भारत में कोरोनावायरस की पहली मरीज ने कहा- 39 दिनों तक अलग-थलग रहना आसान नहीं था

तिरुवंतपुरम. भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित पहली छात्रा अब पूरी तरह ठीक हो गई है। 30 जनवरी को केरल के त्रिशूर की एक छात्रा में संक्रमण का पहला मामला सामने आया था।इलाज के दौरान उस 39 दिनों तक आइसोलेशन में रखा गया।उसे अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। चीन के वुहान शहर के एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 20 वर्षीय छात्रा ने कहा, ‘‘इतने लंबे समय तक अलग-थलग (आइसोलेशन) रहना आसान नहीं था। इस दौरान काउंसलर्स ने नियमित रूप से मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया।’’

छात्रा ने कहा, ‘‘जिस समय मेरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, मैंने अपने उन सभी दोस्तों को बुलाया, जो मेरे साथ आए थे। मैंने उनसे कहा कि वे सभी डॉक्टर्स के संपर्क में रहे। बाद में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि वे सभी स्वस्थ्य हैं। मेरे संक्रमण के बारे में पता चलने पर डॉक्टर्स और अधिकारी मेरे पास आए और मुझसे विस्तार से कई चीजों के बारे में पूछा। जैसे किसफ्लाइट से मैं यहां आई, मेरी सीट नंबर, जो लोग मेरे साथ आए थे, उनकी डिटेल।’’

उसने एक न्यूज चैनल को बताया, ‘‘मैंने चीन में ऐसे लोगों के बारे में सुना था जो संक्रमण से उबर चुके थे और मुझे पता था कि मैं शारीरिक रूप से ठीक हूं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मेरी मां को बुलाया और उन्हें आश्वस्त किया। घर आने के बाद भी इतने लंबे समय तक आइसोलेटेड रहना आसान नहीं था। लेकिन, वहां मौजूद काउंसलर्स हमेशा मुझसे बात करते रहते थे और मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते रहते थे। उनसे मुझे काफी मदद मिली।’’

17 जनवरी तक चीन में स्थिति सामान्य थी: छात्रा

छात्रा ने कहा, ‘‘13 जनवरी कोजब वुहान यूनिवर्सिटी चार हफ्ते के लिए बंद हुई, तब मैंने कोरोनावायरस के प्रकोप काअनुमान नहीं लगाया था। सड़कों पर सब कुछ सामान्य लग रहा था। 17 जनवरी तक सड़कों पर लोग मास्क पहनकर निकलते थे। लेकिन जल्द ही स्थिति बिगड़ गई। हमारी छुट्टी केवल चार हफ्ते के लिए थी। जून में हमारी लंबी छुट्टी होती है। लेकिन, हवाई किराया को देखते हुए मैंने भारत जाने की सोची। हमने 23 जनवरी का टिकट बुक किया। स्थिति खराब होने के कारणहमें कुनमिंग से कोलकाता के लिए उड़ान भरनी पड़ी, क्योंकि उड़ान सेवाएं पहले से ही प्रतिबंधित थीं।’’

उसने बताया, ‘‘22 जनवरी कोहमें अपने सीनियर्स से जानकारी मिली कि हवाई अड्डे बंद होने जा रहे हैं। हम तुरंत कुनमिंग के लिए एक कनेक्टिंग फ्लाइट लेने के लिए हवाई अड्डे पर गए। लेकिन, देर होने के कारण हमने ट्रेन ले ली। चीन में हर जगह सख्ती से जांच हो रही थी। यूनिवर्सिटी से बाहर निकलते समय, हमारे शरीर के तापमान की जांच की गई। उसके बाद हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों पर इसी तरह की जांच की गई। लगभग 20 छात्र वुहान से 23 जनवरी को कोलकाता पहुंचे थे। इनमें से कुछ अगले दिन केरल चले गए थे।’’

‘भारत पहुंचने के साथ ही स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने को कहा गया’

केरल की छात्रा ने बताया, ‘‘मुझे अपने एक ग्रुप में भारतीय दूतावास का मैसेज मिला। इसमें भारत लौटने के बाद नजदिकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने के लिए कहा गया था। मैंने अपने स्वास्थ्य केंद्र को 25 जनवरी को अपने पहुंचने की सूचना दी। इसके बाद मुझे स्वास्थ्य अधिकारियों से हर रोज फोन आने लगे। मुझे स्थिति सामान्य ही लग रही थी। 27 जनवरी को मेरे गले में खुजली हुई।मैंने तुरंत उन्हें सूचित किया। इसके बाद उन्होंने मुझे लेने के लिए एम्बुलेंस भेजा और मुझे एक सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान मेरी मां मेरे साथ थी।’’


छात्रा के मुताबिक, आइसोलेशन रुम में भर्ती किए जाने के बाद मेरे सैंपल्स जांच के लिए भेज दिए गए। मेरे सैंपल्स के साथ चार और लोगों के भी थे। उन चारों के रिजल्ट निगेटिव थे। लेकिन, मुझे कुछ नहीं बताया गया। इसके बाद मुझे संदेह होने लगा और 30 जनवरी को मुझे यह रिपोर्ट मिली कि त्रिशूर की एक छात्रा कोरोनावायरस से संक्रमित है। जल्द ही, डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम आई और मुझसे मिली। उन्होंने मुझसे विस्तार से बात की।‘’

20 फरवरी को छात्रा को अस्पताल से छुट्टी मिली

सभी चिकित्सीय देखभाल के बाद जब भारत की पहली मरीज की रिजल्ट निगेटीव आई तो इसके बारे में उसे सूचित नहीं किया गया। छात्रा ने कहा, ‘‘मुझे तब बताया गया जब मैं पूरी तरह से ठीक हो गई और मेरी दूसरी जांच रिजल्ट भी निगेटिव आई।’’ 20 फरवरी को छात्रा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन घर में उसे 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन (अलग-थलग) रहने के लिए कहा गया।

वुहान में पढ़ने वाले छात्र ऑनलाइन क्लास कर रहे

वुहान में पढ़ने वाले कई अन्य छात्रों की तरह, वह अभी चीन लौटने को लेकर स्पष्ट नहीं है। चार हफ्ते की छुट्टी के बाद यूनिवर्सिटी को 15 फरवरी को खोला जाना था। उसने बताया कि मेरे क्लास में 65 छात्र हैं, जिनमें 45 भारतीय हैं। अभी हम लोग ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं। कोरोनावायरस के प्रभाव को देखते हुए यह शुरू किया गया है। अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद ही हम वुहान लौटेंगे।



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First Coronavirus Patient in Kerala Wasn't Easy To Remain Isolated


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