कोरोना महामारी के चलते देशभर में बंद मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को ई-सुनवाई में झारखंड के देवघर स्थित ऐतिहासिक बैद्यनाथ धाम मंदिर के मामले में कहा कि ई-दर्शन, भगवान के दर्शन करना नहीं होता। राज्य सरकार मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को केंद्र की गाइडलाइन का पालन करते हुए जाने की अनुमति दे।
मंदिर में सालाना श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति के लिए याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 3 जुलाई काे केवल ई-दर्शन की अनुमति दी थी। इस निर्णय को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चुनौती दी थी।
सरकार का तर्क- मंजूरी दी तो कोरोना का खतरा बढ़ेगा
जस्टिस मिश्रा: कोरोनाकाल में जब पूरा देश खुल रहा है तो मंदिर, मस्जिद, चर्च व अन्य धार्मिक स्थल क्यों बंद? महत्वपूर्ण दिनों में उन्हें क्यों नहीं खुलना चाहिए?
राज्य सरकार: अनुमति दी तो अव्यवस्था फैलेगी। कोरोना का खतरा बढ़ेगा। मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। उन पर काबू मुश्किल होगा। इसलिए मंदिर खोलने की मंजूरी नहीं दे सकते।
जस्टिस मिश्रा: ऐतिहासिक बैद्यनाथ धाम मंदिर में सीमित संंख्या में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसी व्यवस्था बनाएं, जिससे श्रद्धालु बिना जोखिम के दर्शन कर सकें।
राज्य सरकार: सरकार ने मंदिर प्रबंधन के साथ मिलकर ई-दर्शन की सुविधा की है। इससे बिना कोरोना संक्रमण के श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
जस्टिस मिश्रा (नाराजगी से): मंदिर में ई-दर्शन करना, भगवान का दर्शन करना नहीं होता।
याचिकाकर्ता: तीर्थस्थान पर जाकर भगवान से अपनी मुराद मांगने का अलग महत्व होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4.30 बजे स्मार्ट इंडिया हैकाथन के ग्रांड फिनाले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। वे स्टूडेंट्स से बात भी करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि यंग इंडिया टैलेंट से भरा हुआ है। हैकाथन में इनोवेशन और एक्सीलेंस का जोश दिख रहा है।
मोदी ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथन कल्पना और नई खोजों के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। इस वक्त हमारे युवा कोरोना के बाद की दुनिया पर फोकस कर रहे हैं। साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाने के रास्तों पर आगे बढ़ रहे हैं।
The Smart India Hackathon has emerged as a vibrant forum to ideate and innovate. Naturally, this time our youth would be focussing on the post-COVID world in their innovations, along with ways to create an Aatmanirbhar Bharat. https://t.co/4c8zXNx7mT
स्मार्ट इंडिया हैकाथन क्या है?
देशभर के स्टूडेंट्स को डेली लाइफ में आने वाली दिक्कतों को सॉल्व करने का प्लेटफॉर्म देने के लिए एक इनीशिएटिव है। इसमें प्रोडक्ट इनोवेशन का कल्चर और प्रॉब्लम सॉल्विंग की सोच के साथ काम करना होता है। सरकार का कहना है कि इस हैकाथन के जरिए कुछ नया करने के आइडिया को युवाओं के बीच प्रमोट करने में कामयाबी मिली है।
स्मार्ट इंडिया हैकाथन का पहला एडिशन 2017 में हुआ था। उसमें 42 हजार स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया था। 2018 में ये संख्या 1 लाख और 2019 में 2 लाख पहुंच गई। इस साल पहले राउंड में 4.5 लाख से भी ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस बार ग्रांड फिनाले ऑनलाइन हो रहा है। इसमें 10 हजार से ज्यादा छात्रों के बीच 243 समस्याओं को सुलझाने के लिए कंपीटीशन है। ये समस्याएं 37 केंद्रीय विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 इंडस्ट्रीज से जुड़ी हैं।
पहले से ही पार्टी में विरोध का सामना कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुश्किलें और बढ़ गईं। उनकी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के सीनियर लीडर नारायणकाजी श्रेष्ठा ने ओली के भारत और अयोध्या पर दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए इन्हें बेहूदा बताया। श्रेष्ठा के मुताबिक, ओली के बयानों की वजह से भारत और नेपाल के रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
