आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ स्क्रैप टायर से फुटवियर बनाना शुरू किया, सालाना 7 लाख रुपए का बिजनेस

पुणे की रहने वाली 28 साल की आईटी प्रोफेशनल पूजा आप्टे बादामीकर अपनी अच्छी-खासी नौकरी छाेड़कर स्क्रैप टायर से फुटवियर बना रही हैं। उनका यह इनोवेशन पर्यावरण बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है। वे हर महीने 200 पीस फुटवियर बना कर सालाना 7 लाख रुपए का बिजनेस कर रही हैं।

पुणे यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकॉम इंजीनियरिंग करने के बाद पूजा को एक आईटी कंपनी में नौकरी मिल गई थी। पूजा ने वहां चार साल तक काम किया। इसी दौरान उन्होंने दिल्ली की टेरी यूनिवर्सिटी से रिन्युएबल एनर्जी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। कोर्स के दौरान उन्होंने अप साइकलिंग और रीसाइकलिंग के बारे में पढ़ना शुरू किया। तब उन्हें पता चला कि प्लास्टिक के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन टायर का इश्यू सीरियस होने के बाद भी बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं।

2018 में अपकमिंग वुमन एंटरप्रन्योर कैटेगरी में प्राइज जीता

पूजा कहती हैं- दुनिया में हर साल सौ करोड़ स्क्रैप टायर जेनरेट होते हैं। इसमें से सिर्फ 0.1 प्रतिशत ही रीयूज और रीसाइकिल करते हैं। ऐसे में बहुत से टायर लैंड फिल में ऐसे ही पड़े रहते हैं। इस पर पढ़ना और रिसर्च करना शुरू किया तो मुझे अफ्रीकी समुदायों के बारे में पता चला, जो टायर के स्क्रैप से फुटवियर बना रहे थे। मैं उनसे प्रेरित हुई और सुंदर जूते डिजाइन करने के लिए प्लान पर काम करने का फैसला लिया। कुछ ही समय बाद मैंने ट्रक और विमान के टायर के स्क्रैप से दो प्रोटोटाइप डिजाइन किए और उन्हें 'स्टार्टअप इंडिया’ में पेश किया। इस डिजाइन को काफी सराहा गया और 2018 में मुझे अपकमिंग वुमन एंटरप्रेन्योर श्रेणी में 50,000 रुपए का पुरस्कार भी मिला। इस तरह मैंने अपना ब्रांड Nemital शुरू किया।

पूजा कहती हैं- हम मेंस, वुमंस कैटेगरी में 35 तरह के प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सेल करते हैं।

पूजा के लिए ये प्रोटोटाइप बनाना इतना आसान नहीं था। वो कहती हैं- जब मैं लोकल कॉबलर (मोची) के पास गई तो पहले तो उन्होंने मना ही कर दिया कि ये नहीं बन पाएगा। कुछ कॉबलर की मदद से उन्होंने प्रोटाेटाइप तैयार किए। पुरस्कार में मिली राशि मैंने प्रोडक्ट के रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च की। अप्रैल 2019 में मैंने मार्केट में प्रोडक्ट लॉन्च किए।

पूजा कहती हैं- हम मेंस, वुमंस कैटेगरी में 35 तरह के प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं। इन्हें हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सेल करते हैं। इसके अलावा पुणे में हमारा एक छोटा सा वेयर हाउस कम स्टूडियो है। यहां से भी हम प्रोडक्ट सेल करते हैं। यहां हमारा रॉ मटीरियल और डिजायनिंग का काम भी होता है।

पूजा ने बताया कि मैं शुरुआत में खुद ही फैब्रिक पसंद करती थी। मैं ही टायर लाती और प्रोडक्ट डिजायनिंग करती थी, यानी मैं एक सोलोप्रेन्योर की तरह काम करती थी। आठ महीने पहले ही हमारे साथ एक डिजायनर जुड़े हैं। वह फुटवियर इंडस्ट्री से हैं।

बिजनेस शुरू करने के लिए इंवेस्ट किए एक लाख रुपए

पूजा का कहना है कि मेरी अच्छी-खासी नौकरी थी। सैलरी छोड़कर जीरो से शुरू करना पर्सनल लेवल पर बहुत बड़ा चैलेंज था। जो भी स्टार्टअप करने का सोच रहे हैं, वो ये जान लें कि स्टार्टअप शुरू करने के 6 महीने के अंदर ही अगर आप सैलरी जितनी कमाई का सोचते हैं तो आप गलत हैं।

पूजा ने ट्रक और विमान के टायर के स्क्रैप से दो प्रोटोटाइप डिजाइन किए थे। इसके लिए उन्हें अपकमिंग वुमन एंटरप्रन्योर श्रेणी में 50,000 रुपए का पुरस्कार भी मिला।

फुटवियर प्रोडक्शन के बारे में पूजा बताती हैं कि इसे हमने अलग-अलग हिस्सों में बांटा है। इसमें सबसे पहले टायर के प्रोक्योरमेंट एंड कटिंग का प्रोसेस आता है। इसके लिए हम रेगपिकर्स की मदद लेते हैं। इसके अलावा पायरोलिसिस प्लांट को टायर पहुंचाने वालों से भी टायर लेते हैं। इसके बाद बॉटम तैयार करने की प्रोसेस होती है।

इस दौरान बॉटम में कुशनिंग लेयर लगाई जाती है। यह एक अलग कारीगर बनाता है। इसके बाद अपर लेयर का काम होता है। एक टेलर मैडम अलग-अलग फैब्रिक और कुशनिंग के अपर लेयर बनाती हैं। आखिर में एक कॉबलर इन सबको जोड़ने का काम करता है। इस तरह फाइनल प्रोडक्ट तैयार होता है।

पूजा बताती हैं- हमारे पास दो तरह के ऑर्डर आते हैं, बल्क और दूसरा कस्टमाइजेशन। अभी हम हर महीने हम 200 पीस का प्रोडक्शन करते हैं। हमारा सालाना रेवेन्यू 7 लाख रुपए का है। उन्होंने इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 1 लाख रुपए इंवेस्ट किए थे। इसमें 50 हजार रुपए रिसर्च और 50 हजार रॉ मटीरियल पर खर्च किए थे।

एक कस्टमर और एक ऑर्डर से शुरू करें बिजनेस

पूजा का कहना है कि अगर कोई शख्स ये बिजनेस करना चाहता है तो आइडिया मुश्किल नहीं है, लेकिन इसको बनाना इतना आसान भी नहीं है। इसलिए शुरू में आप एक कस्टमर और एक ऑर्डर से शुरू कीजिए। यदि आपने उस कस्टमर को कुशनिंग, कंफर्ट और स्टाइल में संतुष्ट कर लिया तो आगे बढ़िए और नहीं तो पहले अपने इस एक कस्टमर को ही प्रोडक्ट की क्वालिटी से संतुष्ट कीजिए। इसमें शुरुआती इंवेस्टमेंट 50 हजार रुपए से ज्यादा का नहीं है। पूजा कहती हैं- हम 2021 तक तो कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च नहीं करेंगे। अभी हम एक्सपोर्ट के लिए कोशिश कर रहे हैं।



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पुणे की रहने वाली पूजा आप्टे बादामीकर अपनी अच्छी-खासी नौकरी छाेड़कर स्क्रैप टायर से फुटवियर बनाने का काम करती हैं।


source https://www.bhaskar.com/db-original/news/quit-the-it-company-job-and-started-making-footwear-from-scrap-tires-making-200-footwear-every-month-7-lakh-business-annually-128067999.html

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