श्रीलंका में तमिलों के लिए आवास बनाने का काम मोदी सरकार ने किया? अमित शाह ने सिर्फ आधा सच बताया
क्या हो रहा है वायरल: 21 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु का 2 दिवसीय दौरा किया। अगले साल तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलों को लेकर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए अमित शाह ने कहा कि श्रीलंका में भी पीएम मोदी ने ही 50,000 तमिलों को आवास दिलाने के लिए प्रोजेक्ट की शुरुआत की।
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा- जब पीएम मोदी श्रीलंका के दौरे पर गए तब भी जाफना को नहीं भूले। वहां बस्तियों में जाकर अपने तमिल भाइयों-बहनों से मिले। और उनको आवास दिलाने के लिए प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। लगभग 50,000 से ज्यादा परिवारों को श्रीलंका में आवास मिलने हैं। क्षतिग्रस्त मंदिरों के पुनर्निर्माण का काम भी शुरू होगा।
अपने भाषण में अमित शाह ने श्रीलंका के तमिलों को आवास उपलब्ध कराए जाने का श्रेय मोदी सरकार को दिया।
और सच क्या?
- सबसे पहले हमने उस योजना की शुरुआत से जुड़ी जानकारी खंगालनी शुरू की, जिसके तहत श्रीलंका में रह रहे तमिल नागरिकों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। श्रीलंका में भारतीय दूतावास की ऑफिशियल वेबसाइट पर इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
- श्रीलंका में उपजे गृहयुद्ध के दौरान 1 लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इनमें से अधिकतर पीड़ित तमिल ही थे। इन्हीं पीड़ित तमिल परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने श्रीलंका में इंडिया हाउसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की।
- अमित शाह का दावा है कि बेघर तमिलों को आवास दिलाने के प्रोजेक्ट का शिलान्यास मोदी ने किया। जबकि दूतावास की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसकी घोषणा की थी। तय हुआ था कि भारत सरकार 1,372 करोड़ रुपए की लागत से 50,000 तमिलों के लिए श्रीलंका में आवास बनवाएगी।
- इंडिया हाउसिंग प्रोजेक्ट की ऑफिशियल वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है कि किस चरण में कितने आवास बनाए गए। मनमोहन सिंह सरकार ने 2010 में श्रीलंका में 50,000 आवास बनाने की घोषणा की। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अप्रैल 2011 से 1,000 आवास बनाने का काम शुरू हुआ था। जुलाई 2012 में इस काम को पूरा कर लिया गया था।
- 17 जनवरी 2012 को भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच बचे हुए 49,000 आवासों का निर्माण पूरा करने को लेकर एक एमओयू साइन हुआ था। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में 45,000 आवास बनाए जाने का काम 2012 में शुरू हुआ और 2018 में ये काम पूरा हो गया। यानी यूपीए के कार्यकाल में कुल 46,000 आवास बने।
- प्रोजेक्ट के तीसरे चरण का काम एनडीए के कार्यकाल में शुरू हुआ। अप्रैल 2016 में भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच लेटर ऑफ एक्सचेंज साइन हुआ। जिसमें बचे हुए 4,000 आवास बनाया जाना तय हुआ। आवास बनने का काम अक्टूबर 2016 में शुरू हो गया।
- तीसरे चरण में आवास बनाने के लिए लगने वाले संसाधन मिलने में कई असुविधाएं आ रही थीं। जिन्हें देखते हुए भारत सरकार ने तय किया कि हर लाभार्थी को आवास की बजाए सीधे 9.5 लाख श्रीलंकाई रुपए दे दिए जाएंगे।
- 12 मई 2017 को पीएम मोदी ने श्रीलंका का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने एस्टेट कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त 10,000 घरों के निर्माण की भी घोषणा की। अगस्त 2018 में इसको लेकर दोनों देशों में औपचारिक समझौता भी हुआ।
- अमित शाह जिन 50,000 आवासों के निर्माण की नींव रखने का श्रेय पीएम मोदी को दे रहे हैं, उनमें से 46,000 आवास यूपीए के कार्यकाल में बन चुके थे। हालांकि, बाद में मोदी सरकार ने इसी प्रोजेक्ट के तहत 10,000 अतिरिक्त आवास बनाए जाने की भी घोषणा की।
- साफ है कि जिस योजना को शुरू करने का श्रेय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार को दिया। उस योजना की शुरुआत 2010 में हो चुकी थी, जब केंद्र में मोदी सरकार नहीं थी। अमित साह का दावा इस तरह पड़ताल में आधा झूठा निकला।
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