श्रेष्ठा पार्टी की सबसे मजबूत इकाई सेंट्रल कमेटी के सचिव तो हैं ही, इसके अलावा वे पार्टी के प्रवक्ता भी हैं।
दो बयानों के कारण मुश्किल
ओली ने पिछले दिनों भगवान राम का जन्मस्थान नेपाल के बीरगंज जिले के थोरी में बताया था। इसके पहले वो भारत पर उन्हें कुर्सी से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगा चुके थे। भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। लेकिन, ओली को जवाब उनकी ही पार्टी की सीनियर लीडरशिप से मिल रहा है। मुख्य विरोधी प्रचंड की अगुआई वाला खेमा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
ऐसे बयान झुंझलाहट पैदा करते हैं
ओली के बयानों पर श्रेष्ठा ने एक इंटरव्यू में कहा, “इस तरह के बयान गलत, गैरजरूरी, फिजूल हैं। इससे झुंझलाहट आती है। एक प्रधानमंत्री इस तरह की बातें कैसे कर सकता है। ये तो भारत से हमारे रिश्ते बिगाड़ने वाली बातें हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री ने भारत विरोधी बयान देकर भयानक गलती है। अगर हमारे बीच कुछ मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।”
पार्टी ही साथ नहीं
श्रेष्ठा ने ओली के तीन बयानों और तीन गलतियों को स्वीकार किया। साथ ही इशारों में ये भी साफ कर दिया कि पार्टी इन बयानों का समर्थन नहीं करती। इस प्रवक्ता के मुताबिक- सत्यमेव जयते, अयोध्या और सरकार गिराने की साजिश वाले ओली के बयान आधारहीन हैं। नेपाल को हमेशा भारत से अच्छे रिश्ते रखने होंगे। हम सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि हर रूप में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। बेहतर होता ओली एक प्रधानमंत्री के तौर पर राजनयिक मूल्यों को समझते।
अमेरिका में एक हवाई दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई। हादसा अलास्का के सोलडोन्टा शहर से कुछ किलोमीटर दूर हुआ। जानकारी के मुताबिक, दो छोटे विमान हवा में टकरा गए। मारे गए लोगों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के एक स्टेट असेंबली मेंबर गैरी नोप भी शामिल हैं।
सिंगल इंजन वाले प्लेन थे
न्यूयॉर्क टाइम्स ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया- दोनों एयरक्राफ्ट सिंगल इंजन वाले थे। इनमें से एक हैविललैंड डीएचसी-2 बीवर और दूसरा पाइपर-पी12 था। दोनों ही विमानों ने सोलडोन्टा एयरपोर्ट से उड़ान भरी। एंकोरेज शहर से करीब 150 मील दूर हवा में यह आपस में टकरा गए। जानकारी के मुताबिक, फिलहाल अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
किसकी गलती?
अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि हादसा किसकी गलती की वजह से हुआ। इसकी वजह ये है कि दुर्घटना एयरपोर्ट से काफी दूर हुई। उस वक्त मौसम बिल्कुल साफ था। दोनों विमानों के उड़ान भरने के वक्त में भी काफी अंतर था। घटना के वक्त विजिबिलिटी भी 10 किलोमीटर से ज्यादा थी। इस क्षेत्र में पायलट भी एक ही फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करते हैं। लिहाजा, ये मानना भी मुश्किल है कि दोनों पायलटों की एटीसी से बातचीत नहीं हुई होगी। बहरहाल, मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, वो शुरुआती जांच के बाद ही बयान जारी करेगी।
दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 77 लाख 54 हजार 190 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 11 लाख 58 हजार 280 ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 82 हजार 885 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि देश में फिलहाल पाबंदियों में राहत नहीं दी जाएगी। यहां शनिवार से पाबंदियों में कुछ छूट दिया जानी थी।
उन्होंने कहा कि महामारी से बचाव के नियम दो हफ्तों तक बरकरार रहेंगे। ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में नए मामले सामने आने के बाद यह फैसला किया गया है। हमारे संक्रमण और मौतों के मामले कम हुए हैं। हालांकि, कुछ यूरोपीय देशों में इसके आंकड़े बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमें भी किसी भी खतरे से बचने के लिए तैयार रहना होगा।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
47,05,889
1,56,747
23,27,572
ब्राजील
26,66,298
