कभी देश, कभी मजहब तो कभी व्यक्ति के नाम पर 5 मंत्रियों ने 7 भड़काऊ बयान दिए, इससे सरकार की फजीहत हुई
मोदी सरकार 2.0 का शनिवार को एक साल पूरा हो गया। इस दौरान सरकार की नीतियों की खूबियों और कमियों के बीच केंद्रीय मंत्रियों ने भी मुश्किलें खड़ी कीं। कभी धर्म तो कभी इतिहास के नाम पर भड़काऊ भाषण दिए। विपक्षी नेताओं पर व्यक्तिगत हमले भी किए। इससे सरकार से लेकर पार्टी तककी फजीहत हुई।
इस पूरे साल में सबसे ज्यादा भड़काऊ भाषण जेएनयू हिंसा, दिल्ली विधानसभा चुनाव और सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान आए। दिल्ली विधानसभा चुनाव में तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को नोटिस तक मिल गया था। पढ़ें, सालभर में सामने आए ऐसे ही कुछ बयान...
1. गिरिराज सिंह, केंद्रीय पशुपालन मंत्री
जगह- पूर्णिया, तारीख- 19 फरवरी 2019, मौका था- प्रेस कॉन्फ्रेंस
‘पूर्वजों से भूल हो गई, मुसलमान भाइयों को 1947 में पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए था।’
जगह- सहारनपुर, तारीख- 12 फरवरी 2019, मौका था- सीएए-एनआरसी के समर्थन में रैली
‘देवबंद आतंकवाद की गंगोत्री है। दुनिया में आतंकवाद की घटनाओं का जुड़ाव देवबंद से ही रहा है।’
जगह- ट्विटर, तारीख- 6 फरवरी, मौका था- दिल्ली विधानसभा चुनाव
‘शाहीन बाग सुसाइड बॉम्बर का जत्था बनता जा रहा है। सुसाइड बम, खिलाफत आंदोलन-2 से देश को सजग करना होगा।’
2. अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री
जगह- रिठाला, तारीख- 27 जनवरी, मौका था- दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए रैली
"देश के गद्दारों को...' बयान काफी विवादास्पद रहा। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। बाद में 72 घंटे प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी।
3. थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण
जगह- मंदसौर, तारीख- 12 जनवरी, मौका था- सीएए-एनआरसी के समर्थन में रैली
"बहुत सारे लोग बोलते हैं कि साहब जब धार्मिक आधार पर पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र बन गया, तो हमने यहां मुसलमानों को क्यों रखा है, सभी को वहां भेजना था और वहां के हिंदू, सिख, ईसाइयों और जितने भी थे, उन सबको यहां बुला लेना था। अब उस समय की परिस्थिति के हिसाब से जो होना था, वो हो गया। लेकिन अगर इसी तरह का वातावरण बना रहा तो वैसी परिस्थिति हमारे सामने आ सकती है।"
4. साध्वी निरंजन ज्योति, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री
जगह- दिल्ली, तारीख- 31 दिसंबर, मौका था- मीडिया ब्रीफिंग
"प्रियंका नकली गांधी हैं और उन्हें अपने नाम के साथ अपने दादा फिरोज गांधी का नाम जोड़कर लिखना चाहिए।’
निरंजन ज्योति ने प्रियंका के इस बयान पर पलटवार किया था
प्रियंका ने कहा था, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने भगवा धारण किया है। भगवा आपका नहीं है। यह हिंदू धर्म का है, जिसमें हिंसा और रंज का कोई स्थान नहीं है।"
5. संजीव बालियान, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य राज्य मंत्री
जगह- मेरठ, तारीख- 23 जनवरी, मौका था- सीएए-एनआरसी के समर्थन में रैली
‘जेएनयू और जामिया मिल्लिया में देश विरोधी नारों का इलाज पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग हैं। वेस्ट यूपी का इन यूनिवर्सिटीज में 10 फीसदी आरक्षण कर दिया जाए तो वे सबका इलाज कर देंगे।'
अमित शाह ने भी माना था- मंत्रियों के बयानों की वजह से दिल्ली चुनाव में हार मिली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद 'गोली मारो' और 'भारत-पाकिस्तान' जैसे बयानों पर गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, "हम हार स्वीकार करते हैं। गोली मारो और भारत-पाकिस्तान जैसे बयान नहीं होने चाहिए थे।"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस वक्त गिरिराज सिंह के बयानों पर गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर नाराजगी जताई थी। कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 17-18 फरवरी को सिंह को दिल्ली बुलाया था और ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी।
मोदी हमेशा वाणी, बर्ताव, आचार और विचार से खुद को बदलने की बात कहते रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में नवनिर्वाचित सांसदों से कहा था कि छपास और दिखास से बचना चाहिए। इससे अगर बचकर चलते हैं तो बहुत कुछ बचा सकते हैं। हमारा मोह हमें संकट में डालता है। इसलिए हमारे नए और पुराना साथी इन चीजों से बचें क्योंकि अब देश माफ नहीं करेगा। हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं। हमें इन्हें निभाना है। वाणी, बर्ताव, आचार और विचार से हमें अपने आपको बदलना होगा।
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