न राष्ट्रपति शासन लग रहा है, न पुलिस ने मजदूरों को पीटा, पत्तागोभी न खाने वाला दावा भी झूठा
कोरोनावारयस को लेकर बहुत सारी अफवाहें सोशल मीडिया में वायरल की जा रही हैं। कोई राष्ट्रपति शासन लगने की बात कर रहा है तो कोई सेना की तैनाती का दावा कर रहे हैं। कई यूजर्स ने माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स के नाम से झूठा लेटर भी वायरल कर दिया। वहीं कुछ पत्तागोभी न खाने की सलाह दे रहे हैं। जानिए ऐसे ही 10 वायरल दावों का सच।
झूठे हैं ये 10 दावे, इन पर न करें यकीन
#पहला दावा
क्या वायरल : तेलंगाना में सेना तैनात होने जा रही है। इसके बाद किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी।
क्या सच : तेलंगाना केपुलिस कमिश्नर ने इस दावे का खंडन किया है साथ ही ऐसे मैसेज फैलाने वालों पर एक्शन लेने की बात कही है।
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दूसरा दावा
क्या वायरल : कुछ फोटोज वायरल कर दावा किया जा रहा है कि पुलिस द्वारा दिहाड़ी, रेहड़ी और हाइवे पर चलते लोगों को पीटा जा रहा है।
क्या सच : वायरल की जा रहीं तस्वीरें पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद हैं। इनका मौजूदा लॉकडाउन से कोई लेनादेना नहीं।
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तीसरा दावा
क्या वायरल : माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स के नाम से एक लेटर वायरल हो रहा है। दावा है कि, गेट्स ने कोरोनावायरस को सुधार करने वाला बताया है और इसे आध्यात्मिक उद्देश्य बताया।
क्या सच : वायरल लेटर बिल गेट्स ने नहीं लिखा, उनके फाउंडेशन ने इसे फर्जी बताया।
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चौथा दावा
क्या वायरल : अलग-अलग वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि बकरे के मीट, नॉनवेज खाने से कोरोनावायरस होता है।
क्या सच : वायरल दावा झूठा है। हालांकि विशेषज्ञ सामान्य तौर पर भी मीट को अच्छी तरह से धोकर व पकाकर खाने की सलाह देते हैं।
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पांचवा दावा
क्या वायरल : वायरल मैसेज में WHO के हवाले से दावा किया गया है कि पत्तागोभी न खाएं क्योंकि इसमें कोरोनावायरस सबसे लंबे समय तक ठहर रहा है।
क्या सच : WHO ने ऐसी कोई सलाह नहीं दी। भारत सरकार के पीआईबी ने भी वायरल दावे को झूठा बताया है।
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छटवां दावा
क्या वायरल : एक मैसेज वायरल हो रहा है, इसमें दावा किया गया है कि आज रात से देशभर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू हो रहा है, इसके बाद कोरोनावायरस को लेकर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करना अपराध होगा।
क्या सच : कोरोनावायरस को लेकर जानकारी शेयर करना अपराध नहीं है, लेकिन यह भ्रामक हुई तो पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
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सातवां दावा
क्या वायरल : एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें सड़क पर नोट पड़े नजर आ रहे हैं। दावा है कि, इटली के लोगों ने सड़क पर पैसा फेंक दिया।
क्या सच : वायरल तस्वीर इटली नहीं बल्कि वेनेजुएला की है 2013 में वहां शुरू हुए खराब आर्थिक हालात ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी थी।
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आठवां दावा
क्या वायरल : एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को पीटते दिख रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह फिल्म निर्माता सुधीर मिश्रा हैं।
क्या सच : वायरल वीडियो में जो शख्स पिट रहा है वो सुधीर मिश्रा नहीं हैं, उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है।
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नौवा दावा
क्या वायरल : दावा किया जा रहा है कि, कोरोनावायरस महामारी के चलते केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष को 1 अप्रैल से आगे बढ़ाकर 1 जुलाई कर दिया है।
क्या सच : सरकार ने स्पष्ट किया कि, वित्तीय वर्ष में बदलाव नहीं किया गया है। यह 1 अप्रैल से ही शुरू हुआ है।
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दसवां दावा
क्या वायरल : गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव के नाम से वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि, केंद्र सरकार ने कोरोना से जुड़ी जानकारियां वॉट्सऐप गुप में शेयर करने पर पाबंदी लगा दी है।
क्या सच : सरकार ने कोई पाबंदी नहीं लगाई है, लेकिन पीआईबी ने आधिकारिक और सटीक जानकारी साझा करने की अपील की है।
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source https://www.bhaskar.com/coronavirus/news/coronavirus-latest-fake-viral-updates-know-the-rruth-of-10-social-media-viral-claim-127094600.html
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