92,568
18,84,051
भारत
16,97,054
36,551
10,95,647
रूस
8,39,981
13,963
6,38,410
द.अफ्रीका
4,93,183
8,005
3,26,171
मैक्सिको
4,24,637
46,688
2,78,618
पेरू
4,07,492
19,021
2,83,915
चिली
3,55,667
9,457
3,28,327
स्पेन
3,35,602
28,443
उपलब्ध नहीं
ईरान
3,04,204
16,766
2,63,519
पेरू: 31 अगस्त तक इमरजेंसी बढ़ाई गई
पेरू की सरकार ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इमरजेंसी 31 अगस्त तक बढ़ा दी है। राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा ने शुक्रवार को इससे जुड़ा आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि इमरजेंसी के दौरान लोगों की निजी आजादी और सुरक्षा के संवैधानिक हकों के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक देश में कर्फ्यू रहेगा।
ब्राजील: 52 हजार से ज्यादा नए मामले
ब्राजील में 24 घंटे में 52 हजार 383 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 26 लाख 62 हजार 485 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय शुक्रवार को बताया कि देश में मृतकों की संख्या 92 हजार 475 हो गई है। अब तक 18 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके है। ब्राजील संक्रमण और मौत के मामलों में दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
अर्जेंटीना: लॉकडाउन 16 अगस्त तक बढ़ाया गया
अर्जेंटीना सरकार ने 16 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राजधानी ब्यूनस आयर्स में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। अन्य जगहों पर भी संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में फिलहाल लॉकडाउन में राहत नहीं दी जा सकती। देश में 20 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था।
चीन: कोरोना के 45 नए मामले
चीन में 24 घंटे में 45 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 39 लोकल ट्रांसमिशन के मामले हैं। यहां के हेल्थ कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मामले शिनजियांग से और 8 लियाओनिंग राज्य में सामने आए हैं। शुक्रवार को यहां संक्रमण से कोई मौत नहीं हुई। एक दिन पहले यहां 127 नए मामले आए हैं। इनमें से 112 शिनजियांग से सामने आए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4.30 बजे स्मार्ट इंडिया हैकाथन के ग्रांड फिनाले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। वे स्टूडेंट्स से बात भी करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि यंग इंडिया टैलेंट से भरा हुआ है। हैकाथन में इनोवेशन और एक्सीलेंस का जोश दिख रहा है।
मोदी ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथन कल्पना और नई खोजों के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। इस वक्त हमारे युवा कोरोना के बाद की दुनिया पर फोकस कर रहे हैं। साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाने के रास्तों पर आगे बढ़ रहे हैं।
The Smart India Hackathon has emerged as a vibrant forum to ideate and innovate. Naturally, this time our youth would be focussing on the post-COVID world in their innovations, along with ways to create an Aatmanirbhar Bharat. https://t.co/4c8zXNx7mT
स्मार्ट इंडिया हैकाथन क्या है?
देशभर के स्टूडेंट्स को डेली लाइफ में आने वाली दिक्कतों को सॉल्व करने का प्लेटफॉर्म देने के लिए एक इनीशिएटिव है। इसमें प्रोडक्ट इनोवेशन का कल्चर और प्रॉब्लम सॉल्विंग की सोच के साथ काम करना होता है। सरकार का कहना है कि इस हैकाथन के जरिए कुछ नया करने के आइडिया को युवाओं के बीच प्रमोट करने में कामयाबी मिली है।
स्मार्ट इंडिया हैकाथन का पहला एडिशन 2017 में हुआ था। उसमें 42 हजार स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया था। 2018 में ये संख्या 1 लाख और 2019 में 2 लाख पहुंच गई। इस साल पहले राउंड में 4.5 लाख से भी ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस बार ग्रांड फिनाले ऑनलाइन हो रहा है। इसमें 10 हजार से ज्यादा छात्रों के बीच 243 समस्याओं को सुलझाने के लिए कंपीटीशन है। ये समस्याएं 37 केंद्रीय विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 इंडस्ट्रीज से जुड़ी हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा शनिवार सुबह 16 लाख 97 हजार 54 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटे में देश में 57 हजार 486 मरीज बढ़े। यह एक दिन का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इससे पहले गुरुवार को सबसे ज्यादा 54 हजार 750 मरीज मिले थे। शुक्रवार को सबसे ज्यादा 10,376 संक्रमित आंध्र प्रदेश में मिले। महाराष्ट्र में 10,320 मरीज सामने आए। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।
