बार फिर मोदी का मजाक बनाया था। ट्रम्प ने भारत द्वारा अफगानिस्तान के विकास में की जा रही सहायता पर मजाक बनाया था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा था-‘‘मैं आपको मेरे, भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे तालमेल का उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन वह लगातार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में लाइब्रेरी बनवाई। लाइब्रेरी! इतना तो हम (अफगानिस्तान में) पांच घंटे में खर्च कर देते हैं। शायद मुझे यह कहना चाहिए था-अरे! लाइब्रेरी के लिए धन्यवाद, लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आया कि अफगानिस्तान में कौन इसका इस्तेमाल कर रहा है?’’अफगानिस्तान को 3 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि देने की प्रतिबद्धता वाले भारत के लिए यह बयान बेहद निराश करने वाला था।

जून 2017 : ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते से भारत जैसे देशों को फायदा होने की बात कही
ट्रम्प ने 2019 में यूके दौरे के अंत में दिए अपने एक इंटरव्यू में परिस जलवायु समझौते से अमेरिका के अलग होने का ठीकरा भी भारत और चीन पर फोड़ा था। उन्होंने कहा था, ‘‘भारत, चीन, रूस और अन्य कई देशों में न एयर क्वालिटी अच्छी है और न ही पानी। ये देश अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे।’’इससे पहले 2017 में अमेरिका के इस समझौते से अलग करने का अपना फैसला सुनाते हुए ट्रम्पने कहा था, ‘‘भारत को इस समझौते में शामिल होने के लिए विकसित देशों से अरबों डॉलर मिले हैं।’’जब तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘‘यह (ट्रम्प के आरोप) वास्तविकता नहीं है। कोई भी अगर यह कहे कि हमने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किसी दबाव या पैसों के लालच में किया है तो यह सरासर गलत है। हमने ऐसा नहीं किया। और अमेरिका इस समझौते में रहे न रहे, हम इसमें हमेशा रहेंगे।’’

जुलाई 2019 : ट्रम्प ने दावा किया कि मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने की अपील की
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जुलाई 2019 में अमेरिकी दौरे पर थे। व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय बातचीत के दौरान उनके साथ बैठे ट्रम्प ने अचानक ही ऐसा बयान दिया, जिसने दिल्ली में खलबली मचा दी। ट्रम्प ने दावा किया कि जापान में G-20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने उनसे भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए मध्यस्थता करने की अपील की थी। ट्रम्प ने कहा, ‘‘मोदी ने मुझसे कहा- क्या आप दोनों देशों के बीच मध्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा- कहां? मोदी ने कहा- कश्मीर, क्योंकि वहां कई सालों से लगातार संघर्ष चल रहा है।’’ट्रम्प ने इस दौरान यह भी कहा था कि अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे यह करने में खुशी होगी। ट्रम्प ने यह बात इमरान खान की उस अपील पर कही थी, जिसमें उन्होंने ट्रम्प से अपने ऑफिस का उपयोग दोनों देशों के बीच अमन लाने के लिए करने को कहा था।

उस समय ओसाका में हुई G-20 समिट में भारतीय डेलिगेशन मेंबतौर अधिकारी शामिल रहे वर्तमान विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद को संसद में इस पर जवाब देना पड़ा था। प्रसाद ने कहा था, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान भारत-पाकिस्तान की मांग पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने की उनकी इच्छा को बताता है। मैं सदन को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा इस तरह की कोई मांग नहीं की गई। मैं दोबारा यह कहता हूं कि इस तरह की कोई मांग नहीं की गई।’’

सितंबर 2019 में ट्रम्प ने तीन बार इस मुद्दे को उठाया। हालांकि उन्होंने तीनों ही बार दोनों देशों की सहमति पर मध्यस्थता कराने की बात कही। 23 सितंबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर इमरान खान के साथ एक द्विपक्षीय बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘‘मैं दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की योग्यता भी रखता हूं। यह मेरी इच्छा भी है और मैं इसके लिए तैयार भी हूं।” इमरान खान के साथ इस साल दावोस में हुई मुलाकात के बाद भी उन्होंने फिर से यह बात दोहराई। एक साल से कम समय के अंदर इमरान खान के साथ उनकी यह तीसरी मीटिंग थी। इस मीटिंग के बाद उन्होंने कहा, ‘‘हमने कश्मीर की स्थिति पर बातचीत की। हम इस पर मध्यस्थता कर सकते हैं। हम पाकिस्तान की कुछ सीमाओं पर उसके साथ काम करते रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर क्या हलचल है, इस पर भी हम बातचीत कर रहे हैं। अगर हम मदद कर सकते हैं, तो हम बिल्कुल करेंगे। हम इसे बहुत करीब से देख रहे हैं।’’भारत की ओर से ट्रम्प के इस ऑफर को हर बार यह कहते हुए विनम्रता के साथ खारिज किया गया कि कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए किसी तीसरे देश की जरूरत नहीं है। ट्रम्प के इस दौरे पर भी मोदी और ट्रम्प के बीच कश्मीर पर लेकर चर्चा हो सकती है। व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने कहाकि मोदी और ट्रम्प के बीच कश्मीर मुद्दे पर गोपनीय बातचीत होगी। दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने इस बयान के बाद चुप्पी साथ रखी है। शायद वे उम्मीद कर रहे होंगे कि बातचीत के बाद ट्रम्प फिर से कोई चौंकाने वाला बयान न दे डालें।’’



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Trump’s controversial remarks on india and pm modi from harley davidson to library in afghanistan


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