पटना के अनीसाबाद से कुछ ही कदम की दूरी पर बल्मीचक तीन मुहान है। वहां से अंदर दूर तक सड़क जाती है। सड़क बहुत चौड़ी नहीं है, पर आबादी खूब है। यह सड़क पुनपुन नहर तक जाती है। पटना के सबसे पास का गांव इधर ही है।
हम बढ़ते गए। दीवार पर गोइठा और उस पर महिलाओं के पंजों के निशान। गाय, भैंस और बकरियां दिखने लगीं हैं। ये क्या, यहां तो सड़क ही काट दी गई है। ...ओह, तो विकास हो रहा है। नमामि गंगे का प्रोजेक्ट वर्षों से इस सड़क पर चल रहा है। बनी बनाई सड़क इसी के लिए कई जगहों पर तोड़ी गई है। अभी जहां सड़क तोड़ी गई है, उस वजह से सड़क पर काफी कम जगह बची है। नतीजा खतरा...। सत्या गैस एजेंसी से 25 मीटर उत्तर की तरफ यह सड़क काटी गई है।
इस इलाके में जल निकासी की बड़ी समस्या है। पुराने नाले भर गए हैं। आगे दीनानाथ कांति के घर के पास एक जगह पश्चिम हिस्से का पानी निकालने के लिए सड़क को काट दिया, लोगों ने। अब पश्चिम से पूरब की तरफ पानी हो-हो बह रहा है। पानी जाम हो गया था तो पश्चिम का इलाका डूब रहा था।
वहीं खड़े कौशल यादव बताते हैं कि उन्होंने राबिश आदि डाल कर सड़क को चलने लायक बनाया है। प्रशासन को कहां सुध है ई सब देखने की। पहले सब कोरोना में व्यस्त थे। अब चुनाव में।
पास में ही खड़ा एक युवक बोल पड़ता है, देखे नहीं चुनाव गरमा गया है, पटना में। वीरचंद पटेल पथ पर भाजपा और जाप कार्यकर्ताओं में कैसे लाठी चली। लाठी तो एक बार जदयू और भाजपा के बीच भी चली थी इसी सड़क पर कई बरस पहले। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन के भाई का सिर फट गया था तब। बीच में एक दूसरे युवा ने टोका- छोड़अ ना, लालू जी जइसन लाठी है केकरो पास। कइसे लाठी में तेल पिलवले रहलें।
पगड़ी वाले बाबा ने चिंता जाहिर की कि कोरोना में कैसे होगा चुनाव? युवक ने जवाब दिया मास्क लगाते नहीं हैं कहियो और पूछ रहे हैं कैसे होगा चुनाव। अरे ऊ कोरोना-फोरोना पटना में है, गांव में सब शांति है। भर पेट वोट करना है। चुनाव आयोग सब इंतजाम करेगा न। आप काहे ला अपना माथा खराब करले हैं बाबा।
...नहीं चुनउवे के चक्कर में गांव में कोरोना न फैल जावे डर लग रहा है, आऊर कोनो बात नय है। जनता की चिंता केकरा पास केतना है, हमसे जादे जानते हो तुम सब। बाकि वोट त हमनी सब देबे न करब। छोटका आदमी सब को कउनो डर नय है, डर तो पढ़लका सब को है। हमको अभियो नय लगता है कि ऊ सब जावेगा। हमहू देखते हैं कितना परसेंटेज वोट पड़ता है अबकी बार !
दूसरे युवा ने कहा- जेतना वोट पड़ेगा ओतने में सरकार बनेगी, और क्या। केकरो मना किया गया है कि नय दो वोट। केतना नेता सब एन्ने से ओन्नो जा रहा है देख रहे हैं ना।
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी जदयू में चले गए। देखे कितना हो हल्ला हुआ सुशांत सिंह राजपूत पर। बाबा बोले, हां कुछ न कुछ बात लेके गरमाइल रहता है बिहार। बताव त चुनाव लड़े खातिर डीजीपी का पद छोड़ दिए गुप्तेश्वर। जनता की सेवा का भूत सवार है उन पर बाबा।
बाबा खिसिया गए। बोले, तुम सब हमको राजनीति नय पढ़ाव। सब जानते हैं हम, कौन काहे क्या कर रहा है। चिराग पासवान से उपेन्द्र कुशवाहा और गुप्तेश्वर पांडेय तक। हम गाना भी सुने हैं रॉबिन हुड बिहार के। अच्छा छोड़िए बाबा इ बताइए मुख्यमंत्री कौन बनेगा बिहार में?
बाबा इस बार कम बोले। कहा, कोई भी बने पर नीतीश कुमार को बुड़बक नहीं समझना, पक्कल खिलाड़ी हैं राजनीति के। घर में आग लगती है तो नाला का पानी भी लोग इस्तेमाल कर लेते हैं समझे बचवन। इ भी जान लो भगवान बुद्ध ने कहा था- पटना को आग और पानी से बड़ा खतरा रहेगा। देख रहे हो ना चिराग और उपेन्द्र को...। असली टक्कर भाजपा और जदयू में है, इ बात को गांठ बांध लो। ऊपर से सब चकाचक है। बूझे कि नय?
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source https://www.bhaskar.com/bihar-election/news/bihar-assembly-election-2020-who-will-win-what-patna-anisabad-voters-of-have-to-say-on-bjp-jdu-rjd-candidates-127769808.html