22 हजार रु. कर्ज लेकर खरीदा था प्रवासी मजदूर का बच्चा, 20 रुपए के स्टॉम्प पर बनाया था एग्रीमेंट

खबर हैदराबाद से है। एक दिहाड़ी मजदूर मदन कुमार सिंह ने अपने घर के पास रहने वाली एक औरत सेशु के जरिए 22 हजार रुपए में अपने बच्चे का सौदा किया था। 23 मई को सौदा हुआ और 24 मई को पुलिस ने बच्चा बेचने वाले मजदूर, खरीदने वाले दंपतीऔर बिचौलिये सेशु तीनों को गिरफ्तार कर लिया।फिलहाल बच्चा शिशु विहार में है और तीनों लोगों को नोटिस देकर छोड़ा गया है।

मदन और सेशु एक ही इलाके में रहते हैं। सेशु की बहन का चार बार अबॉर्शन हो चुका है। सेशु को जब मजदूर मदन के घर बच्चा पैदा होने की खबर लगी तो उसने अपनी बहन और मदन की बात करवाई।मदन पहले तो गरीबी के चलते बच्चा यूं ही सौंपने को राजी हो गया था,लेकिन बाद में उसने बच्चे के बदले पैसे मांगे। सेशु की बहन के पति ने कर्जलेकर मदन से बच्चा खरीदने के लिए 22 हजार रुपए जुटाए थे।

मदन और सरिता हैदराबाद में किराये के कमरे में रहते हैं।

पति शराब पीता है, उसने बिना बताए सौदा कर दिया था
पुलिस के जरिए हम सबसे पहले मदन कुमार की पत्नी सरिता तक पहुंचे। सरिता ने बताया, "वारंगल के पास अपने गांव से मैं 9 महीने पहले पति केसाथ काम-धंधे की तलाश में हैदराबाद आई थी। मेरा पति लेबर है। मैंने भी बच्चा पेट में होने के चौथे महीने तक घरों में झाडू-पोंछा लगाया,क्योंकि पति बहुत शराब पीता है। जितना कमाता है, वो सब शराब में उड़ा देता है। उसको 500 रुपए रोज मिलता था, लेकिन वो सबकी शराब पी जाता है।"

सरिता ने कहा-घर में खाने-पीने की भी दिक्कत है। कभी खाने को मिलता है, कभी नहीं मिलता। एक दिन पति ने घर के पास में ही रहने वाली सेशु से बच्चा 22 हजार रुपए में बेचने की बात कर ली। सेशु की कोई दूर की बहन है। उसको बच्चा नहीं हो रहा था। उसने कहा वो बच्चे को पाल लेगी। पति ने उनसे कहा कि हमें ऑटो से वारंगल के पास अपने गांव भी छुड़वा देना। मुझे दो-तीन बाद बताया। मैंने बहुत कहा कि बच्चा मत बेच। मैं पाल लूंगी,लेकिन वो नहीं माना।"

"23 मई की रात में मदन नेबच्चा सेशु और उसकी बहन को दे दिया। सुबह वो मुझे लेकर गांव जाने लगा। तभी मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया। पड़ोसियों को पता चला तो उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया। फिर पुलिस ने सबको पकड़ लिया।"

सेशु की बहन पद्मा। इन दोनों ही रिश्तेदारी में ही देवी है। जिसने बच्चा खरीदना चाहा।

बच्चा खरीदने के पैसे नहीं थे, कर्ज लेकर जुटाए 22 हजार रु
बच्चा खरीदने वाली देवी की बहन पद्मा ने बताया- मदन ने हमसे कहा था कि मेरा एक सात साल का बच्चा है। मैं दूसरे को नहीं पाल सकता। मैंने उसे कहा कि हमारी दूर की बहन है देवी। उसको बच्चा नहीं है। वो पाल लेगी। पहले उसने कहा कि ऐसे ही बच्चा ले जाओ। बाद में बोला 50 हजार रुपए में बच्चा दूंगा। हमने मना कर दिया तो फिर वो 22 हजार रुपए में बच्चा देने को राजी हो गया। बोला मुझे ऑटो से गांव तक भी छुड़वाना।