उधर, दिल्ली में सीरो-सर्वे का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है। यह सर्वे 1 से 5 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली समेत चार जिलों में 15 हजार सैंपल्स इकट्ठे किए जाएंगे। राज्य सरकार ने इससे पहले सीरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई तक किया था। इस दौरान 20 हजार सैंपल लिए गए थे।
दरअसल, सीरो सर्वे के तहत यह पता लगाया जाता है कि किन लोगों में एंटीबॉडीज डेवलप हो रही हैं। इसकी दर क्या है? कहने का मतलब- अगर किसी व्यक्ति को कोरोना होता है। उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता है, तो ऐसे व्यक्ति के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं, जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती हैं। इसे ही हर्ड इम्युनिटी कहते हैं।
5 राज्यों का हाल मध्य प्रदेश: राज्य के किसी भी जिले में लॉकडाउन लगाने का फैसला अब कलेक्टर नहीं कर सकेंगे। उन्हें जिले में लॉकडाउन करने से पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही राज्य में 1 से 14 अगस्त तक किल कोरोना अभियान पार्ट-2 शुरू किया जाएगा। इसके लिए नारा दिया है- संकल्प की चेन जोड़ो, कोरोना की चेन तोड़ो।
राजस्थान: राज्य में लगातार 7वें दिन एक हजार से ज्यादा नए रोगी सामने आए। शुक्रवार को 1147 रोगी मिले। जयपुर और बीकानेर में 4-4, अजमेर में 3 और बाड़मेर-नागौर में एक-एक व्यक्ति ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। अलवर में कलेक्ट्रेट स्थित कोरोना कंट्रोल रूम के ही चार कर्मचारी पॉजिटिव निकले। राजगढ़ में एसीजेएम कोर्ट के 8 कर्मी रोगी मिले। स्थानीय प्रशासन का दावा है कि अलवर में 185 नए रोगी आए, जबकि राज्य स्तरीय सूची में 90 ही हैं।
महाराष्ट्र: शुक्रवार को राज्य में 10,320 नए मामले सामने आए हैं। वहीं संक्रमण के चलते 265 लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,22,118 हो गए हैं। इसमें 2,56,158 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि राज्य में अब तक 14,994 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब 1,50,662 एक्टिव मामले हैं।
बिहार: राज्य में शुक्रवार को रिकॉर्ड 2986 मरीज मिले। इससे संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार पार कर गया। उधर, राज्य में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार इजाफा हो रहा है। यह 9.3% हो गई है, जो राष्ट्रीय संक्रमण की दर 8.70% से ज्यादा है। राज्य में अब तक 5 लाख 48 हजार 172 सैंपल की जांच हुई है। जुलाई की अगर बात करें तो इस महीने 3 लाख 27 हजार 282 सैंपल की जांच हुई है और 40999 केस सामने आए। यानि हर 8 सैंपल में से एक संक्रमित मिल रहा है। अच्छी बात यह है कि एक हफ्ते पहले राज्य में जहां रोज 10 हजार सैंपल की जांच हो रही थी, वह अब बढ़कर 22 हजार पहुंच गई है।
उत्तर प्रदेश: राज्य में अब तक 23 लाख 25 हजार 428 टेस्ट किए जा चुके हैं। 5 सैंपल के 3358 पूल लगाए गए, जिसमें से 531 में पॉजिटिविटी पाई गई और 10 सैंपल के 302 पूल लगाए गए, जिसमें से 30 में पॉजिटिविटी पाई गई। उन्होंने बताया कि अब तक सर्विलांस से 40 हजार 823 इलाकों में 1 करोड़ 47 लाख 08 हजार 791 घरों का सर्विलांस किया गया है। इनमें 7 करोड़ 44 लाख 89 हजार 777 लोग रहते हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा शनिवार सुबह 16 लाख 97 हजार 54 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटे में देश में 57 हजार 486 मरीज बढ़े। यह एक दिन का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इससे पहले गुरुवार को सबसे ज्यादा 54 हजार 750 मरीज मिले थे। शुक्रवार को सबसे ज्यादा 10,376 संक्रमित आंध्र प्रदेश में मिले। महाराष्ट्र में 10,320 मरीज सामने आए। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।
