उमर अब्दुल्ला आज 8 महीने के बाद रिहा होंगे, अनुच्छेद 370 लागू होने से एक दिन पहले नजरबंद किया गया था

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मंगलवार को आठ महीनेतक हिरासत में रहने के बाद रिहा होंगे। उमर को 4 अगस्त की रात को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले हिरासत में लिया गया था। उन्हें 5 फरवरी से पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है। उनके साथ सैकड़ों राजनेताओं कोहिरासत में लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते उमरकी बहन सारा पायलट कीउनकी रिहाई के लिए डाली गई याचिका पर केंद्र से इस हफ्ते जवाब मांगा था कि क्या उन्होंने उमर को रिहा करने की योजना बनाई है।अब जब कश्मीर में चीजें बेहतर हो गई हैं, तो उमर की रिहाई को लेकर आपके क्या निर्देश हैं।कोर्ट ने कहा कि अगर जल्द ऐसा नहीं किया गया तो वे उमर की बहन सारा पायलट की याचिका पर सुनवाई करेगा।


सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए उनकी बहन सारा पायलट की याचिका पर सुनवाई की थी। सारा ने याचिका में पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 (पीएसए) के तहत अपने भाई उमर की हिरासत को चुनौती दी थी। जस्टिस अरुण मिश्रा ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा कि अगर उमर को रिहा करने की योजना है, तो जल्द करें। अगर आप उन्हें अगले हफ्ते तक रिहा नहीं करेंगे तो हम उनकी बहन की याचिका पर मेरिट के आधार पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वकील से भी कहा था कि इस पर केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त करें और जानकारी अदालत को दें।

फारूक अब्दुल्लारिहाई के एक दिन बाद उमर से मिले थे

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला 13मार्च को नजरबंदी से रिहा हुए थे। रिहाई के एक दिन बाद अपने बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मिले। पिछले सात महीने में पिता और बेटे की यह पहली मुलाकात थी। रिहाई के बाद फारूक ने उमर से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें श्रीनगर के उप जेल में उमर से मिलने की इजाजत दी। दोनों करीब एक घंटे तक साथ रहे थे। फारूक के साथ अब्दुल्ला परिवार के अन्य सदस्यों की भी उमर से मुलाकात हुई। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्तीसमेत कई नेता अभी भी नजरबंद हैं।

विपक्षी पार्टियों ने रिहा करने की मांग की थी, 4 दिन बाद फारुख रिहा हुए थे
9 मार्च को आठ विपक्षी पार्टियों ने केंद्र से मांग की थी कि जम्मू-कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को तत्काल रिहा किया जाए। विपक्षी नेताओं ने कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं कि इन लोगों की गतिविधियों ने राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाला हो। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी, जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, राजद नेता मनोज झा, पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने बयान जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को रिहा करने की मांग की। इसके बाद केंद्र ने 13 मार्च को फारुख अब्दुल्ला को रिहा कर दिया था।



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पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला। -फाइल फोटो


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