पद्मा ने कहा, "देवी का पति ऑटो चलाता है। उसने 20 हजार कर्ज लिया था। ये पैसे उसे हर हफ्ते 2 हजार जमा कर चुकाने थे। उसने पैसा 23 तारीख को रात मेंमदन को दे दिया। मदन ने सुबह गांव तक छोड़ने की बात भी कही थी। इस पर हमने कहा कि गांव तक नहीं छोड़ पाएंगे, क्योंकि पुलिस बहुत है। तो उसने कहा जहां तक छोड़ सकते हो, वहां तक छोड़ दो। ये लोग निकलने ही वाले थे कि इतने में पुलिस आ गई और सबको पकड़ लिया। पुलिस में मामला जाने के बाद से हम दोनों बहनों का काम छिन गया। मेरे पांच बच्चे हैं। अब खाने-पीने को भी नहीं है। देवी के पति ने कर्जा लिया था, अब वो भी फंस गया। बच्चा भी नहीं मिला। पैसा और बच्चा दोनों पुलिस के पास हैं। हमारी भूख से मरने जैसी हालत हो गई।"

20 रु.के स्टाम्प पर एग्रीमेंट बनाया गया

घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले और इस पूर मामले की जांच कर रहे जैदीमेटला पुलिस स्टेशन के सेक्टर पांच के एसआई के मनमाधव राव ने बताया, "मदन कुमार सिंह (32) और सरिता (30) दोनों मजदूरी करते हैं। ये लोग बटुकम्मा बांदा में एक किराये के कमरे में रहते हैं। दो महीने पहले इनके घर बच्चा हुआ था। डिलीवरी पास में ही रहने वाली एक बुजुर्ग महिला वेंकट अम्मा ने घर पर ही करवाई थी। यहीं पर अगली गली में सेशु नाम की महिला रहती है। उसने वेंकट अम्मा को बताया कि वारंगल में रहने वाली उसकी बहन देवी का चार बार गर्भपात होचुका है और अब डॉक्टर ने बोल दिया है कि वो मां नहीं बन पाएगी।"

सेशु के जरिए ही बच्चे को लेने की बात हुई थी।

मनमाधव राव ने कहा-मदन ने वेंकट अम्मा को कहा कि उसके लिए बच्चा गोद लेना है कोई हो तो बताना। वेंकट अम्मा ने उसे बताया कि दो महीने पहले ही एक मजदूर के घर में बच्चा हुआ है। उसका एक बच्चा पहले से है। वो दूसरा नहीं पाल पाएंगे। इसके बाद सेशु ने यह बात अपनी बहन देवी को बताई। उसने बच्चे के लिए सेशु को उस मजदूर से बात करने का बोला।

देवी का भाई अरविंद, सेशु और वेंकट अम्मा ने 23 जनवरी की रात मदन कुमार को 22 हजार रुपए दिए और बच्चा ले लिया। देवी के भाई अरविंद ने 20 रुपए के स्टॉम्प पर लिखा पढ़ी की। स्टाम्प में सिर्फ एक ही लाइन लिखी गई कि हम 22 हजार रुपए लेकर बच्चा ले रहे हैं। इसके बाद वो बच्चे को सेशु के घर ले गए। अगले दिन सुबह मदन अपनी पत्नी को लेकर घर से निकल रहा था तभी पत्नी ने रोना शुरू कर दिया।

मदन की पत्नीचीख-चीखकर कहने लगीकि मुझे बच्चा वापिस चाहिए। यह सुनकर आसपास के लोग इकट्‌ठा हो गए। उन्होंने सेशु को बच्चा लौटाने का कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। पुलिस अब देख रही है कि मामले में किसके खिलाफ क्या एक्शन हो सकता है। जांच होने के बाद चार्जशीट बनाई जाएगी। पुलिस का मानना है कि मदन ने शराब के नशे में बिना सोचे-समझे पैसों के लालच में आकर बच्चा बेचने की कोशिश की।



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source https://www.bhaskar.com/dboriginal/news/hyderabad-lockdown-news-updates-on-migrant-workers-child-selling-case-in-telangana-127345541.html

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