उधर, दिल्ली में सीरो-सर्वे का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है। यह सर्वे 1 से 5 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली समेत चार जिलों में 15 हजार सैंपल्स इकट्ठे किए जाएंगे। राज्य सरकार ने इससे पहले सीरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई तक किया था। इस दौरान 20 हजार सैंपल लिए गए थे।
दरअसल, सीरो सर्वे के तहत यह पता लगाया जाता है कि किन लोगों में एंटीबॉडीज डेवलप हो रही हैं। इसकी दर क्या है? कहने का मतलब- अगर किसी व्यक्ति को कोरोना होता है। उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता है, तो ऐसे व्यक्ति के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं, जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती हैं। इसे ही हर्ड इम्युनिटी कहते हैं।
5 राज्यों का हाल मध्य प्रदेश: राज्य के किसी भी जिले में लॉकडाउन लगाने का फैसला अब कलेक्टर नहीं कर सकेंगे। उन्हें जिले में लॉकडाउन करने से पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही राज्य में 1 से 14 अगस्त तक किल कोरोना अभियान पार्ट-2 शुरू किया जाएगा। इसके लिए नारा दिया है- संकल्प की चेन जोड़ो, कोरोना की चेन तोड़ो।
राजस्थान: राज्य में लगातार 7वें दिन एक हजार से ज्यादा नए रोगी सामने आए। शुक्रवार को 1147 रोगी मिले। जयपुर और बीकानेर में 4-4, अजमेर में 3 और बाड़मेर-नागौर में एक-एक व्यक्ति ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। अलवर में कलेक्ट्रेट स्थित कोरोना कंट्रोल रूम के ही चार कर्मचारी पॉजिटिव निकले। राजगढ़ में एसीजेएम कोर्ट के 8 कर्मी रोगी मिले। स्थानीय प्रशासन का दावा है कि अलवर में 185 नए रोगी आए, जबकि राज्य स्तरीय सूची में 90 ही हैं।
महाराष्ट्र: शुक्रवार को राज्य में 10,320 नए मामले सामने आए हैं। वहीं संक्रमण के चलते 265 लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,22,118 हो गए हैं। इसमें 2,56,158 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि राज्य में अब तक 14,994 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब 1,50,662 एक्टिव मामले हैं।
बिहार: राज्य में शुक्रवार को रिकॉर्ड 2986 मरीज मिले। इससे संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार पार कर गया। उधर, राज्य में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार इजाफा हो रहा है। यह 9.3% हो गई है, जो राष्ट्रीय संक्रमण की दर 8.70% से ज्यादा है। राज्य में अब तक 5 लाख 48 हजार 172 सैंपल की जांच हुई है। जुलाई की अगर बात करें तो इस महीने 3 लाख 27 हजार 282 सैंपल की जांच हुई है और 40999 केस सामने आए। यानि हर 8 सैंपल में से एक संक्रमित मिल रहा है। अच्छी बात यह है कि एक हफ्ते पहले राज्य में जहां रोज 10 हजार सैंपल की जांच हो रही थी, वह अब बढ़कर 22 हजार पहुंच गई है।
उत्तर प्रदेश: राज्य में अब तक 23 लाख 25 हजार 428 टेस्ट किए जा चुके हैं। 5 सैंपल के 3358 पूल लगाए गए, जिसमें से 531 में पॉजिटिविटी पाई गई और 10 सैंपल के 302 पूल लगाए गए, जिसमें से 30 में पॉजिटिविटी पाई गई। उन्होंने बताया कि अब तक सर्विलांस से 40 हजार 823 इलाकों में 1 करोड़ 47 लाख 08 हजार 791 घरों का सर्विलांस किया गया है। इनमें 7 करोड़ 44 लाख 89 हजार 777 लोग रहते हैं।
13 मार्च 2006। ये वो दिन था जब अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी में बड़ा मर्जर हुआ था। इस दिन बोर्ड मीटिंग में तय हुआ कि रिलायंस इन्फोकॉम का रिलायंस कम्युनिकेशन वेंचर लिमिटेड में मर्जर होगा। इससे रिलायंस कम्युनिकेशन वेंचर लिमिटेड के शेयर प्राइस 67% बढ़ गए। इसका नतीजा ये हुआ कि इस दिन अनिल अंबानी की नेटवर्थ 45 हजार करोड़ रुपए हो गई थी। जबकि, उस दिन बड़े भाई मुकेश की नेटवर्थ 37 हजार 825 करोड़ रुपए थी।
ये वो समय था जब नेटवर्थ के मामले में छोटा भाई, बड़े भाई से ऊपर आ गया था। जबकि, एक हफ्ते पहले ही फोर्ब्स की लिस्ट आई थी, जिसमें मुकेश अंबानी, अनिल से आगे थे। फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक, मार्च 2006 में मुकेश की नेटवर्थ 8.5 अरब डॉलर और अनिल की नेटवर्थ 5.7 अरब डॉलर थी।
