अब तक 531 केस दर्ज, 1647 गिरफ्तार; फरार दंगे का आरोपी ताहिर हुसैन का कोई सुराग नहीं

नई दिल्ली. पुलिस ने बुधवार को कहा कि दिल्ली हिंसा मामले को लेकर अलग-अलग थानों में अब तक 531 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 47 आर्म्स एक्ट के हैं। वहीं, अब तक 1647 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। दंगे मेंमरने वालों में दिल्ली पुलिस और आईबी के हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल थे। आईबी के हेड कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा हत्याकांड समेत कई मामलों में वांछित पार्षद ताहिर हुसैन अभी तक गायब है।

कांग्रस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं ने बुधवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा-प्रतिनिधिमंडल बृजपुरी नाला से आगे नहीं गए। सुरक्षा कारणों की वजह से पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने की सलाह दी। इससे पहले बुधवार को राहुल गांधी ने कहा था कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा करने के लिए हम सरकार पर दबाव बना रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा के लिए विपक्ष लगातार मांग कर रहा है।

पार्षद ताहिर के छत से ईंट-पत्थर और गुलेल मिले थे
हिंसा के बाद पार्षद ताहिर के घर की छत से ईंट-पत्थर, गुलेल और हिंसा के लिए उपयोग में लाए जा सकने वाले सामान मिले थे। उसके घर में तेजाब को बोतलों में भरकर रखा गया था। दंगा में शामिल होने का आरोप लगने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर को पार्टी से निलंबित कर दिया था। ताहिर के दंगा में शामिल होने को लेकर विवाद शुरू होने के बाद आप के सांसद संजय सिंह ने कहा था कि उसके खिलाफ दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने में धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज है।

8 दिन के बाद वांछित शाहरुख की गिरफ्तारी हुई
हिंसा के मामले में वांछित मोहम्मद शाहरुख को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार कर लिया। शाहरुख ने 24 फरवरी को जाफराबाद में पुलिस जवान पर पिस्तौल तानी थी और 8 राउंड फायरिंग की थी। 8 दिन से वह फरार चल रहा था। दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच की 10 टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई थीं। बताया जा रहा है कि शाहरुख फायरिंग के बाद पानीपत, कैराना, अमरोहा जैसे अलग-अलग शहरों में छिपता रहा और शामली से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सूत्रों ने बताया कि शाहरुख के पिता साबिर राणा ने ही दिल्ली हिंसा के बाद उसे रुकवाने के लिए पहले बरेली और फिर शामली में इंतजाम करवाया था।

25 फरवरी को अमित शाह ने 24 घंटे के अंदर 3 बैठकें कीं

22 फरवरी से शुरू हुई हिंसा को कंट्रोल करने के लिए 25 फरवरीकी शाम तक जम्मू-कश्मीर (ट्रेनिंग) में सीआरपीएफ में तैनात एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली का विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) बनाकर भेजा गया। दंगों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने 24 घंटे के अंदर 3 बैठकें कीं। दिल्ली के नए विशेष आयुक्त श्रीवास्तव के साथ देर रात तक तीन घंटे बैठक चली। इसके बादराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल हिंसा प्रभावित इलाके सीलमपुर और जाफराबाद में जायजा लेनेपहुंचे। दंगाग्रस्त इलाकों भजनपुरा, घोंडा, यमुना विहार, चांदबाग, करावल नगर सहित कई इलाकों में 25 फरवरी तड़के ही हिंसा शुरू हो गई थी।

केजरीवाल ने कहा- राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत
26 फरवरी को अमित शाह के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस के आला अधिकारियों ने बैठक की। बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत।

हिंसा के दौरान आगजनी की 300 घटनाएं रोकी गईं

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत शनिवार शाम को हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। हिंसा रोकने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों ने आगजनी की 300 घटनाएं रोकी थी। इसके बावजूद दंगाइयों ने 79 घर और 327 दुकानें पूरी तरह से जला दी थी।



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दिल्ली हिंसा में 47 लोग मारे गए। -फाइल फोटो


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