ब्रिटेन समेत यूरोपीय देशों के वैज्ञानिकों को आशंका- कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप से खतरे में पड़ सकती है प्राइवेसी; पारदर्शिता पर भी सवाल
दुनिया के कई देश कोरोना के प्रसार को मापने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप पर काम कर रहे हैं। भारत में आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च हो चुका है, जबकि ब्रिटेन के ऐप एनएचएस-एक्स का पायलट टेस्ट चल रहा है। वैज्ञानिक करीब 30 देशों के ऐप की स्टडी कर रहे हैं। वे इन ऐप के व्यवहार, खासकर डेटा की प्राइवेसी संबंधी शंकाओं को लेकर संतुष्ट नहीं हैं।
ब्रिटेन समेत अन्य यूरोपीय देशों के वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स ने भी इन ऐप की आलोचना करते हुए खुला पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि ये ऐप यूजर्स के डेटा हैंडलिंग, उनकी निजता के बारे में पारदर्शी नहीं हैं। उदाहरण के तौर पर जब दो लोग मिलते हैं, तो उनके ऐप ब्लूटूथ के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में आते हैं। ऐसे संपर्कों का ब्यौरा दोनों व्यक्तियों के मोबाइल ऐप में सेव होता है।
कई ऐप यूजर के लोकेशन का डेटा भी लेते हैं। अगर ये डेटा हैकर के हाथ लग जाए, ऐप के नियंत्रक इससे यूजर्स की स्थिति की पहचान करने लगें, तो यह निजता के लिए बड़ा खतरा होगा।
वैज्ञानिक लॉन्च से पहले ऐप का विश्लेषण करना चाहते
वैज्ञानिकों को ऐप लॉन्च होने से पहले ऐसे दुष्प्रभावों का विश्लेषण करने का मौका मिले। यह विश्लेषण यूजर्स के लिए उपलब्ध हो। वे तय कर सकें कि उनके लिए ऐप ठीक है या नहीं। डेटा प्रोटेक्शन कानून का पालन हो। ऐप को एमआईटी टेक्नोलॉजिकल रिव्यू परख रही है।
एमआईटी टेक्नोलॉजिकल रिव्यू ने 5 पैमानों पर एप को परखा
- स्वैच्छिक: ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं।
- सीमित इस्तेमाल: डेटा सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित के लिए उपयोग किया जा रहा है।
- डेटा नष्ट करना : डेटा तय समय (आमतौर पर 30 दिन) में नष्ट हो जाएगा। यूजर्स खुद भी चाहें तो अपना डेटा डिलीट कर सकेंगे।
- न्यूनतम सूचनाएं: ऐप कोविड-19 के संबंध में ट्रेसिंग के लिए जरूरी सूचनाएं ही लेता है।
- पारदर्शिता: ऐप से जुड़ीं नीतियां, डिजाइन, सोर्स कोड सार्वजनिक किए जा चुके हैं।
चीन का ऐप किसी पैमाने पर खरा नहीं
- अमेरिका: फिलहाल अमेरिका के किसी ऐप का नाम सामने नहीं आ रहा है।
- ब्रिटेन : एनएचएस-एक्स ऐप। यह स्वैच्छिक, पारदर्शिता, न्यूनतम सूचना के पैमाने पर खरा।
- इटली: इम्युनी ऐप। यह पांचों पैमानों पर खरा।
- फ्रांस: स्टॉप कोविड ऐप। यह स्वैच्छिक है। अन्य पैमानों पर खरा नहीं उतरा।
- चीन: चाइनीज हेल्थ कोड सिस्टम ऐप। यह पांचों पैमाने पर खरा नहीं उतरा है।
- जर्मनी: कोरोना ऐप। यह स्वैच्छिक है। डेटा नष्ट हो सकेगा। अन्य पैमानों पर खरा नहीं है।
- भारत: आरोग्य सेतु ऐप। डेटा नष्ट हो सकेगा। पारदर्शी है। अन्य पैमानों पर खरा नहीं।
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source https://www.bhaskar.com/international/news/scientists-in-european-countries-including-britain-fear-corona-contact-tracing-app-may-be-threatened-by-privacy-question-on-transparency-127348185.html
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