दोनों भाइयों की बात इसलिए, क्योंकि आजकल चर्चा में दोनों ही भाई हैं। कुछ दिन पहले ही फ्रांस से राफेल फाइटर जेट आए हैं। इसे फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने तैयार किए हैं। राफेल डील में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस ऑफसेट पार्टनर है। और बड़े भाई मुकेश दुनिया के 5वें सबसे अमीर शख्स बन गए हैं।
जब दोनों भाई अलग हुए, तब दोनों की नेटवर्थ 7 अरब डॉलर थी
मुकेश अंबानी 1981 और अनिल अंबानी 1983 में रिलायंस से जुड़े थे। जुलाई 2002 में धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन बने। अनिल मैनेजिंग डायरेक्टर बने। नवंबर 2004 में पहली बार मुकेश और अनिल का झगड़ा सामने आया। जून 2005 में दोनों के बीच बंटवारा हुआ।
मार्च 2005 में मुकेश और अनिल की ज्वाइंट नेटवर्थ 7 अरब डॉलर थी। उससे पहले 2004 में दोनों की कंबाइंड नेटवर्थ 6 अरब डॉलर थी। जबकि, 2003 में महज 2.8 अरब डॉलर। मतलब कारोबार संभालने के दो साल में ही मुकेश और अनिल की नेटवर्थ ढाई गुना बढ़ गई थी।
मुकेश और अनिल की नेटवर्थ उस समय बढ़ी थी, जब लगातार दो साल से धीरूभाई अंबानी की नेटवर्थ में गिरावट आ रही थी। 2000 में धीरूभाई की नेटवर्थ 6.6 अरब डॉलर थी, जो 2002 में गिरकर 2.9 अरब डॉलर हो गई थी।
बंटवारे के बाद से 15 साल में मुकेश की नेटवर्थ 9 गुना बढ़ी
जून 2005 में दोनों के बीच बंटवारा तो हो गया। लेकिन, किस भाई को कौनसी कंपनी मिलेगी? इसका बंटवारा 2006 तक हो पाया था। बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकेमिकल के कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रो केमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आईं।
छोटे भाई ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप बनाया। इसमें आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेस जैसी कंपनियां थीं।
रिलायंस ग्रुप का बंटवारा होने से पहले तक मार्च 2005 में मुकेश और अनिल की ज्वाइंट नेटवर्थ 7 अरब डॉलर थी। उसके बाद 2006 से लेकर 2008 तक तो दोनों भाइयों की नेटवर्थ में ज्यादा अंतर नहीं था।
लेकिन, 2009 में आर्थिक मंदी आई। दुनियाभर के अमीरों की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई। मुकेश और अनिल अंबानी की संपत्ति में भी बड़ा फर्क यहीं से आना शुरू हुआ।
एक तरफ अरबपतियों की लिस्ट में अनिल की रैंकिंग गिरते गई और मुकेश की रैंकिंग बढ़ती गई। 2008 में मुकेश 5वें और अनिल 6वें नंबर पर थे। लेकिन, अब अनिल अंबानी तो अरबपतियों की लिस्ट से बाहर ही हो गए हैं।
2006 से लेकर अब तक मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में 9 गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। जबकि, फरवरी 2020 में ब्रिटेन की एक कोर्ट में अनिल कह चुके हैं कि उनकी नेटवर्थ जीरो है और वो दिवालिया हो चुके हैं।
मुकेश अंबानी टेलीकॉम में आए, तो सबसे बड़ा नुकसान छोटे भाई को हुआ
2002 का समय था। उस समय दोनों भाई साथ थे। धीरूभाई अंबानी भी थे। उस समय रिलायंस ग्रुप ने रिलायंस इन्फोकॉम से टेलीकॉम इंडस्ट्री में कदम रखा था। उस समय फोन पर बात करना महंगा होता था। उस समय रिलायंस ने सस्ते दामों में ग्राहकों को वॉइस कॉलिंग की सुविधा दी। कंपनी ने स्लोगन दिया ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’।
लेकिन, धीरूभाई की मौत के बाद रिलायंस इन्फोकॉम छोटे भाई अनिल के हिस्से में आ गई। ये वो समय था जब मोबाइल फोन का मार्केट तेजी से बढ़ रहा था। लेकिन, दोनों भाइयों के बीच एक समझौता हुआ था और वो समझौता ये था कि मुकेश ऐसा कोई बिजनेस शुरू नहीं करेंगे, जिससे अनिल को नुकसान हो। 2010 में ये समझौता भी खत्म हो गया।
2010 में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 4,800 करोड़ रुपए में इन्फोटेल ब्रॉडबैंड सर्विस लिमिटेड (आईबीएसएल) की 95% हिस्सेदारी खरीद ली। आईबीएसएल देश की पहली और इकलौती कंपनी थी, जिसने देश के सभी 22 जोन में 4जी ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम फैला दिया था। बाद में इसी का नाम ही ‘रिलायंस जियो’ पड़ा।
5 सितंबर 2016 को मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो लॉन्च कर दी। शुरुआत में कंपनी ने 6 महीने तक 4जी डेटा और वॉइस कॉलिंग फ्री रखी। इसका नतीजा ये हुआ कि रिलायंस जियो तेजी से बढ़ने लगी।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2016 में रिलायंस जियो के पास 1.5 करोड़ से ज्यादा ग्राहक आ गए थे। इस समय तक छोटे भाई अनिल की रिलायंस इन्फोकॉम कंपनी का मार्केट शेयर भी 8% से ज्यादा था।
जैसे-जैसे समय बीतता गया, प्राइस वॉर की वजह से अनिल की कंपनी के ग्राहक घटते गए और मुकेश की कंपनी के ग्राहक बढ़ते गए। अप्रैल 2020 तक जियो के पास 38 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। जबकि, रिलायंस के ग्राहकों की संख्या अब 18 हजार भी नहीं रह गई है।
मुकेश आगे बढ़ते रहे, अनिल कर्जदार बनते गए
जब दुनिया में आर्थिक मंदी आई, तो दुनिया भर के अमीरों का अच्छा-खासा नुकसान हुआ। मुकेश और अनिल की संपत्ति में भी भारी कमी आ गई। इस सबसे बड़े भाई मुकेश तो निकल गए, लेकिन छोटे भाई अनिल फंसते ही चले गए। एक तरफ बड़ा भाई का कारोबार बढ़ रहा था, तो दूसरी तरफ छोटे भाई पर कर्ज।
आज हालत ये है कि अनिल अंबानी दिवालिया होने की कगार पर हैं। तो दूसरी ओर मुकेश अंबानी अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को कर्जमुक्त कर चुके हैं। 31 मार्च 2020 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज था, लेकिन अब उनकी कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है। जबकि, अनिल अंबानी पर 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है।
एक ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनियों की मार्केट कैप 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। दूसरी ओर अनिल अंबानी की कंपनियों की मार्केट कैप 2 हजार करोड़ रुपए से भी कम हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2020 तक अनिल की कंपनियों की मार्केट कैप 1,645.65 करोड़ रुपए थी।
कोरोना के चलते भारत में तीन महीने का लॉकडाउन रहा। मार्च के आखिरी हफ्ते से लेकर जून तक लोगों की डिजिटल डिपेंडेंसी और भी बढ़ गई। लोगों ने इंटरनेट के जरिए घर से ही सारा काम किया और इससे टाइम पास भी किया। इस बात की चर्चा भी थी कि लॉकडाउन के चलते, इंटरनेट यूज बढ़ेगा और टेलीकॉम कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा।
हाल ही में रिलायंस जियो और एयरटेल ने वित्त वर्ष 2020-2021 के पहले तिमाही के लिए अपने आंकड़े जारी किए। जियो को लॉकडाउन में नए यूजर भी मिले और हर यूजर से उसकी कमाई भी बढ़ी। इसके साथ ही उसका फायदा भी बढ़ा।
लेकिन, एयरटेल के साथ ऐसा नहीं हुआ। लॉकडाउन में बीती इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसके यूजर घट गए। एयरटेल का बिजनेस 18 देशों में है उसके बाद भी उसका ये हाल है। वहीं, जियो सिर्फ भारत में बिजनेस करके भी एयरटेल के 18 देश के यूजर बेस के लगभग बराबरी पर आ खड़ी हुई है। एयरटेल को हर यूजर से उसकी कमाई में थोड़ा इजाफा तो हुआ लेकिन, उसका घाटा दो गुने से ज्यादा बढ़ गया।
अप्रैल-जून तिमाही इन दोनों कंपनियों की परफॉर्मेंस कैसी रही? दोनों कंपनियों के यूजर्स का डेटा कंजम्पशन कितना बढ़ा? दोनों के यूजर्स कितने बढ़े या घटे? लॉकडाउन में लोगों की कॉलिंग कितनी बढ़ी? इस रिपोर्ट में हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे।
कोरोना के चलते देश भर में पिछले चार महीनों से स्कूल बंद हैं। देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, यही वजह है कि अनलॉक-3 में भी स्कूलों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। इन सबके बीच कश्मीर की वादियों में बच्चे अब स्कूल के बंद कमरों की बजाय नीले आसमान के नीचे पहाड़ों के बीच ओपन पढ़ाई कर रहे हैं।
कश्मीर के बडगाम जिले के पहाड़ी क्षेत्र में रहने वालीं तस्लीमा बशीर आठवीं क्लास में पढ़ती हैं। तस्लीमा को पढ़ाई करना पसंद है। स्कूल ने वर्चुअल क्लासेज के जरिए पढ़ाई भी कराई, लेकिन ना तो तस्लीमा के घर में मोबाइल है और न ही उनके घर तक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच है। ऐसे में तस्लीमा खुद ही घर पर बैठकर जो मन आया वो पढ़ लेती थीं।
इसके बाद जब 1 जून से ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल की शुरूआत हुई तो यहां आने के बाद तस्लीमा के चेहरे पर एक अलग ही रौनक नजर आई। बडगाम जिले के दूधपथरी की वादियों में तस्लीमा की तरह कई बच्चे ओपन एयर स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। तस्लीमा कहती हैं कि इस तरह खुली वादियों के बीच पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।
मैं घर पर ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाती थी, क्योंकि मुझे कई और काम भी करने पड़ते थे। तस्लीमा की ही तरह और बच्चों को भी इस तरह के कम्युनिटी स्कूल में पढ़ना अच्छा लग रहा है। इन बच्चों के पेरेंट्स रोजाना पहाड़ की चढ़ाई पार करके इस कम्युनिटी स्कूल तक छोड़ने आते हैं।
मोबाइल फोन के अभाव में कई बच्चे अटेंड नहीं कर सके वर्चुअल क्लासेज
बडगाम जिले की चीफ एजुकेशन ऑफिसर फातिमा बानो बताती हैं कि जिले में 1,271 स्कूल हैं, इनमें 702 प्राइमरी, 422 मिडिल, 101 हाईस्कूल और 46 हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। यहां कुल 75 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए बडगाम जिले में 6,122 टीचर्स हैं। फातिमा पिछले 35 सालों से एजुकेशन सेक्टर से जुड़ी हैं और 31 अगस्त को उनका रिटायरमेंट हैं।
कुछ बच्चे मोबाइल, इंटरनेट के अभाव में वर्चुअल क्लासेज तक नहीं पहुंच सके
फातिमा बताती हैं कि काेरोना के दौरान जब हमने वर्चुअल क्लासेज की शुरुआत की तो 75 हजार बच्चों में से 61 हजार जूम व अन्य माध्यम से हमसे जुड़े। बाकी बच्चों के नहीं जुड़ने का कारण पूछा तो पता चला कि कुछ बच्चे अपने परिवारों के साथ वापस अपने प्रदेश चले गए जोकि यहां काम करने के लिए आते थे। जबकि, कुछ बच्चे मोबाइल, इंटरनेट के अभाव में वर्चुअल क्लासेज तक नहीं पहुंच सके।
उनके पेरेंट्स ने बताया कि वो इतने समर्थ नहीं हैं कि मोबाइल खरीद सकें। फातिमा बताती हैं कि उन बच्चों को कैसे जोड़ा जाए इसे लेकर मैंने कमिश्नर सेक्रेट्री और डायरेक्टर एजुकेशन से बात की और फिर ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल का विचार आया। जिले में 13 जोन हैं और हर जोन में 4 से 5 ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल संचालित हो रहे हैं। जहां 8 हजार से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
क्लास शुरू होने से पहले बच्चों को देते हैं फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर
बडगाम के जोनल एजुकेशन ऑफिसर मोहम्मद रमजान बताते हैं कि खुली हवा में पढ़ाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया जाता है। क्लास शुरू होने से पहले उन्हें फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर दिया जाता है। सभी बच्चों को आठ समूहों में उनकी उम्र के अनुसार बिठाया जाता है।
वहीं टीचर मंजूर अहमद कहते हैं कि हमें घर पर बैठकर वेतन लेना अच्छा नहीं लगता था। स्कूल की इमारत की तुलना में इन वादियों में पढ़ाने में ज्यादा अच्छा लगता है। कश्मीर में कोरोनावायरस महामारी के पहले से ही स्कूली शिक्षा प्रभावित हुई थी। पिछले साल सरकार ने यहां अनुच्छेद-370 हटाकर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर यहां कर्फ्यू लगा दिया था। कर्फ्यू हटने के कुछ महीनों बाद ही कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया।
इन कम्युनिटी स्कूल में नहीं हैं धूप, बारिश से बचने के इंतजाम
तंगधार में संचालित होने वाले इस कम्युनिटी स्कूल में 8वीं क्लास में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि यहां बाकी सब तो ठीक है लेकिन तेज धूप और बारिश में पढ़ाई नहीं हो पाती है, अगर अधिकारी यहां टेंट की व्यवस्था करा दें तो हम ज्यादा अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे।
वहीं, 7वीं क्लास में पढ़ने वाली अनीशा जौहर बताती हैं कि पहले टीचर्स घरों में आकर पढ़ाते थे, घर में इतनी जगह नहीं होती थी कि हम पढ़ाई कर सकें लेकिन कम्युनिटी स्कूल में पढ़ना अच्छा लगता है। वर्तमान में यह कम्युनिटी क्लासेज विंटर जोन में आने वाले जिलों में चल रही हैं, चूंकि पूरे प्रदेश में 2जी इंटरनेट ही चल रहा है, ऐसे में जूम क्लासेज में भी काफी दिक्कतें आती हैं।
ऐसे में कश्मीर संभाग में कम्युनिटी स्कूल की सफलता के बाद जम्मू संभाग में इसे शुरू किया गया है।